थाने के मालखाने में एक साल से पड़े हैं, पौने पाँच करोड़ के गहने।

 


 - परिजनों ने अभी तक नहीं किया है दावा।


आगरा। प्रवीन शर्मा

जिला आगरा के शमसाबाद में सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष मुकलेश गुप्ता और उनकी पत्नी लता गुप्ता की हत्या के एक साल बाद भी आरोपियों से बरामद 4.75 करोड़ के सोने-चांदी के जेवरात सहित नकदी पर किसी ने अपना दावा नहीं किया। इस वजह से जेवरात और नकदी पुलिस के मालखाने में अब तक रखे हुए हैं। पुलिस का कहना है कि वादी पक्ष की ओर से दावा तक नहीं किया गया है।सराफ मुकेश गुप्ता और लता गुप्ता की तीन बेटियां हैं। एक बेटी प्रियंका गुप्ता आगरा में रहती हैं, जबकि दूसरी बेटी दीपिका हैदराबाद तो तीसरी बेटी अहमदाबाद में रहती हैं। प्रियंका के पति सैन्य अस्पताल में हैं। प्रियंका ही केस में पैरवी कर रही हैं। आरोपियों से बरामद जेवरात और रुपया मालखाने में रखा है। 

प्रियंका ने बताया कि उनके पिता ही सोने-चांदी का हिसाब रखते थे। उनकी मौत हो गईं। अब उनके पास कोई हिसाब नहीं है। उन्हें तो यह तक नहीं पता कि सोना-चांदी कितना बाजार के लोगों का हैं, कितना उनके पिता का है। कसबा के कई लोग पिता के पास जेवरात रखते थे। वह उनसे (प्रियंका) मिल रहे हैं। मगर, जेवरात कौन सा किसका है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसके लिए उन्होंने विधिक राय ली थी। अधिवक्ता ने बताया कि जेवरात के लिए दावा करने वाले को कोर्ट में शपथपत्र लगाना होगा। इस पर वो एनओसी दे सकती हैं। मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही सोना-रिलीज किया जा सकता है। दावा करने वाले को पहचान करने पर ही जेवरात मिलेंगे।थाना शमसाबाद के प्रभारी राकेश यादव का कहना था कि मुकदमा कोर्ट में ट्रायल पर है। बरामद जेवरात और कैश को लेने के लिए वादी पक्ष की ओर से कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। कोर्ट में दावा प्रस्तुत किया जाना है।