एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए सरसों फसल उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।

 


नोयडा। हि वार्ता

एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द, एमिटी विश्वविद्यालय्र द्वारा गाँव गेसूपुर, सिकंद्राबाद में एक दिवसीय सरसों प्रक्षेत्र दिवस व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 55 पुरूष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया। एमिटी विश्वविद्यालय से एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र प्रभारी डा0 नीतू सिंह व वरिष्ठ शोध अधिकारी श्री रोशन लाल के साथ-साथ, गौतमबुद्ध नगर के सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री सुबेश चन्द व बुलंदशहर के तकनीकी कृषि सहायक सिकंद्राबाद, श्री सतीश कुमार भड़ाना ने किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया।


एमिटी विश्वविद्यालय से एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र की प्रभारी डा0 नीतू सिंह ने परियोजना के उद्देश्य एवम् उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और साथ ही साथ किसानों को बताया कि फसलों का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अच्छी किस्म के बीजों को उपचारित करके सही समय पर बुवाई करे व फसलों में कीट एवं रोग नियंत्रण के लिए रासायनिक कीट व रोगनाशक का प्रयोग ना करके जैव कीट व रोगनाशी जैसे नीम आधारित उत्पादों के प्रयोग करे।


गौतमबुद्ध नगर के सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री सुबेश चन्द ने सरसों फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक की जानकारी किसानों को दी। उन्होेंने किसानों को बताया कि किसान सरसों की बुवाई से पहले खेत को समतल करे। मिट्टी की जाँच कराकर आवश्यकता अनुसार खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करे। बुवाई के समय 40 किग्रा प्रति हैक्टेयर सल्फर का प्रयोग अवश्य करे।


बुलंदशहर के सिकंद्राबाद के तकनीकी कृषि सहायक, श्री सतीश कुमार भड़ाना ने खेती में फसल चक्र के महत्त्व एवं कृषि विभाग की परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी। उन्होंने किसानों को बताया कि गहरी जड़ वाली फसल के बाद झकड़ा जड़ वाली फसलों की बुवाई करे। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। श्री भड़ाना ने किसानों को सलाह दी कि किसान रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम करके जैविक खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट, एफवाईएम एवं हरी खाद का प्रयोग करे। जिसके फलस्वरूप फसल उत्पादन में लागत कम व आमदनी अधिक प्राप्त होगी।


प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन करते हुए एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र के श्री रोशन लाल ने बताया कि एमिटी विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डा0 अशोक कुमार चौहान जी के किसानों के प्रति विशेष लगाव और दूरदर्शिता के फलस्वरूप एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र की स्थापना वर्ष 2008 में की गई जिसका संचालन डा0 एन.पी.सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किया जा रहा है। एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र 2012 से जिला गौतमबद्ध नगर, गाजियाबाद एवं बुलंदशहर में खरीफ एवम् रबी मौसम की धान्य फसलें (धान, गेंहूँ), दलहन (अरहर, मूँग, उरद, मटर, मसूर) व तिलहन (सरसों, तिल) फसलों के प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित कर रहा है। 


कार्यक्रम में सरसों के प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का भी अवलोकन किया गया। किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि सरसों की दोनों प्रजातियाँ बहुत अच्छी है और पैदावार लगभग 25-30 कुन्तल प्रति हैक्टर तक मिलने की संभावना है। साथ ही साथ किसानों ने आग्रह किया कि एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र हमारे गाँव में आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन कराते रहे जिससे अन्य किसान भी लाभान्वित हो सके। 


विदित हो कि एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द ने वर्ष 2020-21 में 40 किसानों जिसमें 25 किसान ग्राम गेसूपुर, सिकंद्राबाद, बुलंदशहर और 15 किसान कलौंदा, दादरी, गौतमबुद्ध नगर के प्रक्षेत्र पर सरसों की उन्नतिशील प्रजाति आर.एच. 725 व सी.एस.-60 का प्रदर्शन कराया गया।