आगरा में धूमधाम से मनाई गई नेताजी सुभाष चन्द बोस की 125 वी जयंती




सवांददाता, के,के,कुशवाहा




आगरा। नेताजी सुभाष चन्द बोस जी की 125वीं जयंती दलेनगर -खन्दौली-एत्मादपुर में माता के मन्दिर के पास-प्रसाशन के हडकाने के बाद भी मनाई गयी।

 भूमि बचाओ किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी गाँव पहुंचे तो गांव वालों ने बताया की पुलिस  ने कहा है कि जयन्ती कोई नहींं मनायेगा-गांव के लोग खेतो में रोज कि तरह निकल चुके थे।

  पदाधिकारीयों ने बच्चों के साथ गोष्ठी शुरू की तो गांव में गहमागहमी बढ गयी और बच्चों के जय घोष के साथ माता बहनें बढी संख्या में मन्दिर पर पहुंच गयी।  गोष्ठी की अध्यक्षता रतनसिंह बघेल ने की तथा संचालन रघुराज सिकरवार ने किया। बोस जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर क्रार्यक्रम की शुरुआत हुयी।

 शिशुपाल बघेल ने कहा की देश को आज भी बोस जी के सिद्वान्तों की आवश्यकता है।अंशूमन ठाकुर ने बताया की नेताजी  ने दुँनियाँ को सिखा दिया की संघर्ष व्यर्थ नहींं जाता है।

एडवोकेट उदयवीर सिंह जी ने कहा की लडाई  लडने का जज्बा होना चाहिए- विश्व में रहकर भी आप भारत के बारे में अच्छा सोच सकते है नेताजी ने यह साबित कर दिखाया था।

एडवोकेट अजय चौधरी ने कहा की भारत में जो वह सरकार रही वह नेताजी के सपनों को साकार न कर सकी-दिल्ली में चल रहा किसान आन्दोलन इस का उदाहरण है।

समिति के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि स्वंतत्र भारत में आज भी किसान पीस रहा है गेहूं के पीसने का सबने सुना था,गेहूं के साथ घुन पीसने का भी सुना था लेकिन स्वंत्रत भारत में किसान पीस रहा है यह देखने के लिए भारत के लोगों को दलेनगर, रहनकला, मनोहरपुर, जगन्नाथ गढी,सम्पतिगढी, छलेसर, चौगान, रामीगढी ,बंघारा,गोलानगला ,नत्थू का नगला आदि गाँव में रहनेवाले किसानों के साथ रहकर ही पीडा को समझा जा सकता है।

दिल्ली वार्डर पर 100से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं,टप्पल, भट्टा परसोल,सिंगूर, मंदसौर ,आगरा ऐसी तमाम जगह हैं जहाँ भूमिअधिग्रहण में किसानों ने शहादत दी हैं।

देश में अमीर भारत के लिये नीति बनाई जा रही है और गरीब भारत के किसानों को पीसा जा रहा है।

गरीब भारत लगातार जान दे रहा है -सुभाषचंद्र बोस जी के विचारों की सरकार लाने के लिये सभी को पढना होगा। भूमि अधिग्रहण बिल 2014 को बदला जा रहा है,कृषि कानूनों में फेरबदल हो रहे हैं कानूनों को समझना होगा,भारत माता की जय,वन्दे मातरम ,सुभाषचंद्र बोस अमर रहें,आदि नारों से गोष्ठी स्थल गूंज उठा।अरविंद सिकरवार,कपिल ठाकुर, जितेंद्र बघेल,अनिल सिकरवार, नइमुदद्वीन, धर्मेंद्र सिकरवार,  मुन्ना लाल  सिकरवार फौजी ,राजपाल,राम अवतार, असर्फीआदि उपस्थिति रहे।