यदि साधुजन ना होते ,तो हो जाता इस जहाँ का पतन : बाबा श्यामानन्द गिरि



 मथुरा।( हि. वार्ता )

 मथुरा के प्रसिद्ध नागा बाबा श्यामानन्द गिरि जो भगवान कृष्ण - देवी राधा रानी की पावन भूमि पर विराजमान हैं ,जो  साधुजनों के साथ भजन पूजन में  मग्न रहते हैं ।उन्होंने अपने प्रवचन में एक खास बात कही कि.....

"आग लगी संसार में और झर झर परहूं अंगार।

 जो ना होते साधुजन तो जर मरता संसार ।।


हे भक्तों.. इस समय संसार में कौराना रूपी आग लगी है, इससे बचने के लिए  ,सभी को साधना कर ,भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए और अपनी आत्मशक्ति बढ़ानी चाहिए ।

अगर ये साधुजन ना होते तो जाने कब का ऐ संसार जलकर राख हो जाता।

इसलिए आप सब भक्ति के मार्ग पर चलें। योग-जप- तप करें।

आगे उन्होंने कहा कि .. यदि आप सुख शान्ति चाहते हैं तो आपको कुछ त्याग भी करने होंगे।

जिस मनुष्य के पास धर्म और दया नहीं है उसका त्याग करें।जिस गुरु के पास आध्यत्मिक ज्ञान नहीं है ,उस गुरु से दूर रहें।

जिस पत्नी के मुखार बिंदु पर हरदम घृणा हो..तो उससे भी दूर रहें। जिस रिश्तेदार में प्रेम की भावना न हो, तो उससे दूर रहें।

सच्चे साधुओं का सानिध्य प्राप्त कर, साधुता धारण कर ..अपनी उम्र पूरी करके ...मोक्ष प्राप्त करें।