एमिटी में ‘‘विद्यालय एवं छात्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ





नोयडा।उ.प्र.
उपराज्यपाल डा किरन बेदी और सीबीएसई सचिव श्री अनुराग त्रिपाठी ने किया शुभारंभ
विद्यालय एवं छात्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ पुदुचेरी की उपराज्यपाल महामहिम डा किरन बेदी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव एवं आईआरपीएस अधिकारी श्री अनुराग त्रिपाठी, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान , एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चासंलर डा (श्रीमती) प्रो बलविंदर शुक्ला और एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश के विभिन्न स्कूल विद्यालयों से 100 से अधिक प्रधानाचार्य, हेडमास्टर, अकादमिक विद्वान, नीति निर्धारक, शिक्षक अपने विचार साझा करेगें।

पुदुचेरी की उपराज्यपाल महामहिम डा किरन बेदी ने सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्राथमिक उददेश्य छात्रों का संपूर्ण विकास, उन्हे वैश्विक नागरिक बनाते हुए राष्ट्र विकास में सहयोग करने वाला व्यक्ति बनाना है जो सहदय हो और लोगो की सहायता करें। एक अच्छा शिक्षक छात्रों में ये सारे गुण विकसित कर सकता है और इसके लिए आपको किसी आदेश का इंतजार की आवश्यकता नही है। महामहिम डा बेदी ने कहा कि युवा छात्रों को पुलिस थानो ंमे जाकर उनकी कार्यप्रणाली को समझना चाहिए और स्वंयसेवक के रूप में यातायात संचालन आदि क्षेत्रों में कार्य कर सकते है। उन्होने कहा कि छात्रों को पौधारोपण, श्रमदान, सैटेनाइजेशन कार्य में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें, मात्र कुछ छात्र ही नही बल्कि अधिक संख्या में युवा छात्र इन अभियानों में हिस्सा ले सकते है जिससे उनका संपूर्ण विकास होगा और उन्हे प्रयोगिक जानकारी प्राप्त होगी। हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उददेश्य भी छात्रों का संपूर्ण विकास है। उन्होनें कहा कि युवाओं केा स्थानिय सुरक्षा, घरेलु हिंसा की दिशा में कार्य करना चाहिए, क्षेत्र के वोकेशनल सेंटर को उद्योगों से जोड़े जहां पर छात्र सप्ताह में एक दिन कार्य करके प्रयोगिक जानकारी हासिल करें। वरिष्ठ छात्र, छोटे बच्चों को पढ़ायें और पायेगें कि उनके प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी स्वंय हो रही है। शिक्षक छात्रों को पाठ पढ़कर आने के उपरांत परिचर्चा आयोजित करें और उनके अंदर साहनुभूति एवं एक दूसरे का ध्यान रखने के भाव को विकसित करें। ब्यूरोक्रेट्स विभिन्न एनजीओ के साथ जुड़ कर कार्य करें और आईटी संस्थानो को एनजीओ, सरकारी संस्थानो से जोड़ा जाये। कोविड के दौरान जिसके पास जो भी जानकारी है उसे अन्य लोगों से बांटे जिससे दोनो पक्ष लाभन्वित होगें। डा बेदी ने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक की भूमिका तक सीमीत ना रहे बल्कि छात्रों का नेतृत्व करें और उन्हे ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों में जाकर शिक्षण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। देश मे एक बड़ी संख्या मे युवा वर्ग है जिसे हर क्षेत्र में शामिल करें वो स्वंय ही आत्मनिर्भर बनेगा और देश भी विकास की राह में अग्रसर होगा। युवा छात्रों को सामजिक जिम्मेदारी के लिए प्रोत्साहित करके सामाजिक जिम्मेदार देश का निर्माण करें।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव एवं आईआरपीएस अधिकारी श्री अनुराग त्रिपाठी ने सम्मेलन मे संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन के प्रारंभ से ही शिक्षा प्रारंभ हो जाती है, घर से विद्यालय तक उसका उददेश्य छात्र का समग्र विकास होता है। शिक्षा के साधन से ही देश की सारी समस्याओं का निदान हो सकता है। एक छात्र को अच्छी शिक्षा प्रदान करके आप उसकी सारी मुश्किलों का समाधान कर सकते है और छात्र देश के विकास में अपना बेहतरीन सहयोग कर सकते है। आज अगर कोई विश्व का कोई भी देश समस्याओ से जुझ रहा है तो उसका एक मात्र कारण शिक्षा का मुख्य साधन ना बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उदेदश्य छात्रों का समग्र विकास एवं अच्छे नागरिक का निर्माण करते हुए उनका शारिरीक, मानसिक और आत्मिक विकास करना है। भारतीय शिक्षा को योग्यता और कौशल आधारित बनाना है जिससे विद्यालय और संस्थानो से निकलने के बाद वे रोजगार प्राप्त कर सकें, समस्या का निवारण कर सके, नेतृत्व कर सकें, समाजिक बनें और दूसरे के विचारों को सुन समझें और सम्मान दे, अन्य लोगों के प्रति सहानुभूति रखे रचानत्मक एवं नवाचार करें। विश्व मे आने वाले समय में ऐसे व्यक्तियों की मांग अधिक होगी। श्री त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरीए आपकोे योग्यता और कौशल आधारित शिक्षा को कक्षा में लाकर छात्रों को प्रयोगिक जानकारी कैसे दी जाये इसकी जानकारी प्रदान होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आपको शिक्षणशास्त्र सीखने के अनुभव प्रदान करता है, उन्होने कहा कि छात्र को शिक्षा की प्रयोगिक जानकारी के साथ अनुभव होना आवश्यक है। उद्योगों, पुलिस एवं डाकखाने की कार्यप्रणाली, संसद भवन, कला, खेल को पुस्तकों में पढ़ कर ही सीखा एवं समझा नही जा सकता है बल्कि उनका अनुभव करना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रधानाचार्यो एवं शिक्षकों के क्षमता विकास की बात करती है। हर व्यक्ति शिक्षक नही बन सकता, एक बेहतरीन शिक्षक बनने के लिए संवाद कौशल, एकीकरण, कलात्मक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार को समझने का गुण होना आवश्यक है। प्रधानाचार्यो का शिक्षक, छात्रों, अभिभावकों से जुड़ना चाहिए। छात्रों का 360 डिग्री सेल्सीयस समीक्षा आवश्यक है जहां उनके समग्र विकास हेतु उनका मूल्यांकन कक्षा, प्रयोगशाला, खेल के मैदान, कला के क्षेत्र सभी जरूरी है जिससे हमारे छात्र केवल सैद्धांतिक स्तर पर ही नही प्रयोगिक स्तर पर जानकारी से पूर्ण हो।

  एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय एवं छात्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन आवश्यक है। सम्मेलन में हमारे अतिथियों महामहिम डा बेदी और श्री त्रिपाठी ने अपने विचारों से प्रभावित एवं प्रोत्साहित किया है। यह एक महत्वपूर्ण सम्मेलन है जो हमें विद्यालय स्तर पर इस नीति के कार्यान्वयन के संर्दभ में विशेषज्ञों के विचारों को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त होगा। हमारे एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान का विश्वास है कि देश का विकास छात्रों के समग्र विकास पर आधारित है और शिक्षा के जरीए ही छात्रों को एक बेहतरीन इंसान बनाया जा सकता है। डा चौहान ने कहा कि शिक्षक देश के युवाओं के माध्यम से राष्ट्र विकास अग्रसर में परिवर्तन ला सकते है।

 एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चासंलर डा (श्रीमती) प्रो बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के उददेश्यों को प्राप्त करने हेतु  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की गई है और विद्यालय एवं छात्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन की रणनितीयों के लिए आयोजित इस सम्मेलन में 100 से अधिक विद्यालय प्रधानाचार्यो, हेडमास्टरों, विद्वानों, विशेषज्ञों, शिक्षकों अपने विचार रखेगें।। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर 9 सत्रों का आयोजन किया जायेगा। एमिटी शिक्षण समूह, विद्यालय स्तर और उच्च शिक्षा स्तर पर छात्रों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरीए विज्ञान एवं तकनीकी, नवाचार को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के दिशा में सार्थक कदम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

सम्मेलन के प्रथम दिन आयोजित विभिन्न सत्र के अंर्तगत प्रथम सत्र ‘‘ बुनियादी वर्षो के विकास में विद्यालय, अभिभावकों और समाज की भूमिका’’ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता बाराखंबा रोड स्थित मार्डन स्कूल के प्रधानाचार्य डा विजय दत्ता ने की और केरल के त्रिरूर स्थित बेंचमार्क इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य श्री जोजी पाॅल, लखनउ की सीएमएस गोमती नगर की प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनंत, एमिटी ग्लोबल स्कूल नोएडा की प्रधानाचार्या श्रीमती जयश्री काड ने अपने विचार रखे। परिचर्चा का संचालन लखनउ की एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन की प्रमुख डा माला टडंन और एमिटी विश्वविद्यालय की फैकल्टी आॅफ एजुकेशन की डीन डा कल्पना शर्मा द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में ‘‘शिक्षार्थियों के समग्र विकास के लिए स्कूल पाठयक्रम और शिक्षाशास्त्र का पुनर्गठन’’, ‘‘ समान और समावेशी शिक्षा प्राप्त करना - चुनौतियां और अवसर’’ सहित ‘‘ स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के लिए विनियमन और प्रत्यायन का साकार - मुद्दे और आगे का रास्ता’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के शिक्षकगण सहित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकगण और अधिकारीगण भी उपस्थित थे।