एमिटी विश्वविद्यालय में 11 वें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘ काॅनफ्युएंस 2021’’ का शुभारंभ






नोयडा।उ.प्र.

छात्रों को क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इंजिनिरिंग के क्षेत्र हो रहे शोध और नवाचार के संर्दभ में जानकारी प्रदान करने के लिए और अकादमिक, औद्योगिक और शोधार्थियों को अपने विचार प्रकट करने के लिए मंच प्रदान करने हेतु एमिटी स्कूल आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी द्वारा आईईईई के सहयोग से ‘‘ क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इंजिनिरिंग’’ विषय पर दो दिवसीय 11वे आॅनलाइन अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘काॅनफ्युएंस 2021’’ का आयोजन किया गया। इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ माइक्रोसाफ्ट के नेशनल सिक्योरिटी आॅफिसर एंव एसोचेम के सिक्योरिटी कांउसिल के को - चेयरमैन श्री दीपक तलवार, विप्रो के सीएआईओ श्री अंकुश मिनोचा, न्यूजीलैंड के वाइकाटो विश्वविद्यालय के प्रो बनार्ड फारिंगर, आस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के डा सिमियाॅन सिमाॅफ, आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय की डा (श्रीमती) फ्राडा ब्रस्टेन, नेशनल यूनीवर्सीटी आॅफ सिंगापुर के डा टाय यंग चियांग, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान , एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी स्कूल आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के संयुक्त प्रमुख डा अभय बंसल द्वारा किया गया। इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में लगभग 30 से अधिक देशों सें वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, विशेषज्ञों, उद्यमियों, और अकादमिकों ने हिस्सा लिया है जिसमें 690 पेपर प्रस्तुत किये जायेगे।

माइक्रोसाफ्ट के नेशनल सिक्योरिटी आॅफिसर एंव एसोचेम के सिक्योरिटी कांउसिल के को चेयरमैन श्री  दीपक तलवार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में व्याप्त अनिश्चितता के दौर में हमने तकनीकी के महत्व को और भी बेहतरीन तरीके से समझा है और आत्मसात भी किया है विशेषकर कर स्वास्थय देखभाल के क्षेत्र में। माइक्रोसाफ्ट का उददेश्य हर व्यक्ति और संस्थान को लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सशक्त बनाना है और लगभग 25 मिलियन लोगों के तकनीकी की सहायता से सशक्त बनाया जा रहा है। श्री तलवार ने कहा कि क्लाउड कप्यूटिंग, डाटा सांइस और इजिनियरिंग ने महामारी के दौरान बेरोजगारी को कम करने और लाॅकडाउन को गती देने का कार्य किया है जिससे व्यापार, शिक्षण आदि क्षेत्रों के कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो रहे है। नई पीढ़ी के विकास हेतु अकादमिक,उद्योगों और सरकारों को मिलकर कार्य करना होगा। हम तकनीकी के एक नये संस्कृतिक पर्यावरण की ओर बढ़ रहे है जिसमें शिक्षा प्रणाली की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो रही है। नये इंक्यूबेशन सेंटर, एक्सलेंस सेंटर का निर्माण स्टार्टअप को सहयोग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा सांइस की आवश्यकता है। डाटा सांइस के अंर्तगत डाटा को जमा करना, उनका पृथक्करण, विश्लेषण, निरिक्षण होता है जो कि निर्णय लेने में सहायक होता है। वर्तमान समय में डाटा महत्वपूर्ण है, नई अर्थव्यवस्था और नई पूंजीं है बल्कि हर चीज की बुनियाद है। उन्होनें कहा कि वर्तमान समय में एमिटी द्वारा आयोजित इस सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण है जिससे छात्रों को निश्चित लाभ होगा।

विप्रो के सीएआईओ श्री अंकुश मिनोचा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी और बुद्धिमता एक दूसरे के पूरक है और दोनो के सहयोग से ही विकास संभव है। वर्तमान समय में क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिनपर ध्यान केन्द्रीत करना आवश्यक है। उन्होनें क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभों को बताते हुए कहा कि क्लाउड कंप्यूटिंग के जरीए मापनीयता प्राप्त होती है जिससे किसी तंत्र, संगठन या प्रक्रिया की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। क्लाउड कंप्यूटिंग से व्यापारिक निरतंरता, सहयोग क्षमता और सुरक्षा जैसे लाभ भी प्राप्त होते है। श्री मिनोचा ने कहा कि डाटा की शक्ती को समझना आवश्यक है। उन्होनें छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान के महत्व को बताते हुए कहा कि जीवन में व्यवहारिक ज्ञान आवश्यक है जिससे आप जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। श्री मिनोचा ने छात्रों को स्वंय के अदंर नेतृत्व कौशल और संचार कौशल को विकसित करने की सलाह दी।

