समकालीन विश्व में सोमालिया एवं अफ्रीका में आर्थिक, नीतिगत एवं कानूनी ढांचा पर वेबिनार का आयोजन।




नोयडा। (उ.प्र.)

छात्रों को वैश्विक अनावरण प्रदान करने के लिए विश्व में घट रही घटनाओं एंव परिवर्तनों की जानकारी होना आवश्यक हैं इसलिए एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा, एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा अंर्तराष्ट्रीय व्याख्यान श्रृखंला के अंर्तगत सोमालिया, केन्या एवं अफ्रिका में आर्थिक, नीतिगत एंव कानूनी ढांचे पर आधारित वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार मेें सोमालिया के मत्स्य और समुद्री संसाधनों का मंत्रालय के योजना एवं आर्थिक विकास निदेशक श्री अब्दुलाही आबदी एडो और केन्या के प्रख्यात अर्थशास़्त्री श्री केवेयु सुलेमान ने ‘‘ समकालीन विश्व में सोमालिया एवं अफ्रिका में आर्थिक, नीतिगत एंव कानूनी ढांचा’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान किया। इस अवसर पर एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय एंव एडिशनल निदेशक डा आदित्य तोमर ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा की डा सुमित्रा सिंह द्वारा किया गया।


वेबिनार मेें सोमालिया के मत्स्य और समुद्री संसाधनों का मंत्रालय के योजना एवं आर्थिक विकास निदेशक श्री अब्दुलाही आबदी एडो ने ‘‘ समकालीन विश्व में सोमालिया एवं अफ्रिका में आर्थिक, नीतिगत एंव कानूनी ढांचा’’ विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि सोमालिया पूर्वी अफ्रिका में स्थित है जिसकी कुल आबादी लगभग 14.32 मिलियन है। उन्होनें कहा कि दक्षिणी सोमालिया को केन्द्रित कर चल रहे लगभग ढाई दशक के संघर्ष ने देश की प्रशासनिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्थानों को कमजोर कर दिया। सन् 2018 से सोमालिया की अर्थव्यवस्था में सुधार होना प्रारंभ हुआ हैं। श्री एडो ने कहा कि सोमालिया मत्स्य उद्योग सबसे अधिक क्षमतावान और विकसित होता क्षेत्र है जो सोमालिया के लोगो को रोजगार प्रदान कर रहा है। यह क्षेत्र पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन में अच्छे बुनियादी ढांचे की कमी के कारण शोषित ही रहा है। श्री एडो ने क्षेत्र की वर्तमान परिस्थितियों को बताते हुए कहा कि आपसी सहयोग प्रबंधन एवं कौशल विकास के जरीए छोटे मत्स्य उद्योगों का विकास, संस्थागत क्षमता का निर्माण करके मानव पूंजी का विकास, मत्स्य प्रबंधन में रणनिती एंव नियम का निर्माण, मत्स्य संरचना विकास जैसे बाजार एंव जेट का इंतजाम आदि आवश्यक है। उन्होनें कहा कि मत्स्य क्षेत्र अवसरों से भरपूर है क्योकी भारतीय समुद्र एंव रेड सी की लंबी कोस्ट लाइन है, समृद्ध तटीय पानी एंव समृद्ध अपतटीय पानी, युवाओं की बृहद जनसंख्या जिन्हें प्रशिक्षित करना आवश्यक है, उद्यमिता के गुणों का विकास करना आदि सहायक होगें।


केन्या के प्रख्यात अर्थशास़्त्री श्री केवेयु सुलेमान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्या मेें हम आर्थिक रूप से कमजोर एंव छोटे किसानों की सहायता करते है। उन्होनें अफ्रिका की कृषि क्षमता के संर्दभ में जानकारी देते हुए कहा कि अफ्रिकन अर्थव्यव्स्था लगभग 60 से 70 प्रतिशत अफिक्रन कार्यबल को रोजगार प्रदान करती है और कृषि लगभग 30 से 40 प्रतिशत जीडीपी में हिस्सेदारी रखती है। अफ्रिकन महाद्विप में लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में निवास करती है और कृषि पर आधारित है। अफ्रीकन जनसंख्या में लगभग 60 प्रतिशत लोग 25 वर्ष से कम उम्र के है जो अफ्रिका को सबसे युवा महाद्विप बनाते है। अफ्रीका में बेरोजगारी दर लगभग 25 प्रतिशत है। श्री सुलेमान ने कहा कि प्रशासनिक ढांचा, कृषि को वित्तीय सहायता, भूमि अधिग्रहित कानून, युवा और शोध एवं विकास क्षमता मुख्य रूप से कानूनी अधिरचना का भाग है।

एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी में हम छात्रों को इस प्रकार के अंर्तराष्ट्रीय व्याख्यान सत्रों द्वारा वैश्विक अनावरण प्रदान करते है। छात्रों को कक्षा और पाठयक्रम के अलावा समकालीन विश्व के संर्दभ में जानकारी होना आवश्यक है तभी उनका संपूर्ण विकास संभव है। उन्होनें अतिथियों को अफ्रिका के सोमालिया एवं केन्या के संर्दभ में जानकारी प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर छात्रों एंव शिक्षकों ने सोमालिया के मत्स्य और समुद्री संसाधनों का मंत्रालय के योजना एवं आर्थिक विकास निदेशक श्री अब्दुलाही आबदी एडो एवं केन्या के प्रख्यात अर्थशास़्त्री श्री केवेयु सुलेमान  से कई प्रश्न किये जिनके उन्हे जवाब प्राप्त हुए।

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