देश विदेश से लगभग 93 टीमों ने लिया हिस्सा ।
नोयडा : 12अक्टूबर
छात्रों को न्यायालय प्रक्रिया की प्रयोगिक जानकारी प्रदान करने और उनके अदंर शोध, विश्लेषण, लेखन, संचार एंव अपना पक्ष रखने के कौशल को बढ़ाने के लिए एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा द्वारा हर वर्ष एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण 10 वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का वर्चुअल आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से कुल 93 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर 10 वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विजेता टीम की घोषणा पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री संजय करोल, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री अंचित्य माल्ला बरूआ, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री अनूप जयराम भंभानी, झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डा एस एन पाठक, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सुरेश कैत, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान एंव एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय द्वारा की गइ। इस अवसर पर एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा की एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजाद़ा और डा आदित्य तोमर भी उपस्थित थे।
इस 10 वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में छात्रों को समुद्र के कानून पर तत्कालिन मुद्दे सहित विभिन्न अंतराष्ट्रीय विवाद के प्रतिक्रियात्मक पहलू समझौता की जानकारी प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हुए। प्रथम राउंड के उपरांत सेमीफाइनल मुकाबले के अंर्तगत प्रथम प्रतियोगिता हिदायतुल्ला नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय, रायपुर एंव युगांडा के मेकरेरे विश्वविद्यालय की टीम के मध्य हुई जिसमें युगांडा के मेकरेरे विश्वविद्यालय की टीम विजयी रही। द्वितीय सेमिफाइनल प्रतियोगिता मुंबई के महाराष्ट्र नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम एंव बैकाॅक के थम्मसैट विश्वविद्यालय की टीम के मध्य हुई जिसमें मुबंई के महाराष्ट्रा नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम विजयी रही। फाइनल प्रतियोगिता मुबंई के महाराष्ट्र नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम और युगांडा के मेकरेरे विश्वविद्यालय की टीम मध्य हुई और मुबंई के महाराष्ट्रा नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम विजयी हुई। इस तरह मुबंई के महाराष्ट्र नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम ने 10 वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता की विजेता टीम बनी। इस अवसर पर युगांडा के मेकरेरे विश्वविद्यालय की टीम को द्वितीय विजेता घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त बेस्ट रिर्सचर का अवार्ड हिदायतुल्ला नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय, रायपुर की टीम को, बेस्ट ओरालिस्ट अवार्ड दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी आॅफ लाॅ की सुश्री रिनी मेहरा को और बेस्ट मेमोरियल अवार्ड मुबंई के महाराष्ट्र नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय की टीम को मिला। इस प्रतियोगिता में बंग्लादेश, फ्रेंच सेक्शन, जार्जिया, रशिया, युगांडा, आस्ट्रेलिया, बैंकंाॅक, नाइजिरिया, ताइवान आदि की टीमों सहित देश विभिन्न लाॅ विश्वविद्यालय और काॅलेजों आदि ने हिस्सा लिया।
पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री संजय करोल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वक्ता एक विशिष्ट सामाजिक - आर्थिक पृष्ठभूमि से आता है जिसका साझा उददेश्य समाज की सेवा करना है। उन्होनें छात्रों को सुझाव दिया की न्यायाधीश के पद को कैरियर के लिए चुनें। उन्होनें कहा कि उत्साह, कार्य करने की भावना एंव समूह कार्य इस महामारी के दौर में आपके बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शा रहे है। भविष्य की पीढ़ी को मानवतावाद, जांच एंव सुधार के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। न्यायाधीश श्री करोल ने छात्रों को भारतीय संविधान के अनुसार अपने कार्य और कैरियर को आधार बनाने का सुझाव दिया और शिक्षा प्राप्त करने के पाठयक्रम से आगे बढ़ कर यात्रा करने, पढ़ने एंव अन्वेषण करने की सलाह भी दी।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने प्रतिभागीयों को बधाई देते हुए कहा कि वे जीवन में अवश्य सफलता हासिल करेेगें। उन्होनें छात्रों से कहा कि उपस्थित अतिथियों के सुझावों एंव शिक्षा का अनुपालन आपको सफलता की उंचाईयों पर पहंुचा देगा। डा चौहान ने कोविड महामारी के दौरान उपलब्ध अवसरों को समझने एंव उनका लाभ उठाने के लिए चलाये जा रहे मिशन ‘‘अॅटोमिक’’ के बारे में जानकारी भी साझा की।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री अंचित्य माल्ला बरूआ ने भविष्य के अधिवक्ताओ को संबोधित करते हुए मूट कोर्ट के इतिहास के संर्दभ सहित छात्रों को विश्व के कानून के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होनें कहा कि मूट कोर्ट का विषय ‘‘ समुद्र का कानून’’ छात्रों को भविष्य के अंर्तराष्ट्रीय बाजार के लिए तैयार कर रहा है और इस दौरान उन्हें विश्व के अन्य छात्रों से बातचीत का मौका भी प्राप्त हुआ।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री अनूप जयराम भंभानी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून एक बहुत ही गंभीर उद्यम है। उन्होनें कहा कि लोगों को न्याय दिलाना ही इस जीवन का उददेश्य होना चाहिए और सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत सबसे आवश्यक है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि सदैव अदम्य धैर्य और अटूट दृढंता का परिचय दे। अप्रासंगिक से प्रासंगिक को सीखें और कार्यो के साथ विचार को विकसित करें।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डा एस एन पाठक ने कहा की जीवन में बेहतरीन चीजें दृढ़ता के साथ आती है। मूट कोर्ट प्रतियोगिता आपके जीवन मेें पहला मौका होता है जब आपने सैद्धांतिक ज्ञान से क्या सीखा इसे व्यक्त कर सकते है। आप पूर्णता का पीछा करते हुए उत्कृष्टता को प्राप्त कर सकते है और मूट कोर्ट प्रतियोगिता उस पीछा करने का पहला कदम है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने वर्चुअल प्रतियोगिता यह दर्शाती है कि कानूनी बिरादरी समकालीन परिवर्तन का अपनाने के लिए तैयार है। उन्होनें कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता छात्रों को राष्ट्रीय एंव अंर्तराष्ट्रीय मुद्दों की जानकारी प्रदान करने में सहायक होती है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सुरेश कैत ने कहा कि वर्चुअल प्रतियोगिता आज के समय की मांग है। उन्होने छात्रों से कहा कि आप को जीवन में आने वाली चुनौतियों से घबराना नही चाहिए, यह चुनौतीयां हमें नये अवसर प्रदान करती है इसलिए खुले मस्तिष्क के साथ सीखें और कार्य करें। उन्होनें छात्रों से कहा कि जीवन में ईमानदार रहें और कड़ी मेहनत से कार्य करें क्योकी मेहनत का कोई विकल्प नही है।
इस अवसर पर 10 वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2020 पर आधारित सोवेनियर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
फाइनल राउंड प्रतियोगिता में भूटान के जिग्मे सिंनगे वंागचुक स्कूल आॅफ लाॅ के वाइस डीन श्री माइकेल पियेल, नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय सिंगापुर के प्रोफेसर डा रार्बट बैकमेन और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता श्री संजु जैकब निर्णायक मंडल में शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा की डा भावना बत्रा ने किया था।
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