होली दहन के आड़े नहीं आएगी भद्रा, दो घंटे 20 मिनट रहेगा मुहूर्त।

 


✍संजय तिवारी

फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर 28 मार्च को घर के द्वार के साथ मोहल्ले और चौराहों पर होलिका दहन होगा। होली के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त दो घंटे 20 मिनट रहेगा। होलिका दहन में इस बार सूर्य बेटी और शनि की बहन भद्रा होली दहन में आड़े नहीं आएगी। होली के आठ दिनी पहले होलाष्टक 21 मार्च को लगेगा और शुभकार्यों पर विराम लग जाएगा। 29 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सुबह तीन बजकर 32 मिनट से 29 मार्च को रात 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 को शाम छह बजकर 37 मिनट से रात आठ बजकर 57 मिनट तक दो घंटे 20 मिनट रहेगा। ज्योर्तिविद् पं. विजय अड़ीचवाल के मुताबिक दहन के दिन भद्रा दोपहर एक बजकर 37 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी। भद्रा सूर्य की बेटी और शनि की बहन है। पंचांग में भद्रा के दौरान होलिका दहन और रक्षा बंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस बार भद्रा दोपहर में ही समाप्त हो जाएगी और शाम को होलिका दहन निर्विघ्न रूप से हो सकेगा। शुभ मुहूर्त होलिका दहन से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।


22 मार्च से लगेगा होलाष्टक।


ज्योर्तिविद् पं. विजय तिवारी के मुताबिक होली के आठ दिनी पहले 21 मार्च को होलाष्टक लगेगा। इसके साथ ही शुभ कार्यों पर आठ दिनी के लिए विराम रहेगा। आठ दिनों तक शुभ कार्य नहीं होंगे। होलाष्टक में विवाह, सगाई, कर्ण छेदना, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण नहीं किए जाते हैं।