वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने नववर्ष 2021 की सूर्योदय कालीन लग्न कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए कहा कि नववर्ष 2021 का आगमन काफी वर्षों बाद 27 नक्षत्रों के सम्राट दैवीय शक्तियों युक्त पुष्य नक्षत्र में शुक्रवार को उत्पात योग में हो रहा है, जिसके स्वामी ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश अर्थात जाने अनजाने में गलत कर्मों के निष्पक्ष रूप से दण्ड प्रदान करने वाले शनि ग्रह स्वयं हैं, ऐसा दुर्लभ संयोग भारत देश के लिए चमत्कारी रूप से परिवर्तन करने वाला होगा, क्योंकि शनि ग्रह को आम जनता का कारक ग्रह कहा जाता है, इसलिए भारत सहित पूरे विश्व के सभी नागरिक चुनी हुई सरकारों पर अपने सकारात्मक अधिकारों के प्रति आम जनता पूरी तरह हावी रहेगी, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि विश्व की सभी सरकारों को आम जनता के समक्ष झुकना पड़ेगा, और जो सरकार ऐसा करने सक्षम नहीं हो पाएगी उन्हें आम जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा क्योंकि शनि प्रधान पुष्य नक्षत्र इस नववर्ष 2021 में कई देशों की सरकारों के अहम का नाश भी करेगा, भारत देश में भी यह स्थिति रह सकती है, लेकिन स्वतन्त्र भारत का निर्माण 15 अगस्त 1947 को 27 नक्षत्रों के सम्राट पुष्य नक्षत्र में ही हुआ है, तो यह शनि प्रधान पुष्य नक्षत्र युक्त नववर्ष 2021 भारत को नई सकारात्मक ऊँचाइयों पर ले जाना वाला होगा जनता अपने मौलिक अधिकारों के प्रति क्रांति करेगी जिससे भारत सरकार को आखिरी में जनता के समक्ष झुकना पड़ेगा।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि दूसरी तरफ नववर्ष 2021 की सूर्योदय कालीन लग्न कुंडली में भारत के कुटुम्ब भाव या स्थान में देवगुरू ब्रहस्पति और मकर राशि में शक्तिशाली शनि ग्रह की गोचरीय ग्रह चाल में एक साथ युति है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में कुछ अराजक तत्व भारत देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश पूरे वर्ष करते रहेंगे विशेकर 6 अप्रैल 2021 से लेकर 20 सितम्बर 2021 तक इस तरह की स्थिति ज्यादा भारत देश पर ज्यादा हावी रहेगी। इसलिए भारत देश की सरकार को नववर्ष 2021 में विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है, और देश में कड़े कानून को बनाने से वर्तमान में बचने की प्रबल आवश्यकता है, अर्थात भारत की सभी गरीब और धनाढय आम नागरिकों को अपने पक्ष में लेकर ही किसी नए कानून को पारित करना चाहिए ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह के निष्पक्ष न्याय की तरह, भारत सरकार को इस बात का विशेष ध्यान रखने की प्रबल आवश्यकता है इस नववर्ष 2021 में पूरे वर्ष तक क्योंकि नववर्ष 2021 के आरंभ में शनि अपनी ही राशि मकर में जहां सशक्त नज़र आ रहे हैं वहीं साथ में बृहस्पति मकर में ही विराजकर सहमे-सहमे दिखाई दे रहे हैं क्योंकि वह गोचरीय ग्रह चाल में नीच अवस्था में स्थित हैं, लेकिन देवगुरू ब्रह्स्पति की शनि के साथ एक साथ युति के कारण उनका नीच भंग हो गया है, अर्थात विपरीत परिस्थितियों में सरकार को सद्बुद्धि और विपरीत स्थितियों को काबू करने में मदगार साबित होगें। नववर्ष की लग्न कुंडली में मंगल ग्रह जहां अपनी ही राशि मेष में शुभ भाव पंचम में कठोरता से जमकर बैठे हुए हैं, जो भारत की सीमाओं को पूरी तरह गुप्त शत्रुओं से सुरक्षित करने में मदगार साबित होंगे। नववर्ष की लग्न कुंडली में शुक्र वृश्चिक में अशुभ भाव बारहवें में चाण्डाल छाया ग्रह राहु के पूर्ण प्रभाव में स्थित हैं, इसलिए महिलाओं को इस नववर्ष में अपने महत्वपूर्ण निर्णयों व अपनी स्वयं की सुरक्षा के मामले में विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है, नववर्ष की धनु लग्न की कुंडली में सूर्य व बुध ग्रह एक साथ युति बनाकर धनु राशि में ही झंडा गाड़े हुए हैं। कुल मिलाकर नववर्ष 2021 की लग्न कुंडली के ग्रह-योगों के मद्देनज़र यदि भारत के संदर्भ में बात करें तो अर्थव्यवस्था का संकट पूरी तरह भारत देश पर गहराएगा। शेयर बाज़ार नित्य नई ऊंचाई पर पहुंचकर पहले ललचाएगा, फिर अचानक गोता लगाकर बेड़ा गर्क कराएगा। अर्थात विपरीत परिस्थितियों के बाद स्थितियां बाद में काबू में हो जायेंगी आर्थिक मामलों में।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि नववर्ष 2021 में राष्ट्र के किसी प्रमुख व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन पर तनाव देश की परेशानी को बढ़ा सकता है, विशेकर 6 अप्रैल 2021 से लेकर 20 सितम्बर 2021 तक और इस अवधि में सरकार अनावश्यक रूप से क्रूर और निष्ठुर नज़र आएगी। देश छोटे बड़े विवाद, झगड़े और आंदोलन से बेचैन हो जाएगा। घर से लेकर देश और विदेश तक छोटे और बड़े विवाद भृकुटी चढ़ाएंगे। देवगुरू ब्रहस्पति की नीच अवस्था के कारण झूठी बातें सत्य का स्थान ले लेंगी। माननीय लोग मिथ्या भाषण करेंगे। इसके साथ ही कई अन्य बड़े लोगों से जुड़ी परेशान करने वाली खबरें भी आयेंगी। कई बड़े अग्निकांड हो सकते हैं। इस नववर्ष में प्राकृतिक आपदाओं के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं। देश में अपराध में बढ़ोतरी होगी। देश की आम जनता भारत के क़ानून और अदालतों के पक्षपाती आचरण की शिकायत करेगी साथ ही देश की आम जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि करेगी। लेकिन नववर्ष 2021, में विज्ञान और शोध के क्षेत्रों से अच्छी खबरें भी आयेंगी।