एमिटी विश्वविद्यालय में त्रिदिवसीय एमिटी इंटरेनशनल लिटेचर फेस्टीवल 2020 का आगाज़




नोयडा :15 अक्टूबर(हि. वार्ता)

राष्ट्रीय शिक्षा निती के अंर्तगत अकादमिक सहित छात्रों के संपूर्ण विकास हेतु उनके अंदर अन्य कौशल एंव रूचि को महत्व देते हुए रचनात्मकता को विकसित करने के उददेश्य से एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक कार्यक्रम के अंर्तगत त्रिदिवसीय एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल 2020 का आॅनलाइन आयोजन किया गया है। इस फेस्टीवल के अंर्तगत विश्व के सभी छात्र अंतर विश्वविद्यालयीय साहित्य, संगीत, नृत्य, कला, वाद विवाद एंव प्रश्नोत्तरी सहित विभिन्न 15 प्रतियोगिता में हिस्सा लेगें। इस अवसर विश्व विख्यात विशेषज्ञों द्वारा 6 परिचर्चा सत्रों एंव 7 कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। इस एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल 2020 का शुभारंभ यूके के एनआईएलई में वरिष्ठ सलाहकार श्री एलन पुलवरनेस, प्रख्यात लेखक एंव 16 मिरर इमेज बुक्स के रचयिता श्री पियूष गोयल, विंग आॅफ फायर - आॅटोबायोग्राफी आॅफ डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तक के लेखक डा अरूण तिवारी एंव एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी विश्वविद्यालय की डिप्टी डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डा अल्पना कक्कड़ द्वारा किया गया। इस फेस्टीवल के अंर्तगत आयोजित विभिन्न 15 प्रतियोगिताओं में पूरे विश्व से लगभग 4000 से अधिक छात्रों द्वारा हिस्सा लिया गया है।


यूके के एनआईएलई में वरिष्ठ सलाहकार श्री एलन पुलवरनेस छात्रो को संबोधित करते हुए कहा कि इस अनिश्चित समय में एमिटी द्वारा तकनीकी की सहायता से आयोजित लिटेचर फेस्टीवल ने हम सभी को प्रोत्साहित किया है। साहित्य के लोकतांत्रिक विचारों पर ध्यान केन्द्रीत करें। साहित्य की अपील सीधे पाठक तक पहंुचनी चाहिए बिना किसी विशेष शिक्षा ग्रहण किये हुए। साहित्य की सादगी इसी में है वो सीधे पाठक के हदय एंव आत्मा तक पहुंचे। श्री पुलवरनेस ने कहा कि साहित्य भाषा के दो प्रमुख भाग है प्रथम निर्देशात्मक एंव द्वितीय प्रतिनिधित्ववादी। निर्देशात्मक के अंर्तगत जिस भाषा में संचार होता है वह एक स्तर पर होती है जिससे जानकारी प्राप्त होती है या समाजिक स्थिती की व्याख्या होती है। यह लेने देन आधारित और समाजिक रूप से सशर्त होती है। वही प्रतिनिधित्ववादी भाषा प्राप्तकर्ता के कल्पना के साथ संलग्न होती है। खुली हुई और मन के क्षेत्र को उत्तेजित और उपयोग करता है। उन्होनें पाठक के अधिकारों को बताते हुए कहा कि अतिशय पठन के तीन नियम है और वो तीनों है आनंद प्राप्त करें। उन्होनें छात्रों के सुखद एंव उज्जवल भविष्य की कामना की।


प्रख्यात लेखक एंव 16 मिरर इमेज बुक्स के रचयिता श्री पियूष गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि एक्सीडेंट के दौरान उनके किसी मित्र ने उन्हे श्रीमद भगवद्गीता पढ़ने के लिए दी जिसने उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आ गया। उन्होनें पहली मिरर इमेज पुस्तक श्रीमद भगवद्गीता की रचना सहित सुई से लिखि मधुशाला, मेंहदी के कोन से लिखी गीतांजलि आदि के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। उन्होनें कहा कि लेखक का मुख्य कार्य अपने साहित्य से लोगों को प्रोत्साहित करना है।

विंग आॅफ फायर - आॅटोबायोग्राफी आॅफ डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तक के लेखक डा अरूण तिवारी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम के साथ बिताये वक्त के बारे में बताते हुए डा कलाम के व्यक्तित्व के संर्दभ में बताया। स्कूली छात्रों से मिलने के संर्दभ में डा कलाम कहते थे कि बच्चे हमारे देश का भविष्य है इसलिए अगर देश को विकसित एंव सक्षम बनाना है तो युवा मस्तिष्क को पोषित, मार्गदर्शीत करना होगा। डा कलाम की जीवनी के बारे में जानकारी देते हुए डा तिवारी ने उनके शिक्षण से इंजिनियिर, डीआरडीओ प्रमुख एंव राष्ट्रपति बनने के बारे में बताया। सपने अवश्य सच होते है लेकिन उसके लक्ष्य का निर्धारण, सपने पर चिंतन करना और उसको सच करने के लिए कार्य करना आवश्यक है। डा तिवारी ने कहा कि एक पाठक को लिखना भी चाहिए जिससे उसके अपने विचार व्यक्त हो सके और एक लेखक बिना पढ़े कभी भी लेखक नही बन सकता। उन्होनें कहा कि इस अनिश्चितता के दौर में एमिटी द्वारा एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल 2020 का आॅनलाइन आयोजन किया जा रहा है लेकिन जीवन की खूबसूरती यही है कि बेहतरीन कार्य जीवन में कठिन समय में ही होते है। उन्होनें छात्रों से कहा कि साहित्य एक मास्टर चाबी है जो सफलता के नये द्वार खोलती है और साहित्य में भी आपको नव समान्य को सीखना होगा। मानव जीवन की महिमा को समझना ही साहित्य है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियो एंव छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य किसी भी देश एंव समुदाय की नींव होती है जो हम सभी के अदंर मानव मूल्यों के विकास को बढ़ावा देती है। एमिटी विश्वविद्यालय छात्रों के सम्रग विकास हेतु प्रतिबद्ध है इसलिए एमिटी एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल का आयोजन कर सांस्क ृतिक समझ को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अनिश्चित समय में बिना तकनीकी के आप जुड़ नही सकते इसलिए एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल को आॅनलाइन मंच पर आयोजित करके छात्रों विशेषज्ञों एंव कलाकारों को मिलने का मौका प्रदान किया गया है।

एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के अंर्तगत एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा द्वारा ‘‘ ग्रीक थियेटर से और नाट्यशास्त्र से शोल’’ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इसमें द्रोहकाल, गुलाम आदि फिल्मों के स्क्रीनराइटर श्री अंजुमन राजाबली, राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित गीतकार श्री स्वानंद किरकिरे, फिल्म निर्माता सुश्री आरती यादव ने अपने विचार रखे। इस परिचर्चा सत्र का संचालन एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा के प्रमुख श्री सोमनाथ सेन द्वारा किया गया।