लहरा रही पताका गणतंत्र की गगन में



आगरा। उ.प्र.

संगीत के सुप्रसिद्ध तलेगांवकर परिवार के "संगीत कला केंद्र" ने रविवार को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीतों का सुंदर गायन प्रस्तुत करके आजादी के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी व भारत के गौरवशाली गणतंत्र को नमन किया। अवसर था स्वाधीनता संग्राम सेनानी व साहित्यकार स्व. रोशनलाल गुप्त करुणेश के फेसबुक पृष्ठ पर साप्ताहिक लाइव आयोजन का। 


दिवंगत संगीतज्ञ केशव तलेगांवकर की पत्नी प्रतिभा केशव तलेगांवकर,  उनकी पुत्री शुभ्रा केशव तलेगांवकर व  संगीत कला केंद्र के छात्रों ने यह शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का प्रारंभ करुणेश जी के लिखे गीत '' लहरा रही पताका गणतंत्र की गगन में, जयघोष गूँजते हैं संसार के पवन में " के गायन से हुई। इसके बाद प्रतिमा अस्थाना के लिखे प्रसिद्ध गीतों "चलो साथ-साथ, एकता की राह पर चलो साथ-साथ " व " क्रांतिगान सब मिल कर अब गाओ,नये क्षितिज पर नई शक्ति से नया सबेरा लाओ" को  प्रस्तुत किया। गीतकार राजबहादुर सिंह के लिखे गीत "यह पावन माटी है चंदन, आओ मिलकर करलें वंदन" को कलाकरों ने प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। धनीराम चौधरी के लिखे गीत " हिंद देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगा" और केशव तलेगांवकर के लिखे प्रिय गीत " सात सुरों के सात रंग में सुमधुर गीत सुनाएं'' की कलाकारों द्वारा प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। 


प्रारंभ में संगीत कला केंद्र ने करुणेश जी के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को नमन किया।

इस अवसर पर पटल पर शांति नागर, डॉ राजेंद्र मिलन, शशि गुप्ता, डॉ मधु भारद्वाज, डॉ कमलेश नागर, डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी,डॉ अशोक अश्रु, गोपी केशवानी, मौसमी सिन्हा,  जसवीर सिंह, प्रतिभा जिंदल, उपमा तलेगांवकर, वंदना चौहान, लोकेंद्र तलेगांवकर, अंशु भार्गव, निशिराज, शिखा श्रीधर सहित काफी संख्या में सुधीजन उपस्थित थे।