न्यूजीलैंड के वाइकाटो विश्वविद्यालय के प्रो बनार्ड फारिंगर ने वैश्विक लाॅकडाउन, आॅनलाइन शिक्षण में तकनीकी एवं उसकी उपलब्धि के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। उन्होनें कहा कि आॅनलाइन होने वाले छात्र बहुत सारा डाटा उत्पन्न करते है जिनका विश्लेषण किया जा सकता है। विश्लेषण कर उन्हे कार्रवाई योग्य ज्ञान के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

आस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के डा सिमियाॅन सिमाॅफ ने छात्रो को कोरोना संकट के दौरान प्राप्त होने वाले अवसरो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तकनीकी विकास ने बहुत से परिवर्तनों को सक्षम किया है और उन्होनें छात्रों से कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर नजर रखें, वे उन्हे प्राप्त करने की दिशा पर बड़े पैमाने पर कार्य करेगें। उन्होनें छात्रों से कहा कि जीवन पर्यंत कुछ सीखते रहें।

आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय की डा (श्रीमती) फ्राडा ब्रस्टेन ने कहा कि उन लोगों की पहचान करें जो उन्हे सशक्त महसूस कराते हो, उनके जीवन में सकरात्मक परिवर्तन लाते है या उनके लिए रोल माॅडल है। उन्होनें कहा कि सम्मेलन के जरीए प्राप्त हो रहे अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाये जिससे उन्हे वैश्विक अनावरण प्राप्त होगें।

नेशनल यूनीवर्सीटी आॅफ सिंगापुर के डा टाय यंग चियांग, ने इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में युवाओं की प्रतिभागीता की सराहना करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान हुई परिचर्चा हम सभी के लिए लाभदायक होगी।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने अतिथयों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आॅनलाइन अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘काॅनफ्युएंस 2021’’ ने वैश्विक मस्तिष्कों को एक मंच प्रदान किया है जहां विचारों का समन्वय और आदान प्रदान हो सके। उन्होने कहा कि एमिटी का उददेश्य वैश्विक विचारों, अनुभवों और नवाचार को एमिटी परिसरों का संगम बनाना है। शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान के विकास से ही भारत विश्व में ज्ञान की महाशक्ती बनेगा।

 एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि हर वर्ष होने वाले इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन के जरीये हम नये सहयोग के आयाम विकसित करते है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आप जब भी किसी संस्थान के साथ कार्य करें तो उसका मुख्य स्तंभ बनने का प्रयास करें। आप विश्व का भविष्य है इसलिए मिलकर कार्य करें और विश्व को सभी के लिए बेहतर स्थान बनायें। डा चौहान ने कहा कि एमिटी छात्रों में व्यवहारिक कौशल को विकसित करने पर विशेष ध्यान देता है।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि यह सम्मेलन छात्रों को जानकारी प्राप्त करने और उद्योगों की अपेक्षाओ सहित प्रवृत्तियों को समझने में सहायक होगा जिससे उनकी प्रतिस्र्पधा की क्षमता भी विकसित होगी। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विचारों का आदान प्रदान, नये स्टार्टअप को विकसित करेगें जो अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगें।


तकनीकी सत्र के अंर्तगत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, एआई एंड साफ्ट कंप्यूटिंग, बिग डाटा एंड डाटा माइनिंग, कंप्यूटर नेटर्वक एंड सेंसर आदि पर परिचर्चा सत्रों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘काॅनफ्युएंस 2021’’ पर आधारित कार्य पुस्तिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।


विदित हो कि आईईईई यूपी सेक्शन द्वारा तकनीकी को प्रायोजित इस सम्मेलन में यूएसए, यूके, अॅास्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, मलेशिया, स्पेन, साउथ अफ्रीका, स्वीडेन, सिंगापुर, जर्मनी, इटली, अबुधाबी, यूक्रेन, पुर्तगाल, बंग्लादेश सहित भारत आदि से वक्ताओं और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया है।


इस सम्मेलन में एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह, एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के डिप्टी डीन डा के एम सोनी, एमिटी स्कूल आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के संयुक्त प्रमुख डा अभय बंसल और डा मनोज पांडेय ने अपने विचार व्यक्त किये।