आगरा वार्ता



राशन डीलर के दबंग संचालक व पुत्रों ने किया पत्रकारों पर जानलेवा हमला।

- जमकर मारपीट कर गोली से उड़ाने की धमकी दी।

- सरकारी खाद्यान्न निर्धारित मात्रा से कम देने की शिकायत पर कवरेज करने मौके पर पहुंचे थे पत्रकार।

आगरा।(प्रवीन शर्मा )

 कोरोना महामारी काल में जहां केंद्र और प्रदेश सरकारों ने गरीबों की परेशानी को आत्मसात कर उन्हें नवंबर तक निशुल्क खाद्यान्न मुहैया करा रही हैं, वहीं कुछ दबंग राशन डीलरों के गुर्गे गरीबों के निवाले पर संबंधित स्पेक्टर की मिलीभगत से डाका डाल रहे हैं। यहां तक कि दबंगों के इस कृत्य को उजागर करने वाले पत्रकारों पर भी जानलेवा हमलाकर गोली मारने की खुलेआम धमकी दी जा रही है। आपूर्ति विभाग भी आरोपी इंस्पेक्टर को बचाने की कोशिश कर रहा है। रोचक तो यह है कि इस मामले की जांच भी विभाग के अन्य सप्लाई इंस्पेक्टर को दी गई है। माना जा रहा है कि विभाग ने आरोपी स्पेक्टर का बचाव करते हुए दबंग राशन डीलर के संचालक पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

        ताजगंज  क्षेत्र में राशन डीलर मंजू देवी की दुकान का संचालन क्षेत्र के दबंग अकील और उसके पुत्र करते हैं। निर्धारित मात्रा से कम राशन मिलने की शिकायत पर 30 नवंबर को पूर्वान्ह 11बजे 7 इंडिया न्यूज़ के संपादक गीतम सिंह अपने सहयोगी पत्रकार भगवान सिंह व कैमरामैन सोनू कश्यप और प्रातः दर्पण न्यूज़ चैनल के पत्रकार मुकेश ठाकुर कवरेज करने पहुंचे। उस समय दुकान पर एआरओ योगेंद्र यादव व सप्लाई इंस्पेक्टर अजय प्रताप सिंह मौके पर मौजूद थे। दोनों की शह पर मंजू देवी की दुकान के संचालक अकील, उसके पुत्र और कई अज्ञात अराजक तत्वों ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने पत्रकारों को जमकर पीटा। इस दौरान वहां काफी भीड़ जुट गई। दबंगों के खौफ के कारण किसी ने भी पत्रकारों को बचाने की कोशिश नहीं की। बाद में अकील और उसके पुत्रों ने पत्रकारों से कहा कि अगर कभी भी ताजगंज क्षेत्र में दोबारा नजर आए तो गोली से उड़ा कर तुम्हारी पत्रकारिता खत्म कर दी जाएगी। इस संबंध में पीड़ित पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, डीएसओ उमेश मिश्रा ने इस मामले की जांच विभाग के एक अन्य इंस्पेक्टर को दी है। 


 बड़ा सवाल

अब सवाल यह उठता है कि इस मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अपने सहकर्मी आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे? हालांकि डीएसओ ने आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है।



दीपावली करीब, एफएसडीए ने नहीं चलाया मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान।


- 5 दिन बाद शुरू हो जाएगी मिठाइयों की बिक्री।


आगरा। दीपावली के कुछ ही दिन बाकी हैं। ग्राहकों से बाजार गुलजार है। मिठाई विक्रेताओं ने मिठाई बनानी शुरू कर दी है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) अभियान के लिए लखनऊ से मिलने वाले आदेश के इंतजार में हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। जबकि पांच दिन बाद मिठाई की खपत शुरू हो जाएगी। पिछले वर्ष त्योहारों पर लिए गए नमूनों का आंकड़ा भी अफसरों की उदासीनता की पोल खोलता है।

     जनपद में दूध और खोवा शहर वासियों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। हर बार जांच रिपोर्ट में दूध असुरक्षित और खोवा अधोमानक पाया जाता है।



एफएसडीए की ओर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5322 निरीक्षण किए गए थे। इस दौरान सिर्फ 862 खाद्य सामग्री के नमूने ही जांच के लिए भेजे गए थे। पिछली दीपावली पर महज 21 नमूने जांच के लिए भेजे थे। मार्च, 2019 में होली से पहले चले अभियान में 24, अगस्त में रक्षाबंधन पर 39 खाद्य सामग्रियों के नमूने जांच के लिए भेजे थे। जबकि त्योहार के समय में सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य सामग्री की खपत होती है।


ये हुए सैंपल फेल...


फतेहपुर सीकरी के चंदा मोहम्मद, कलाल खेरिया के योगेश, पश्चिमपुरी के भगवती प्रसाद, फतेहाबाद रोड पर लिया गया गुजरात के अहमद नगर निवासी ओझा अनिल, कलाल खेरिया पर फीरोजाबाद के विक्रेता छत्रपाल के दूध के नमूने जांच रिपोर्ट में असुरक्षित पाए गए थे। नगला ढाकरान निवासी मुन्नालाल, चार बाद शाहगंज निवासी रमेशचंद, एमपीपुरा ताजगंज निवासी हुकुम सिंह, मदिया कटरा निवासी रामभान सिंह का मिश्रित दूध और शमसाबाद निवासी पप्पू सिंह का खोवा, देवखेड़ा निवासी अचल सिंह का खोवा, ऊचा गांव निवासी लवकुश का पनीर का नमूना भी फेल हुए था।

रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शुभम गुप्ता ने बताया कि मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से लीवर और किडनी सर्वाधिक प्रभावित होती है। जिससे कई प्रकार की बीमारी इंसान को घेर लेती हैं। इसलिए दूध भले ही महंगा हो, पर शुद्ध दूध पीने की कोशिश करें।