निम्नस्तरीय कन्टेन्ट प्रसारण वाले चैनलों को बन्द किया जाए। विधायक गुर्जर

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री को लिखा पत्र, कहा निम्नस्तरीय कन्टेन्ट प्रसारण वाले चैनलों को किया जाए बन्द, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का हो चुका है पतन


विधायक ने कहा समिति बनाकर पिछले दिनों के कंटेंट का हो अवलोकन, डीडी न्यूज़ चैनलों की संख्या बढ़ाई जाए


गुरुवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के खबरों के प्रसारण में कन्टेन्ट के गिरते स्तर पर चिंता जताते हुए ऐसे चैनलों को बन्द करने की सिफारिश करते हुए एक समिति के गठन की मांग की है जो पिछले दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा प्रसारित कन्टेन्ट का अवलोकन कर कार्रवाई की सिफारिश कर सकें।

सूचना प्रसारण मंत्रालय को लिखे पत्र में विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि देश की आजादी से लेकर पिछले कुछ वर्षों तक भारतीय मीडिया का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है जिसे वर्षों की तपस्या से अर्जित किया गया था। खासतौर पर 2-3 चैनलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर का कन्टेन्ट लो स्तर का हो गया हैं। विधायक ने प्रणब मुखर्जी के देहांत का उदाहरण देते हुए कहा कि इन चैनलों के पास देश के रत्न और गौरव डॉ प्रणब मुखर्जी के संस्मरण एवं उनके द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान से जुड़ी खबरों के स्थान पर रिया या कॉरोना जैसे विषय थे। अधिकांश चैनलों द्वारा समसामयिक विषय, भारतीय संस्कृति, देश के गौरव शहीद सैनिकों की गौरवगाथा, विज्ञान क्षेत्र में अनुसंधान, खेल-खिलाड़ियों के संघर्ष, 70 साल बाद रौशन हो रहे गांव-देहात से जुड़ी खबरें चैनलों से गायब की जा रही है। इन चैनलों के पास देश के महापुरुषों और राष्ट्रानिर्माताओं की जन्मतिथि और जयंती के दिन एक 'टिकर' तक चलाने की फुर्सत नहीं हैं युवाओं के रिसर्चों को स्थान देना तो दूर की बात है। इनके द्वारा लगातार विदेशी ताकतों से पैसा लेकर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म पर कुठाराघात किया जाता है। फ़र्ज़ी TRP को आधार बताते हुए प्रसारण के लिए मनघडंत कहानियां और पेड साक्षात्कार लेकर सुशांत सिंह राजपूत  मामलें में सीबीआई जांच को लगातार नई थ्योरी गढ़कर जांच को प्रभावित किया जा रहा हैं। सबसे पहले TRP की व्यवस्था को खत्म किया जाना जरूरी है जिसने पत्रकारिता में सकरात्मकता के स्थान पर नकरात्मकता को ज्यादा स्थान दिया है।


"इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनलों ने फैला रखी है दहशत, गैरजिम्मेदाराना प्रसारण के कारण कॉरोना पीड़ित कर रहे है आत्महत्या, कन्टेन्ट अवलोकन के लिए गठित हो समिति:"


विधायक ने कहा कि निजी चैनलों द्वारा निजी अस्पतालों से साँठ-गांठ कर कॉरोना संक्रमण को लेकर लोगों के मन में भय और दहशत का माहौल बनाया गया। आज चैनलों के कारण ही कॉरोना पीड़ित आत्महत्या तक कर रहे है और जिसको कॉरोना हो जाता है उसका पूरा परिवार अवसादग्रस्त हो जाता है। लोगों द्वारा मीडिया को सम्मान की जगह अब हेय दृष्टि से देखते है। लोग लॉकडाउन के कारण लगातार सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे है वरना चैनलों के निम्नतर कन्टेन्ट के कारण जनता उनके ऑफिसों पर खुद ताला जड़ देती। वहीं विधायक ने सूचना मंत्री से एक समिति के गठन की मांग की है जो पिछले दिनों में इलेक्ट्रॉनिक चैनलों द्वारा प्रसारित की गई सामग्री का अवलोकन कर  चैनलों पर कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें। साथ ही विधायक ने विषयपरक, तथ्यपूर्ण, सारगर्भित, स्वस्थ्य मनोरंजन की खबरें लोगों तक निर्बाध बिना लाग लपेट के पहुंच सकें इसलिए  प्रसारण के लिए सरकार को डीडी न्यूज़ जैसे चैनलों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया हैं


विधायक कार्यालय, लोनी