ताज के बिना दीदार किये, नहीं लौटेंगे पर्यटक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शुरू की ये नई व्यस्था।

 


सवांददाता, के,के,कुशवाहा



आगरा । मोहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार को आने वाले पर्यटक अब बिना उसका दीदार किये वापस नहीं लौट पाएंगे। जिला प्रशासन की ओर से मिले निर्देश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से ताजमहल सहित सभी ऐतिहासिक स्मारकों से तय सीमा की बंदीशो को हटा लिया गया है और ताजमहल के साथ सभी स्मारकों पर ऑफलाइन टिकट बेचे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। अब पर्यटक ऑनलाइन टिकट बुक ना होने पर ताज महल की टिकट विंडो से ऑफलाइन टिकट खरीद कर ताजमहल का दीदार कर सकेगा। शनिवार से यह व्यवस्था ताजमहल पर शुरू कर दी गई।


नव वर्ष के अवसर पर जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और जिला प्रशासन ने पर्यटकों को बड़ा तोहफा दिया है। नए साल पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने के मद्देनजर जिला प्रशासन ने ताजमहल सहित सभी स्मारकों पर नई व्यवस्था शुरू कर दी है। इस नई व्यस्था के चलते अब ताजमहल के साथ सभी स्मारकों पर टिकट विंडो से ऑफलाइन टिकटों की बिक्री की जाएगी। शुक्रवार को यह व्यवस्था आगरा किला फतेहपुर सीकरी और अकबर का मकबरा सिकंदरा पर शुरू कर दी गई लेकिन ताजमहल पर यह व्यवस्था शनिवार से शुरू हुई।


जिला प्रशासन के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कई चरणों में ताजमहल के साथ ऐतिहासिक स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या की तय सीमा में इजाफा कर चुका था लेकिन इसके बावजूद भी पर्यटक ताज का दीदार के बिना ही मायूस लौट रहे थे। लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए ताजमहल के साथ अन्य एतिहासिक स्मारकों से पर्यटकों की तय सीमा की बंदिश हटा दी है और ऑफलाइन टिकट काउंटर खुलवाए गए हैं जिससे ऑनलाइन टिकट बुक ना होने पर आगरा आने वाला पर्यटक ताजमहल का दीदार के बिना ही मायूस ना लौटे लेकिन इस बीच पर्यटकों को कोविड-19

के नियमों का पालन करना होगा।


अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा में ऑफलाइन टिकट काउंटर की शुरुआत कर दी गयी लेकिन इन काउंटरों से टिकट की बिक्री तब होगी जब ऑनलाइन सभी टिकट बिक चुके होंगे यह उन सैलानियों के लिए सुविधा है जो टिकट ना मिलने के कारण मायूस लौट रहे थे।