आगरा वार्ता

8380 करोड से बनेंगे मेट्रो के दोनों कॉरिडोर।


 - कॉरिडोर एक पर पांच हजार दूसरे पर 3380 करोड़ खर्च होंगे।

- मेट्रो का न्यूनतम किराया 12 और अधिकतम 60 रुपये रहने की उम्मीद।


 आगरा।( प्रवीन शर्मा )

 आगरा में मेट्रो के दोनों कॉरिडोर और स्टेशनों के निर्माण पर 8380 रुपये खर्च होंगे सिकंदरा से ताजमहल तक पहले कारीडोर पर पांच हज़ार करोड़ और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक दूसरे कॉरीडोर पर 3380 करो रुपये की लागत आएगी। टेंडर होने के बाद 

प्रोजेक्ट संबंधी हर चीज़ का हिसाब लगाया जा रहा है।

शहर में दोनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 30 किलोमीटर होगी सिकंदरा से ताज पहले कॉरिडोर पर 14 और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक दूसरे कॉरिडोर पर 15 स्टेशन बनेंगे। इसके अलावा टिकट और यात्रा का किराया प्रोजेक्ट की लागत पर निर्भर करेगा से खेत जे

डीपीआर के मुताबिक 1 से 2 किमी का सफर पर 12 रुपये, 2 से 4 किमी सफर पर 20 रुपये, 4 से 6 किमी तक 40 रुपये और 6 से अधिक लंबी यात्रा पर 60 रुपये का टिकट हो सकता है।

 

क्यूआर कोड स्कैन करने पर मिलेगा टिकट

सभी 29 स्टेशनों पर स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली होगी। यहां क्यूआर कोड स्कैन कर टिकट का भुगतान किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि किराया संग्रह की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर होगी।

मेट्रो स्टेशनों पर किराया वसूलने के लिए यूपीएमआरसी नई तकनीक इस्तेमाल करेगा इससे क्यूआर कोड के अलावा नियर फील्ड कम्युनिकेशन प्रणाली का भी उपयोग होने की उम्मीद है।

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ऐतिहासिक स्मारकों में शूटिंग की अनुमति के लिए अब एएसआई मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।


- स्थानीय स्तर से ही मिलेगी अनुमति।


आगरा। ऐतिहासिक स्मारकों में फिल्मों की शूटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अब ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। शूटिंग की अनुमति सर्किल से ही मिलना शुरू हो जाएगा । अब तक शूटिंग की अनुमति एएसआई के महानिदेशक द्वारा प्रदान की जाती थी।

एएसआई महानिदेशक द्वारा शूटिंग की अनुमति सशर्त दी जाती है। अनुमति मिलने पर निर्धारित शुल्क जमाकर शूटिंग, फोटोग्राफी व सांस्कृतिक कार्यक्रम स्मारकों में किए  जाते रहे हैं। अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। संयुक्त महानिदेशक (स्मारक ) द्वारा आदेश जारी कर स्मारको में शूटिंग,फोटोग्राफी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति देने के अधिकार को विकेंद्रीकृत कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब सर्किल स्तर से ही अधीक्षण पुरातत्वविद द्वारा फिल्म फोटोग्राफी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एएसआई के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। मुख्यालय से भेजे आवेदनों पर स्थानीय स्तर से अनुमति दी जाएगी।