आगरा वार्ता



आगरा ,सदर बाजार के पीडब्ल्यूडी चौराहे पर हस्तशिल्प के उत्पादों का लगा मेला।

- राजस्थानी रजवाडे का फर्नीचर पहली बार आगरा में।

- लुधियाना के गर्म कपड़ों के ढेरों आइटम ।

- कारपेट से लेकर हर घरेलू सामान है मेले में।

- हस्तशिल्प की अनूठे उत्पाद खींच रहे हैं ध्यान।


आगरा।(धर्मेन्द्र सिंह )

सदर बाजार के पीडब्ल्यूडी चौराहे पर  स्वदेशी हस्तशिल्प मेला लगा है। इस मेले में उत्तर भारत के अलग-अलग इलाकों की अनूठी शिल्पकलाएं सजी हैं। जिन्हें दर्शक 13 दिसंबर तक देख और खरीद सकेंगे। खास बात ये है कि कोरोना काल में जहां देश-दुनिया ठहर सी गई है, ऐसे में भूमि का अमन चैरिटेबल ट्रस्ट ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों का मेला लगाकर आगरा के लोगों के लिए एक सुहनरा अवसर प्रदान किया है।

मेला व्यवस्थापक और ट्रस्ट अध्यक्ष त्रिभुवन कुमार सिंह ने यह जानकारी पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अब तक उनकी संस्था उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में 30 से ज्यादा हस्तशिल्प मेलों का आयोजन कर महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभ पहुंचा चुकी है और आगरा में पहली बार इसका आयोजन किया गया है।


-  इन शहरों से आए हैं शिल्पी और व्यापारी।


उन्होंने बताया कि मेले में राजस्थान के भरतपुर, जयपुर, किशनगढ़, बीकानेर, बाढ़मेर, जोधपुर और अलवर के शिल्पी  और व्यापारी अपने क्षेत्रों की विशिष्ट शिल्पकलाओं के साथ मेले में आए हैं। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, भदोही, खुर्जा, वाराणसी, लखनऊ, मुरादाबाद शहर की कला कृतियां, परिधान, घरेलू और सजावटी सामान मेले में आकर्षण हैं। वहीं पंजाब और चंडीगढ़ के उत्पाद दर्शकों को लुभा रहे हैं। गुजरात के कच्छ और नागालैंड का सजावटी सामान मेले में सतरंगी छटा बिखेर रहे हैं। पश्चिमी बंगाल के उत्पाद भी दर्शकों को खूब भा रहे हैं। 



- घर का हर सामान है मेले में।


श्री सिंह कहते हैं कि इस मेले की विशेषता है कि घर में काम आने वाला तकरीबन हर सामान उपलब्ध है। राजस्थान का रजबाड़ी फर्नीचर आगरा में पहली बार किसी मेले में आया है। ये जोधपुर के हस्त शिल्पियों द्वारा तैयार अनूठे उत्पाद हैं जो दुनियाभर में मध्य युगीन भारतीय हस्तशिल्प कला की पहचान है। इसी मेले में खुर्जा की क्राकरी, वाराणसी की साड़ी कई रंग रुप में उपलब्ध है। मेले में भदोही का बूलन सिल्क कारपेट और सहारनपुर का फर्नीचर भी है जिसमें सोफासेट और डाइनिंग टेबल देखते ही बनती हैं। मौसम का असर मेले में भी दिखाई दे रहा है। यहां लुधियाना के गर्म कपड़ों के स्टाल सजे हैं। जिसमें जैकेट, फुलकारी सूट और साड़ी खास हैं। जयपुरी कुर्ती से लेकर बांधनी साड़ी तक कपड़े के ढेरों आइटम महिलाओं को लुभा रहे हैं। भरतपुर का अचार तक इस मेले में है तो वहीं स्टोन ज्वैलरी मेले में एक वर्ग विशेष के लिए आकर्षित करता है। 


- लगेंगे हस्तशिल्प के प्रशिक्षण।


बकौल मेला व्यवस्थापक और ट्रस्ट के अध्यक्ष त्रिभुवन कुमार सिंह, मेला स्थल को परंपरागत तरीके से सजाया गया है। ताकि दर्शकों को लोक संस्कृति में हस्त शिल्प कला के दीदार हो सकें। मेला स्थल पर उल्लास और उमंग का माहौल बनाने का भी बंदोबस्त किया गया है। संजय सिंह संयोजक, देवेंद्र परमार , चंदू डी,सह संयोजक, साथ ही यहां हर सप्ताह में दो दिन हस्त शिल्प कलाओं के प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम किया जा रहा है।


आईटी कंपनी के निदेशक के लापता होने से परिजन चिंतित।


- अनहोनी की जताई आशंका।

- चार साल पहले लॉन लेकर स्थापित की थी कंपनी।

- एसएसपी से लगाई खोजने की गुहार।

आगरा। ( प्रवीन शर्मा )

न्यू आगरा के खंदारी क्षेत्र से सोमवार की शाम काे आइटी कंपनी के निदेशक लापता हो गए । परिजनों ने उनके साथ अनहोनी की आशंका जताई है। उन्होंने मंगलवार को एएसपी से मुलाकात कर कंपनी निदेशक का सुराग लगाकर उनकी बरामदगी की गुहार लगाई।

        खंदारी में गुलमोहर वाटिका निवासी रविनेश (23 वर्ष) पुत्र राकेश पाल सिंह अपने दो दोस्तों विनोद और जितेंद्र के साथ टीआरपीएस आइटी ग्रुप के नाम से चार साल पहले कंपनी स्थापित की थी । कंपनी का कार्यालय फ्लैट में बना रखा है । यह फ्लैट उन्होंने किराए पर लिया हुआ है । रविनेश और उनके साझीदार वेब डिजाइनिंग और साफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम करते हैं । रविनेश मूलरूप से एटा के थाना जलेसर के नगला चांद के रहने वाले हैं । उनके चचेरे नरेंद्र जादौन ने बताया कि रविनेश ने सोमवार को भाई दूज पर दोपहर में परिवार के लोगों से मोबाइल पर बातचीत की।

    शाम को करीब पांच बजे परिजनों ने रविनेश को दोबारा फोन मिलाया । लगातार घंटी जाने पर काल रिसीव नहीं हुई तो वे परेशान हो गए । उन्होंने सिकंदरा में असोपा अस्पताल के पास रहने वाले रविनेश के फुफेरे भाई ललित को उनके फ्लैट पर भेजा । रविनेश का एक्टिवा नीचे खड़ा मिला । आफिस में ताला लगा होने पर साझीदार को बुलाकर फ्लैट को खोला । नरेंद्र के मुताबिक रविनेश का मोबाइल आफिस में फर्श पर पड़ा हुआ था । इससे स्वजन को उनके साथ अनहोनी की आशंका है ।

परिजनों ने गुलमोहर वाटिका के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को चेक किया । मगर, उन्हें वहां कुछ सुराग नहीं मिला।

सोमवार की देर रात को पिता राकेश पाल ने न्यू आगरा थाने पर रविनेश के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई । मंगलवार को परिजनों ने गुलमोहर वाटिका से दयालबाग की ओर जाने वाली लिंक रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए । चचेरे भाई नरेंद्र जादौन ने बताया यहां से भी कुछ सुराग नहीं मिला । मंगलवार को रविनेश के परिजन एएसपी सौरभ दीक्षित से मिले । एएसपी ने बताया रविनेश के मोबाइल की काल डिटेल निकलवाई है । इससे कि यह पता लगाया जा सके कि आखिरी बार उसने किन लोगों से बातचीत की ।


कंपनी के लिए बाजार से लिया था कर्ज

परिजनों ने पुलिस को बताया कि रविनेश ने चार साल पहले आइटी कंपनी स्थापित की थी ।इसके लिए उन्होंने बाजार में कई लोगों से कर्ज भी लिया था । कंपनी में उन्हें लाखों रुपये का घाटा हो गया था । जिन लोगों से उन्होंने उधार लिया था । वह उनसे काफी ज्यादा ब्याज वसूलने के साथ ही रकम लौटाने का दबाव बना रहे थे ।



70  कॉलेजों की मान्यता पर खतरे की घंटी, जानकारी नहीं देने पर मान्यता होगी निरस्त।

 

- दो बार दिया जा चुका है नोटिस।


- कुलपति ने गुणवत्ता समिति से कॉलेजों की रिपोर्ट मांगी।


आगरा। प्रवीन शर्मा

डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 70 कॉलेज शैक्षणिक मानकों की जानकारी नहीं दे रहे हैं। इनको दो बार नोटिस भेजा जा चुका है। ऐसे में कुलपति ने गुणवत्ता समिति से इनकी रिपोर्ट मांगी है। विश्वविद्यालय से 1100 कॉलेज संबद्ध हैं। कुछ कॉलेजों को छोड़कर बाकी पर नैक का प्रमाणपत्र ही नहीं है। कई कॉलेजों में शैक्षणिक मानकों की खानापूर्ति की जा रही है।

ऐसे में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कॉलेजों में शैक्षणिक संसाधन और मानकों की जानकारी के लिए डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इन कॉलेजों के संचालकों को 2019-20 सत्र के शुरू होने पर नोटिस भेजकर 17 बिंदुओं पर शैक्षणिक मानकों की जानकारी मांगी गई थी।

     बीते माह इनमें से 190 कॉलेजों  ने जानकारी नहीं दी थी। इनको नोटिस दिया गया था। इनमें से 120 कॉलेजों ने जानकारी दी। इनमें से 40 कॉलेजों ने अधूरी जानकारी दी थी और 70 कॉलेजों की ओर से कोई जानकारी विश्वविद्यालय को नहीं मिली। कुलपति ने गुणवत्ता समिति से इनकी रिपोर्ट मांगकर पूछा है कि कितनी बार इनको नोटिस दिया और क्या जवाब प्रेषित किया है।    


जानकारी न देने वाले कॉलेजों  की मान्यता हो सकती है निरस्त


कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने बताया कि सभी कॉलेजों को शैक्षणिक मानक और संसाधनों की जानकारी देना अनिवार्य है। इन सभी कॉलेजों को नोटिस भी दिया गया है। समिति से रिपोर्ट मांगी है। अंतिम बार नोटिस दिया जाएगा, इसके बाद भी जानकारी नहीं दी तो ऐसे कॉलेजों की मान्यता निरस्त की जाएगी। 


इन बिंदुओं पर मांगी है जानकारी

कॉलेज की मान्यता वर्ष। कितनी जमीन में कॉलेज बना है। कौन-कौन से कोर्स संचालित हैं, उनमें छात्रों की संख्या कितनी है। शिक्षक कितने हैं।उनकी योग्यता क्या है। प्रयोगशाला, खेल का मैदान है कि नहीं। पुस्तकालय है तो उसमें कितनी पुस्तकें हैं। शोध कार्य क्या हुए हैं। इन समेत 17 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इन सभी की रिपोर्ट आने के बाद यह डाटा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड होगा। विवि अनुदान आयोग को भी इसकी जानकारी भेजी जाएगी।