डुप्लीकेट सिम से खातों से पैसे उड़ाने वाले शातिर चढ़े पुलिस के हत्थे, कई वारदातों का हुआ खुलासा

 




सवांददाता, के,के,कुशवाहा



आगरा । रेंज साइबर थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर पुलिस ने लोगों की मोबाइल नंबर की दूसरी सिम जारी करा कर और फिर उनके खाते से नेट बैंकिंग सेवा चालू करके रकम निकालने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 4 मोबाइल, एक लैपटॉप, 6 सिम कार्ड, एक डायरी, खातों का विवरण बिट क्वीन खरीदने की जानकारी के लिए बैंकों का स्टेटमेंट, और चैट के स्क्रीनशॉट मिले हैं। इस गैंग ने एक किसान के खाते से 5.5 लाख रुपए निकाल लिए थे। इस गैंग का सरगना सचिन अभी भी फरार है वह आईटी का जानकार है।


साइबर थाने के एसआई चेतन भारद्वाज ने बताया कि डौकी के नगला बेहड़ निवासी किसान समर सिंह के खाते से जुलाई में 5.5 लाख रुपये निकल गए थे। बैंक जाने पर उन्हें पैसे निकलने की जानकारी हुई थी। इस घटना से पीड़ित सदमे में आ गया और उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच पड़ताल में पता चला कि रकम नेट बैंकिंग से हैदराबाद के खाते में भेजी गई थी। यहां से आगरा और फिरोजाबाद के दो खातों में रकम ट्रांसफर की गई। पुलिस की जांच में सामने आया कि सिम बंद हो गया था इस पर उन्होंने अपने पड़ोसी लव-कुश की मदद से उसी नंबर का दूसरा सिम लिया था लेकिन सिम दोबारा बंद हो गया इस पर फिर उन्होंने लव कुश की मदद से दुबारा सिम जारी कराया। इस पर पता चला कि उनके सिम को स्वैप करके नेट बैंकिंग चालू कराई गई थी और उसके बाद उनके अकाउंट से रकम को ट्रांसफर किया गया था जिन नंबरों से नेट बैंकिंग का प्रयोग किया गया पुलिस को उन्हें खोज लिया है। तीन आरोपी सूर्य प्रकाश उर्फ एसपी, शिवम जादौन और लव कुश गिरफ्तार कर लिए गए हैं।


पुलिस से बचने को बिटकॉइन में बदलते थे रकम:-


आरोपियों ने समर सिंह के खाते से रकम को निकालने के बाद तीन लाख 40 हजार के बिटकॉइन खरीद लिए थे। इससे पुलिस समझ रही थी कि साइबर गैंग ने रकम को बिटकॉइन में बदला है। आरोपियों ने इन बिटकॉइन को कुछ महीने बाद अपने खातों में रुपए के रूप में ट्रांसफर करा लिया था। ऐसा इसलिए करते थे कि पुलिस उन्हें पकड़ नहीं सके। पुलिस अब सरगना की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है और अन्य बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।


सरगना ने बेटे की पढ़ाई छोड़ शुरू किया साइबर अपराध:-


आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि गैंग का सरगना फरार आरोपी सचिन है। वह केके नगर सिकंदरा में किराए पर रहता है। वह बीटेक कर रहा था मगर बीच में पढ़ाई छोड़ दी और साइबर अपराध में जुट गया।


राशन कार्ड बनवाने का झांसा देकर लेते थे आईडी प्रूफ:-


यह गैंग लोगों के राशन कार्ड, पासपोर्ट बनवाने और अन्य जन सुविधाएं दिलाने का झांसा देकर उनके खातों की जानकारी और आधार कार्ड की कॉपी ले लेते थे जिस से ठगी करने होती थी। उसके आईडी प्रूफ के जरिए सिम ब्लॉक करा कर उसकी आईडी प्रूफ से डुप्लीकेट सिम जारी करा लेते थे। खाता संख्या और डुप्लीकेट सिम की मदद से खाते में नेट बैंकिंग सेवा शुरू करा लेते थे ओटीपी डुप्लीकेट सिम के नंबर पर आता था इसके बाद खाते से रकम निकाल लिया करते थे।