अगले वर्ष बने मिट्टी की देव प्रीतिमाएं : संकलन "गौसेवक" खोजी बाबा



गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस फिर जल्दी आ । मेरे शहर वासियों मीडिया संस्थानों प्रशासन के समस्त अधिकारियों राज्य सरकार विशेष करके नगर निगम और पोलूशन विभाग से आग्रह है कि १० दिन बाद कल भगवान गणपति जी का विसर्जन का दिन है जैसा हम सभी जानते हैं । 


    इस वर्ष कोविड-१९ माहमारी की वजह से जगह जगह जो हम लोग गणपति की स्थापना करते थे और भक्ति भाव से पूजन करते थे वह संभव नहीं हो पाया है हम लोगों ने अपने घरों में रहकर अपने घर के मंदिर में ही गणपति जी की स्थापना की और उनका आशीर्वाद ग्रहण किया ।मैं संध्या शर्मा लोक स्वर संस्था की तरफ से सभी शहर वासियों को जिन्होंने गणपति की स्थापना अपने घरों में की है उनसे आग्रह करना चाहती हूं कि उसे अपने घर के ही गमले में या बाग में या पास के किसी भी मैदान में विसर्जित कर दें ताकि कोविड- १९ की वजह से एक तो सोशल डिस्टेंसिंग का हम पालन कर सकें दूसरा यमुना नदी को भी हम प्रदूषण से बचा सकें । जितना हमारी जानकारी में आया है इस बार प्रशासन ने वा नगर निगम ने उतने इंतजाम नहीं किए हैं जितने हर साल पहले करती थी अतः उचित रहेगा गणपति जी की यात्रा ना निकाले ।


आगरा के समस्त नागरिकों को मीडिया संस्थानों को प्रशासन को नगर निगम को और प्रदूषण विभाग को आग्रह करना चाहता हूं कि अगर हमें किसी भी प्रकार की महामारी से बचना है और पर्यावरण को शुद्ध रखना है तो हम सब लोगों को मिलकर अगले साल प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां का निर्माण ना होने दें उनकी जगह उन निर्माताओं से मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण कराएं और उन्हीं मिट्टी के देव प्रतिमाओं की स्थापना हो ताकि हम उसे आसानी से विसर्जित करें और पर्यावरण को बचा सके कल के अखबार में पढ़ने के बाद हम पर्यावरण प्रेमियों को लगा कि अभी भी शहर के लोग पर्यावरण के प्रति चिंतित नहीं है व सचेत नहीं हो रहे हैं । प्रशासन लापरवाह है लोग अभी भी विसर्जन नदियों में ही कर रहे हैं यमुना में ही कर रहे हैं और बड़े-बड़े पंडाल लगाकर कोविड-१९ महामारी जैसे समय में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं । 


 कल धूमधाम से गणपति विसर्जन का उत्सव होगा । लेकिन अगले साल हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अप्रैल-मई से ही जागरूक हो और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे । गणपति , देवी मां की खूब धूमधाम से स्थापना भी करें , पूजन भी करें और पर्यावरण को भी बचाएं ।


                   - "गौसेवक" पं. मदन मोहन रावत

                                    "खोजी बाबा"