एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित 11 वें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘ काॅनफ्युएंस 2021’’ का समापन





नोयडा।उ.प्र.

छात्रों को क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इंजिनियरिंग के क्षेत्र हो रहे शोध और नवाचार के संर्दभ में जानकारी प्रदान करने के लिए और अकादमिक, औद्योगिक और शोधार्थियों को अपने विचार प्रकट करने के लिए मंच प्रदान करने हेतु एमिटी स्कूल आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी द्वारा आईईईई के सहयोग से ‘‘ क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इंजिनिरिंग’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय 11वे आॅनलाइन अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘काॅनफ्युएंस 2021’’ का आज समापन हो गया। इस समापन समारोह में यूके के कैब्रिंज विश्वविद्यालय के प्रो पीटर राॅबिन्सन, यूएसए के काॅरनेल विश्वविद्यालय के प्रो डेविड ग्रीइस, मलेशिया के टेक्नोलाॅजी पेट्रोनेस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा मुहम्मद इब्राहिम बिन अब्दुल मुतालिब, आईईईई इंडिया काउंसिल के डा एस एन सिंह, एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान, यूएसए के ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय के प्रो समीर शाह, पेरिस के ली फ्रेहिंदी के सीईओ श्री हारू मेहरा और एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। विदित हो कि इस सम्मेलन में लगभग 30 से अधिक देशों सें वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, विशेषज्ञों, उद्यमियों, और अकादमिकों ने हिस्सा लिया और जिसमें 690 पेपर प्रस्तुत किये गये।


यूके के कैब्रिंज विश्वविद्यालय के प्रो पीटर राॅबिन्सन ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व तेजी से परिवर्तीत हो रहा है और अक्सर लोग तकनीकी द्वारा मानव कार्य को अधिग्रहित किये जाने पर चर्चा करते है। भावनाओं को व्यक्त करना ही हमें मानव बनाता है। प्रो राॅबिन्सन ने कहा कि क्रोध, प्रसन्नता, भय, दुख और व्याकुलता पांच प्रमुख भावनायें है। भावनायें हमारे पारस्परिक संवाद के लिए आवश्यक है और मानव के मध्य आपसी बातचीत का महत्वपूर्ण द्योतक है। प्रो राॅबिन्सन ने चेहरा प्रभाव विश्लेषण, एफेक्टीवा एफेडक्स सहित व्यक्तियों के चेहरे के भाव हेतु कंप्यूटर एप्लीकेशन की जानकारी प्रदान की। इस दौरान उन्होनें मशीन इन द इमेज आॅफ मैन और रोबोट इन फिक्शन पर किये गये शोध कार्यो की जानकारी प्रदान की।


यूएसए के काॅरनेल विश्वविद्यालय के प्रो डेविड ग्रीइस ने संबोधित करते हुए कहा कि स्न 1960 में हमारे पास कंप्यूटर, के्रडिट कार्ड और मोबाइल नही थे आज डिजिटल तकनीकी ने कार्य एवं जीवनशैली को आसान कर दिया है। उन्होनें आधुनिक तकनीकी के विभिन्न क्षेत्रों पर शोध कार्य किया जा रहा है और एमिटी द्वारा आयोजित यह सम्मेलन हमें मिलकर कार्य का प्रोत्साहन प्रदान करेगा। शोध और नवाचार के विकास हेतु अकादमिक और उद्योगों का सहयोग जरूरी है।


मलेशिया के टेक्नोलाॅजी पेट्रोनेस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा मुहम्मद इब्राहिम बिन अब्दुल मुतालिब ने कहा कि कोई भी संस्थान अकेले या नेपथ्य में रहकर कार्य नही कर सकता और छात्रों को शोध नवाचार का वैश्विक अनावरण प्रदान करने के लिए आपसी सहयोग आवश्यक है। महामारी के समाप्त होते ही गतिविधियां पुनः प्रारंभ होगी और संयुक्त शोध, विचारों के आदान प्रदान को गती प्राप्त होगी। उन्होनें कहा कि एमिटी द्वारा आयोजित सम्मेलन के जरीए छात्रों को अवश्य लाभ होगा ।


आईईईई इंडिया काउंसिल के डा एस एन सिंह ने सबोधित करते हुए कहा कि इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में लगभग 60 विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये। ‘‘काॅनफ्युएंस 2021’’ नित नये आयाम स्थापित कर रहा है। डाटा सांइस के अंर्तगत डाटा का विश्लेषण वर्तमान समय की मांग है और हमारे लिए महत्वपूर्ण संपत्ति है। डा सिंह ने कहा कि आईईईई द्वारा मानवता हेतु तकनीकी का सहयोग किया जा रहा है।


एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान ने अतिथियों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में बृहद संख्या में देश और विदेश से विशेषज्ञों और विद्वानों ने शिरकत की है। एमिटी का उददेश्य मिलकर विश्व में परिवर्तन लाना और विश्व को सबके रहने हेतु बेहतरीन स्थान बनाना है। डा चौहान ने कहा कि एमिटी में हम युवाओं को शिक्षण, नवाचार और शोध के बेहतरीन अवसर प्रदान करते है। सम्मेलन के जरीए विशेषज्ञों ने समय निकालकर छात्रों को जानकारी प्रदान की जो उनके लिए अत्यंत लाभदायक होगी। नवाचार एक नये पथ का निर्माण कर रहा है आज हम जिस तकनीकी पर्यावरण में है आने वाले 10 से 15 वर्षो में परिवर्तीत हो जायेगा।


सम्मेलन के समापन समारोह में यूएसए के ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय के प्रो समीर शाह ने कहा कि हमें भविष्य के सूचना प्रौद्योगिकी के लिए मानव संसाधन तैयार करना होगा। भविष्य में आज के वर्तमान आईटी रोजगार नही होगें और छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने लिए काफी सारे कौशलों से युक्त बनाना होगा।


पेरिस के ली फ्रेहिंदी के सीईओ श्री हारू मेहरा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग के क्षेत्र मे काफी शोध कार्य कर हो रहा और एमिटी द्वारा आयोजित यह सम्मेलन आपसी विचारों को जानने एवं सहयोग की दिशा में सार्थक कदम होगा।


इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में यूएसए के माइक्रोसाफ्ट में साफ्टवेयर इंजिनियर श्री पियूष अरोरा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एमिटी ने मुझे सदैव शोध और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करते हुए वैश्विक अनवारण प्रदान किया। शिक्षकों से मिलने वाले मार्गदर्शन ने आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है जिससे जीवन में सफलता को प्राप्त करता रहा।


एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि किसी भी देश का विकास अकादमिक और उद्योग के संयुक्त प्रयास से संभव है। एमिटी में हम छात्रों को उद्योगों की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करते है। डा सिंह ने कहा कि कोविड 19 ने हमारे सामने कई चुनौतियां खड़ी की किंतु हमने आॅनलाइन शिक्षा और सम्मेलनों के जरीए छात्रों के विकास को सदैव प्राथमिकता के आधार पर जारी रखा।


 इस अवसर पर एमिटी स्कूल आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के संयुक्त प्रमुख डा अभय बंसल और डा मनोज पांडेय सहित कई अधिकारीगण और शिक्षकगण उपस्थित थे।