बांट - मांप विभाग और गैस एजेंसियों की मिलीभगत से हो रही सिलेंडरों में घटतौली



-  उपभोक्ताओं की मिलकर जेब  कटवा रहे हैं।

 

आगरा।(प्रवीन शर्मा )

 गैस सिलेंडरों की बढ़ी कीमतों के बीच ,गैस एजेंसियों और बांट-मांप विभाग की मिलीभगत से उपभोक्ताओं की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। एजेंसियों के हॉकरों द्वारा ग्राहकों को सप्लाई किए जाने वाले गैस सिलेंडर में 2 से लेकर 6 किलो तक गैस कम दी जा रही है।  मजे की बात तो यह है कि इसके विरोध में आवाज उठाने वाले ग्राहकों की शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फैंक दिया जाता है।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का भरोसा जताया था। इससे प्रदेश के देशवासियों के चेहरे कुछ समय के लिए सक्षम के लेकिन बाद में सरकारी महकमों की मिलीभगत से पंछी भ्रष्टाचार से लोगों के चेहरे पीले पड़ गए।  जी हां! हम बात कर रहे हैं खाना बनाने के लिए सप्लाई किये जाने वाले गैस सिलेंडरों की। विभिन्न गैस एजेंसी के नौकरों द्वारा लोगों को लंबे समय से कम गैस दी जा रही है।  उपभोक्ता द्वारा इसकी शिकायत करने पर गैस एजेंसियों और बाट माप विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती। 

क्या कहते हैं उपभोक्ता

 अर्जुन नगर स्थित अयोध्या कुंज की रहने वाली ग्रहणी पूजा शर्मा ने बताया कि होकर उन्हें लंबे समय से प्रतिमा दो से तीन किलो तक गैस कम देता आ रहा है।  एक दिन जब सप्लाई किए गए जो सिलेंडर का वजन कराया तो उसमें 3 किलो गैस कम निकली।

 विजय नगर कॉलोनी के उपभोक्ता अरुण गौतम ने बताया कि उनके भाई एक प्रतिष्ठान में पत्रकार हैं। हॉकर इस बात को अच्छी तरह से जानता है, इसके बाद भी वह लंबे समय से 2 से 4 किलो तक गैस कम देता आ रहा है।  यही की रहने वाली ग्रहणी कमलेश ने बताया की हॉकर उन्हें कभी-कभी तो 5 किलो तक  गैस कम दे जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत एजेंसी या बाट माप विभाग को नहीं की ,लेकिन अधिकारी और एजेंसी के नुमाइंदे शिकायतों पर किसी तरह का ध्यान नहीं देते।


 आखिर हॉकर क्यों करते हैं गैस की चोरी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गैस एजेंसी के मालिकों द्वारा नौकरों को 25 से 30 रुपये प्रति सिलेंडर कमीशन दी जाती है। एक दिन में 10 - 12 सिलेंडर लोगों के घरों तक पहुंचा पाता है। इसमें उसका मेहनताना मात्र ढाई सौ रुपये तक ही बनता है।  इतनी कम धनराशि में उनका घर चलना काफी मुश्किल होता है।  इसलिए उन्हें गैस की घटतौली कर ग्राहकों की जेब साफ करनी पड़ती है।

            इस सम्बंध में सहायक नियंत्रक, बांट - माप विभाग,सौरभ श्रीवास्तव से बात की.. तो उन्होंने कहा कि

जो हॉकर गैस की घटतौली कर रहे हैं, उनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी।