इंदौर की "अहिसास" संस्था द्वारा हुआ डॉ. गोपाल चतुर्वेदी का सम्मान



वृन्दावन। (राधाकांत शर्मा)

अमरावती (महाराष्ट्र) की प्रख्यात संस्था अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सभा (अहिसास) की इंदौर(मध्य-प्रदेश) इकाई द्वारा अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि-सम्मेलन का आयोजन संम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता इंदौर के प्रख्यात साहित्यकार, समाजसेवी, रोटेरियन डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया "यथार्थ" ने की। मुख्य अतिथि थे श्रीधाम वृन्दावन के वरिष्ठ साहित्यकार व आध्यात्मिक पत्रकार, साहित्य-संस्कृति मनीषी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी।

इस अवसर पर "अहिसास" संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष शीला डोंगरे, सेंटपॉल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (इंदौर) की प्राध्यापक व मोटिवेशन स्पीकर डॉ. स्वाति सिंह एवं डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया आदि ने डॉ. गोपाल चतुर्वेदी का स्वागत-सम्मान करते हुए व उन्हें अभिनन्दन-पत्र भेंट करते हुए कहा कि डॉ. गोपाल चतुर्वेदी हमारे इस आयोजन की बहुत बड़ी शोभा हैं। उनके एक-एक शब्द अनमोल मोती की तरह हैं। उनकी अभिव्यक्ति अत्यंत भाव पूर्ण एवं हृदय स्पर्शी है। उन्होंने अपनी सारी ही रचनायें अत्यंत आत्मीयता के साथ लिखी हैं। आज के इस आयोजन में उनकी उपस्थिति से हमें श्रीधाम वृन्दावन की दिव्य अनुभूति हो रही है। हम उनके सुखद, सृजनशील एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करते हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि मध्य-प्रदेश का मुम्बई कहा जाने वाला इंदौर का साहित्यिक व सांस्कृतिक इतिहास अत्यंत समृद्ध है। महारानी-देवी अहिल्या बाई होलकर द्वारा स्थापित इंदौर मध्य-प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक नगर भी है। ऐसे वैभवशाली नगर में "अहिसास" संस्था का संचालन करने वाले 75 वर्षीय डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया एवं उनकी टीम बधाई की पात्र है। "अहिसास" के यशस्वी अध्यक्ष डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया में अपनी वृद्धावस्था के बावजूद नौजवानों का सा उत्साह है। इसी के चलते उनके द्वारा समय-समय और बड़े बड़े साहित्यिक व सामाजिक अनुष्ठान किये जाते रहते हैं। मैं उनकी लगन, कर्मठता व संगठन शक्ति को प्रणाम करता हूँ। 

"कोविड-19" विषय पर सम्पन्न हुए इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में सर्वश्री डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया "यथार्थ", डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ. स्वाति सिंह, श्रीमती शोभारानी तिवारी, मंजुला भूतड़ा, अशोक द्विवेदी, ममता तिवारी, सुषमा शुक्ला, आशा जाखड़, मीना अग्रवाल, पण्डित राजेश रामनगीना, राजकुमार हाड़ा, नीति अग्निहोत्री, मनोज सोनी, शारदा गुप्ता, हेमा जैन, डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया, योगेश जिंदल, चन्द्रकला जैन, मोहन शर्मा, डॉ. सुधा चैहान "राज" जनार्दन शर्मा, महेंद्र सांघी (दद्दू), हंसा मेहता, राधाकांत शर्मा (वृन्दावन), अंजुल कंसल आदि 35 कवियों ने काव्य पाठ कर कई घण्टों तक वाहवाही लूटी। साथ ही श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का अत्यंत मनमोहक व चित्ताकर्षक संचालन श्रीमती शोभारानी तिवारी एवं राजकुमार हाड़ा ने किया। 

अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सभा "अहिसास" के पदाधिकारियों ने इस बात की भी घोषणा की, कि उनकी संस्था ब्रजभाषा के संवर्धन व उन्नयन हेतु बहुत शीघ्र ही श्रीधाम वृन्दावन में भी अपनी इकाई स्थापित करेगी। इसका संयोजक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी को नियुक्त किया जाता है।