भव्य शोभायात्रा के साथ शुरू हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन



वृन्दावन।उ.प्र (राधाकांत शर्मा)

 मिथिला एवं ब्रजभूमि के पुरातन संबंधों को और भी मधुर एवं प्रगाढ़ बनाने के लिए ब्रज-मैथिली अकादमी की स्थापना के प्रयास को तेज किया जाएगा। उक्त बातें उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को श्री वृंदावन धाम के फोगला आश्रम में आयोजित 18वें  अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कही। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ स्वामी श्री गोविंदानंद तीर्थ जी महाराज ने अन्य अतिथियों के साथ मिलकर दीप प्रज्ज्वलित कर किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता चार संप्रदाय चेतन कुटी के अध्यक्ष स्वामी श्री फूलडोल दास जी महाराज ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर की गरिमामय उपस्थिति रही।

 अपने उद्घाटन भाषण में स्वामी श्री गोविंदानन्द तीर्थ जी महाराज ने जनक नन्दिनी सीता की जन्मभूमि मिथिला को निराकार ब्रह्म को साकार करने वाली धरती बताते हुए इसे कुशल व्यवहार के माध्यम से सभ्यता एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन का केंद्र बिंदु बताया। उन्होंने अपने उद्बोधन में मिथिला भूमि को ज्ञान व प्रेम के समन्वय का जीता जागता प्रमाण बताया। दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कवि कोकिल विद्यापति के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए विधान सभा, विधान परिषद एवं संसद भवन में उनका चित्र  लगाए जाने की बात उठाई। 

 अतिथियों का स्वागत स्वनामधन्य वेदाचार्य एवं सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष पं गंगाधर पाठक ने किया।जबकि  इंजीनियर अजय कुमार चौधरी ने सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

 मौके पर संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल विभिन्न भाषाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों के साथ-साथ कला संस्कृति, पत्रकारिता एवं अन्य विधाओं में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को मिथिला रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। बैंकिंग सेवा क्षेत्र के लिए नीकेश्वर दत्त शर्मा, डिफेंस क्षेत्र में श्री कैलाश पाठक, समाज सेवा के क्षेत्र में यतेद्र मोहन झा, भुवनेश्वर शर्मा, इंद्रमणि पाठक, वीरेंद्र कुमार शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, मैथिली काव्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले हरिश्चंद्र हरित, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली डॉ सुषमा झा, हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉ प्रभाकर पाठक एवं डॉ अमरकांत कुमर, गायन के क्षेत्र में दुखी राम रसिया एवं ओम प्रकाश सिंह, संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले डॉ रामसेवक ठाकुर आदि को मिथिला रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सम्मेलन के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानंद झा, महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के हीरा कुमार झा, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नारायण राम, मणिकांत झा,  प्रो जीवकांत मिश्र, प्रो विजय कांत झा, प्रवक्ता प्रवीण कुमार झा, चन्द्र शेखर झा बूढाभाई, विनोद कुमार झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।  इससे पहले प्रात:काल बांके बिहारी मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक मैथिल परिधान में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई ।