एमिटी विश्वविद्यालय में छात्रों को दी कैंसर से बचाव की जानकारी




नोयडा।उ.प्र.

विश्व कैंसर दिवस पर छात्रों को कैंसर से बचाव की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माॅलक्युलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिर्सच द्वारा आॅनलाइन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आॅनलाइन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में लखनउ के किंग जार्ज मेंडिकल विश्वविद्यालय के सर्जरी के पूर्व प्रोफेसर एवं विशेषज्ञ डा संदीप कुमार ने कैंसर से बचाव के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एमिटी सांइस टक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माॅलक्युलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिर्सच के चेयरमैन और फैकल्टी आॅफ हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डी बी सी दास ने डा कुमार का स्वागत किया।


आॅनलाइन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में लखनउ के किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के सर्जरी के पूर्व प्रोफेसर एवं विशेषज्ञ डा संदीप कुमार ने कैंसर से बचाव के संर्दभ में जानकारी देते हुए कि कैंसर उपचार की नई तकनीकों, निदान और उपचार के बारे में बताया। उन्होनें कहा कि विश्व कैंसर दिवस का नाम परिवर्तीत करके विश्व कैंसर नियंत्रण दिवस होना चाहिए। कैंसर या कर्क रोग में कोशिका अनियंत्रित होकर अधिक बढ़ जाती है और शरीर के पोषण को ग्रहण करती है। कुछ पुरानी कोशिकायें होती है जो समाप्त नही होती। डा कुमार ने कहा कि कर्क रोग की उत्पत्ती में दो प्रमुख कारक है प्रथम जेनेटिक कारक या हम प्रारब्ध कहते जिसमें अनुवांशिक कारणों से कैंसर होता है इसके अतिरिक्त पर्यावरणीय कारक भी होते है जिसमें खान पान, वायरल इन्फेक्शन, प्रदार्थ, भौतिकी, रसायनिक और समाजिक पर्यावरण शामिल है। डा कुमार ने कहा कि तंबाकू का उपयोग, मोटापा और शराब का सेवन, संक्रमण, प्रदूषण, जियो फिजिकल कारक या व्यवसाय जैसे रयायन के संर्पक में आने से कर्क रोग हो सकता है। उन्होने राथमैन्स काॅसल पाइ माॅडल के जरीए आवश्यक कारण और पर्याप्त कारण के बारे मे जानकारी प्रदान की। डा कुमार ने टिश्शु निदान, स्टेजिंग निदान, माॅलेक्यूलर निदान और जेनेटिक निदान के तरीकों के बारे में बताते हुए उपचार के विभिन्न तरीके जैसे स्थानिय कार्य, सर्जरी, रेडियोथिरेपी, सहित किमोथिरेपी, हाॅर्मोनल थिरेपी, इम्यूनो थिरेपी, जिनेटिक उपचार के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। उन्होने कहा कि कैंसर से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।


एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ माॅलक्युलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिर्सच के चेयरमैन और फैकल्टी आॅफ हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डी बी सी दास ने कहा कि एमिटी द्वारा कैंसर निदान शोध के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। हम सभी को समझना होगा कि कैंसर से बचाव, ईलाज से बेहतर है। अगर कैंसर के संर्दभ में प्रारंभिक स्तर पर जानकारी प्राप्त हो जाये तो उसे जल्द ठीक किया जा सकता है। डा दास ने कहा कि कैंसर से बचाव एंव रोकथाम के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा।


एमिटी सांइस टक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने अतिथि सहित प्रतिभागीयों का स्वागत करते हुए कहा कि जागरूकता के जरीए हम जोखिम के कारकों को कम कर सकते है। आज कैंसर निदान की तकनीकी उच्च स्तर पर पहंुच गई हैं जिससे कई व्यक्ति कैंसर से मुक्त हो रहे है। एमिटी द्वारा कैंसर रोकथाम हेतु शोध क्लटर का निर्माण किया गया है जिससे कैंसर के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों को इससे जोड़ा जा रहा है।


इस अवसर पर छात्रों और शोधार्थियों ने डा कुमार से कई प्रश्न भी किये जिनके उन्होनें जवाब प्रदान किये। इस कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के डा मनोज गर्ग, डा धुव्र कुमार और डा पल्लवी अग्रवाल भी उपस्थित थी।