एमिटी में अंतर्राष्ट्रीय ई संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया





नोयडा।उ.प्र.

आज एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा सैक्टर 125 ने अंतर्राष्ट्रीय ई संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस दो दिवसीय संगोष्ठी का विषय ’’स्मार्ट पाॅलिमर: वर्तमान परिदृश्य में अनुप्रयोग’’ है। इस कार्यक्रम के आयोजन में एशियन पाॅलिमर एसोसिएशन की भी सहभागिता है जिसमें विश्व भर के प्रतिनिधियों एवं वक्ताओं ने हिस्सा लिया।

सिंगापुर के एनयूएस के सर्कुलर इकोनाॅमी टास्क फोर्स के चेयर प्रो सीरम रामकृष्ण ने भविष्य के स्वास्थ्य देखभाल की प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार रखे। उन्होने कहा कि कोरोना -19 ने दुनिया भर में 6 अरब से अधिक लोगों की जीवन शैली को विचलित कर दिया है और स्वास्थ्य क्षेत्र को सबसे महत्वपूर्ण बना दिया है। उन्होने कहा कि पिछले दो दशकों से बायोमेट्रिक को विकसित किया जा रहा है ताकी बायो प्रिंटिंग, नैनोमेडिसिन, स्टेम सेल आदी के लिए प्रयोग में लाया जा सके। उन्होने यह भी कहा कि आने वाले समय में इंजीनियर प्रणालियों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के साथ जीवित ऊतकों एवं अंगों का सहज एकीकरण होगा। इसके अलावा प्रो रामकृष्ण ने कहा कि न्यूरल इंटरफेस, क्वांटम चिप्स आदी की मदद से इंसान अपने दिमाग को नए स्वरूप से देखेगा। उन्होने साझा किया कि महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त दवाओं को विकसित करने में अनुसंधान का एक बड़ा अवसर है। उन्होने छात्रों को सुझाव दिया की सही दृष्टिकोण और प्रेरणा छात्रों को उनकी बुद्धि का लाभ उठाने में मदद कर सकती है।

एमिटी एजुकेशन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक चैहान ने कहा कि इस तरह के मंच के सहयोग और दिमाग के तालमेल को आगे बढ़ाते है। उन्होने छात्रों को अपने कौशल को विकसित करने और सुधारने के लिए संगोष्ठी से शिक्षाओं का अनुकरण करने के लिए कहा।

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर प्रो भुवनेश गुप्ता ने कहा कि पाॅलिमर की दृष्टिकोण बेहद फायदेमंद है जिससे राष्ट्र के विकास मेें भी मदद मिल सकती है। उन्होने छात्रों को प्रोप्साहित किया की इस विषय पर अधिक से अधिक कार्य एवं अनुसंधान करे।

इस कार्यक्रम के दौरान पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में एमिटी साइंस, टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा डब्ल्यू सेल्वमूर्ति, एमिटी इंस्टीट्यूट आॅफ अप्लाइड साइंसेस की निदेशिका डा सुनीता रतन आदी आॅनलाइन मौजूद थे।