पवित्र त्याग और समर्पण का प्रतीक "करवाचौथ "व्रत


भारतीय संस्कृति में करवाचौथ व्रत का एक विशेष महत्व है।इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घ आयु के लिए निर्जला व्रत रखतीं हैं।

 विद्वानों के अनुसार..व्रत के दिन सुहागिन सुबह उठ ,स्नान आदि कर ,करवाचौथ व्रत कथा पढें या श्रवण करें।चन्द्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ दें..एवं अपने पति के हाथों से पवित्र जल का आचमन कर मिष्ठान आदि का प्रसाद खाकर व्रत खोलें।


चन्द्रमा के दर्शन देश में रात-8.55 मिनट पर हर स्थान पर हो जाएंगे।


चन्द्रमा को अर्घ देने का मुहूर्त-

शाम -8.10 से 8.55 तक ।


"समस्त नारी शक्ति को नमन एवं करवा_चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।

मनुष्य सदैव आपका ऋणी रहेगा।

आपने जन्म दिया,शिक्षा दी ,प्रथम गुरु हैं आप।।


"कभी माँ बनकर जन्म ,कभी बहन बनकर राखी, तो कभी सुहागन बन के लंबी आयु की कामना ,तो पुत्री बन के  गौरवान्वित करवाया।

हम या समाज आपका यह ऋण कभी उतार नही पाएंगे।

हे_नारीशक्ति_आपको शत-शत_नमन....

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धर्मेन्द्र कुमार चौधरी "प्रदेश सचिव"

उ.प्र. जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन

मो.9412813583