नोयडा। (उ.प्र.)
छात्रों को व्यापार में सफल होनें के लिए वित्तीय प्रबंधन एवं बैलेंस शीट के महत्व की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में चाटर्ड एकांउटेंट एंव अंर्तराष्ट्रीय कोरपोरेट प्रशिक्षक डा अनिल लांबा ने छात्रों को ‘‘ वित्तीय बुद्धिमता के लिए बैलेंस शीट’’ पर व्याख्यान प्रदान किया ।
वेबिनार में चाटर्ड एकांउटेंट एंव अंर्तराष्ट्रीय कोरपोरेट प्रशिक्षक डा अनिल लांबा ने छात्रों को ‘‘वित्तीय बुद्धिमता के लिए बैलेंस शीट’’ पर जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि किसी भी व्यापार के संचालन का मुख्य उददेश्य लाभ कमाना होता हैं और लाभ के लिए वित्तीय प्रबंधन को बुद्धिमता के साथ प्रबंधित करना पड़ता है। सहायता प्रदान करने वाले संस्थान भी अपने वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रीत करते है अगर नही करेगें तो संस्थान का संचालन अधिक दिनों तक संभव नही है। उन्होनें कहा कि वित्तीय प्रबंधन के लिए मुख्य दो प्रकार की शीट होती है प्रथम लाभ एंव हानि एकांउट शीट एंव द्वितीय बैलंेंस शीट। लाभ एंव हानि एकाउंट शीट में खर्च एंव आय का विवरण होता है जिसमें खर्च में मैटेरियल खरीदना, तनख्वाह देना, प्रशासनिक खर्चे आदि शामिल होते है जबकी आय में बिक्री एंव अन्य आमदनी दर्ज होती है। इन्ही दोनों के मध्य के अंतर को हम लाभ कहते है। कई कंपनियां ब्रिकी पर ध्यान केन्द्रीत करती है जबकी उन्हें लाभ पर ध्यान केन्द्रीत करना चाहिए इसलिए कई बार देखा गया है कि ब्रिकी तो बढ़ रही है किंतु लाभ नही और व्यवसाय विकास नही कर पाता।
डा लांबा ने कहा कि बैलेंस शीट में देनदारियों एंव संपत्ति का विवरण होता है। देनदारियों में पूंजी, लोन एंव ़ऋणदाता का जिक्र होता है वही संपत्ति में तय संपत्ति जैसे भूमि, मशीनरी एंव इमारतों का और वर्तमान संपत्ति जैसे बैंक बैलेंस एंव इनवेंटरी आदि का जिक्र होता है। डा लांबा ने कहा कि अगर आप मार्केटिंग,सेल्स या उत्पादन से जुड़े है तो आपको बैलेंस शीट का अध्ययन आना आवश्यक है। बैलेंस शीट में दर्ज होेने वाला डाटा एकांउट बुक से प्राप्त होता है जिसे रिकार्ड भी कह सकते है। लाभ एंव हानि एकांउट शीट में खर्च का डेबिट एंव आय को क्रेडिट में अंकित करते है। सभी आय व्यय का विवरण धन के प्राप्त करने एंव खर्च करने पर निर्भर करता है। धन का खर्च, लाभ हानी के खर्च विवरण में दर्ज होगा कि बैलेंस शीट के संपत्ति विवरण में यह सामान के खपत पर निर्भर करता है कि उसकी खपत बैलेंस शीट के निर्माण से पहले हुई है या बाद मे। लाभ एंव नगदी प्रवाह दो अलग अलग वस्तु है।
डा लांबा ने कहा कि 95 प्रतिशत व्यापार अपने वित्तीय कुप्रबंधन के कारण असफल होते है। वित्तीय प्रबंधन, संस्थान के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति के अदंर वित्तीय प्रबंधन की क्षमता होनी चाहिए। इस अवसर पर छात्रों ने उनसे वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े कई सवाल किये जिनके डा लांबा ने जवाब प्रदान किये।
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