एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘अगले दशक के लिए व्यवसायिक दृष्टिकोण’’ विषय पर वेबिनार का आयोजन




नोयडा(उ.प्र.)

छात्रों में आने वाले दशक में व्यवसायिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में नोकिया मोबाइल की ब्रांड, मीडिया और डिजिटल की प्रमुख सुश्री अदिति आनंद ने ‘‘ अगले दशक के लिए व्यवसायिक दृष्टिकोण’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान किया।


वेबिनार में नोकिया मोबाइल की ब्रांड, मीडिया और डिजिटल की प्रमुख सुश्री अदिति आनंद ने ‘‘ अगले दशक के लिए व्यवसायिक दृष्टिकोण’’ विषय पर जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में व्यापार के वर्तमान व्यवसायिक दृष्टिकोण को जानना एंव समझना आवश्यक है। कोविड ने केवल भारत ही नही बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और विश्व अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। कोविड के उत्पन्न मंदी ने जहां एक ओर कुछ व्यापारों को प्रभावित किया है वही दूसरी ओर कुछ व्यापारों को आगे बढ़ने में सहयोग भी किया है। भारत भी डिजिटल क्रांति की ओर अग्रसर हुआ है। लगभग 1ण्3 बिलियन लोगों की आबादी में 1 बिलियन से अधिक लोगों के पास मोबाइल फोन है, सभी के पास स्मार्ट फोन नही है आज भी काफी लोग फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे है। सुश्री आनंद ने कहा कि स्न 2018 तक फीचर फोन एंव स्मार्ट फोन की ब्रिकी का ग्राफ एक स्तर पर था किंतु स्न 2019 में नोटबंदी के उपरांता स्मार्ट फोन का ग्राफ बढ़ गया। उन्होनें कहा कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले डाटा की कम कीमत, 550 मिलियन सक्रिय स्मार्ट फोन उपभोक्ता और बढ़ रहे इंटरनेट पर्यावरण जिसमें ई कार्मस, मनोरंजन, सोशियल मिडिया, डिजिटल पेमेंट, ई लर्निग सक्रियता ने डिजिटल क्रांति को बढ़ावा दिया है। देश में लगभग 90 प्रतिशत इंटरनेट का उपयोग स्मार्टफोन से होता है।


सुश्री आनंद ने कहा कि आज भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है। कोविड के प्रारंभ दौर में जिन व्यापारो ंने डिजिटल माध्यम जैस ई पेमेंट, ई कार्मस मंच आदि को अपना लिया उन्होनें सफलता हासिल की जबकी डिजिटल की अनदेखी करने वाले पीछे रह गये। केवल डिजिटल माध्यम से व्यापार की सफलता संभव नही है किंतु डिजिटल की भूमिका अहम है। उन्होनें छात्रों को व्यापार के चार मुख्य नींव बताते हुए कहा कि ग्राहक, नगदी प्रवाह, पूंजी पर लाभ एंव स्थायीत्व विकास व्यापार के लिए सबसे अहम है। वर्तमान व्यापार में डिजिटल व्यापार ग्राहक केन्द्रीत हैं। नगदी प्रवाह बनाये रखने के लिए संस्थान के सभी व्यक्तियों को सक्रिय रहना चाहिए। लागत पूंजी पर प्राप्त होने वाला लाभ व्यापार विकास की मुख्य चाबी है और विकास लाभ की कीमत पर नही हो सकता।  

सुश्री अदिति आनंद ने छात्रो सें कहा कि भविष्य के व्यापार के लिए स्वंय के अदंर कौशल को विकसित करें। व्यवहारिक एंव रवैये कौशल बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होनें कहा कि रचनात्मकता के कौशल जैसे समस्या के निवारण हेतु मानसिकता विकसित करें, व्यापार के तरीके को समझें, सवांद कौशल विकसित करें - अक्सर बड़े पदों पर बैठे अधिकारी समझते है कि संवाद कौशल के गुण हमारे लिए आवश्यक नही है किंतु ऐसा नही संवाद कौशल का गुण सभी के लिए जरूरी है। आपसी सहयोग से कार्य करें।


इस अवसर पर छात्रों ने सुश्री अदिति आनंद से कई प्रश्न किये और जवाब भी प्राप्त किये।

----------------------------------------