एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन




नोयडा।उ.प्र.

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के समाधान हेतु किसानों की क्षमताओ को बढ़ाने हेतु जलवायु स्मार्ट खेती प्रणाली का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फाउडेशन द्वारा एशिया पैसफिक नेटर्वक फाॅर ग्लोबल चेंज रिर्सच के सहयोग से गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आस पास के गांव के लगभग 30 से अधिक पुरूष एंव महिला किसानों ने हिस्सा लिया।


एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान  ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषक किसी भी देश की उन्नती में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राष्ट्र के विकास के लिए कृषकों का विकास और उनकी समस्याओं का निवारण होना आवश्यक है। डा चौहान  ने कहा कि एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों से किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए और उन्हे उन्नत खेती की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। उन्होनें कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए स्मार्ट खेती प्रणाली अभ्यास को कृषकों द्वारा अपनाना समय की मांग है।


गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डा मयंक राय ने कहा कि किसानों के बेहतरी के लिए नई तकनीकी का प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र सभी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होनें किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए केन्द्र में कृषि की विभिन्न जलवायु स्मार्ट प्रथाओं के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की।


एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशिका डा नूतन कौशिक ने कहा कि स्थायी कृषि के सामने बढ़ता हुआ तापमान एक मुख्य चुनौती है और अन्न उत्पादकता को बनाये रखने के लिए हमें नये कृषि अभ्यासों को विकसित करना होगा। उन्होनें किसानों को बदलते जलवायु परिवर्तन एवं उसका कृषि पर प्रभाव के साथ जीवन के अन्य भागों पर प्रभाव को बताया। उन्होनें जलवायु तापमान में वृद्धि के कारण कीटों और कीटों की वृद्धि सहित कृषि पर जलवायु परिस्थितियों के विभिन्न प्रभावो की जानकारी प्रदान की। डा कौशिक ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए जलवायु स्मार्ट प्रथाओं के संर्दभ में विस्तार से जानकारी प्रदान की।


किसान प्रशिक्षण कार्यशाला के अंर्तगत एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा आर एस एंटील ने नियत्रिंत जलवायु परिवर्तन प्रभाव में कार्बन फिक्सेशन के महत्व की जानकारी प्रदान की। उन्हानें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषकों के लाभ हेतु चलाये गये कार्यक्रम के अंर्तगत भूमि परिक्षण एंव भूमि कार्ड के बृहद समय के उपयोग के महत्व को भी बताया।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा हर्षवर्धन चैधरी ने छोटे किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए सब्जी के खेती के महत्व की जानकारी दी। उन्होनें जलवायु परिस्थितियों की विविध चरणों के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार की सब्जीयों के संर्दभ पर चर्चा भी की।


इस दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला में एमिटी विश्वविद्यालय के कई वैज्ञानिकों ने किसानों को जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में आस पास के 9 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया था।

---------------------------------------