बुलंद हौसलों को समेटे देश आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास की ओर कदम बढ़ा रहा है:सचिव

 


आगरा। हि वार्ता

ताजनगरी के युवा उद्यमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत व वोकल फार लोकल के सपने को पूरी ईमानदारी और ज़िम्मेदारी से साकार करने में जुटे हुए हैं। कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही सभी काम धंधे भी चौपट हो गए, इस दौरान युवा उद्यमी ने  संकट के इस दौर में ‘लोकल फॉर वोकल के सिद्धान्त पर चलकर लघु एवं कुटीर उद्योग को गति दी।  


ताजनगरी में भी एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने लॉकडाउन के तुरंत बाद अचार से जुड़े स्वरोजगार को शुरू किया और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। युवा पीढ़ी के उद्योगपति सचिन शर्मा ऐसे शख्स हैं जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल की चुनौती को अवसर में तब्दील किया है। देश में लोकल प्रोडक्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए सचिन शर्मा ने अचार निर्माण का काम शुरू किया। अचार के निर्माण से जुड़ी कई घरेलू महिला को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। साथ ही उनके संस्थान के जुड़ी कई घरेलू महिलाओं को अपना परिवार चलाने में उनसे आर्थिक मदद भी मिली। इस के चले जरूरतमंद महिलाएं कोरोना काल की विश्व व्यापी आपदा का सामना करने में आत्मनिर्भर बनी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फार लोकल के आह्वान ने सचिन शर्मा के अचार निर्माण कार्य की गति को रफ्तार दे दी है। सचिन शर्मा का मानना है कि युवाओं के सोच में बड़ा बदलाव आया है वे खुद जॉब क्रिएटर बनने की राह पर चल पड़े हैं। देश में युवा उद्यमियों के आगे आने से कई अन्य लोगों को भी रोजगार मिलना अब आसान हो गया है। जब अचार का निर्माण कार्य शुरू किया तब कई महिलाओं व अन्य को घर के पास ही रोजगार मिल गया। जगनेर रोड़ नरीपूरा स्थित मां लक्ष्मी फूड प्रोडक्ट्स संस्था में लोकल आचार की 12 से अधिक प्रकार की वैरायटीओ को तैयार करके लघु एवं कुटीर उद्योग को गति दे रही हैं। पिछले 5 वर्षों से महिला शक्ति से संस्थान गति पकड़ रहा है। सचिन शर्मा ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य देश के प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा हैं। इसी क्रम में हमारी कंपनी भी विगत बर्षो से महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भता की ओर जागरूक कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि दस बर्ष पूर्व हमने घर व आस पड़ोस की महिलाओं के साथ मिलकर फूड प्रोडेक्ट के माध्यम से घरेलू अचार डालने का शुभारंभ किया। महिलाओं के आत्मविश्वास और हम लोगों की मेहनत से छोटा से प्रोडेक्ट ने देखते ही देखते कंपनी का रूप ले लिया। हमारी कंपनी में डाले जा रहे अचार को आगरा शहर के साथ साथ गांव के लोग भी पसंद करने लगे। क्योंकि हमारे यहां महिलाओं द्वारा डाले जा रहे अचार में घरेलू गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा गया हैं। हमारी कंपनी ने अभी तक आगरा शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कदम उठाये हैं।आज के दौर में महंगाई दिन प्रतिदिन सुरसा की तरह मुॅह फैलाये खड़ी हैं। रोजमर्या की वस्तुओं के साथ सब्जी भी काफी हद तक मंहगी हो गई हैं। ऐसे में गरीब वर्ग इन सभी वस्तुओं को खरीदने में सक्षम नही हैं। इस महंगाई के दौर में हमारी कंपनी द्वारा डाला गया अचार व अन्य प्रोडेक्ट लोगों के लिये लाभकारी साबित हों रहा हैं। हमारा उदेश्य हैं कि घरेलू महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर जागरूक कर उनको कार्य के साथ साथ पैसा भी दिलाया जाय ताकि वो अपना जीवन पर गर्व महसूस कर सके। हमारी कंपनी में अभी कुछ ही महिलायें कार्यरत हैं। लेकिन हमको जनसहयोग मिला तो हम काफी हद तक घरेलू महिलाओं का कार्य देने में सक्षम होगे। श्री शर्मा का मानना हैं कि बुलंद हौसलों को समेटे देश आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास की ओर कदम बढ़ा रहा है। यही वजह है कि कई दूसरे घरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत आधार मिल रहा है और इनसे जुड़ी महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपना परिवार पाल रहीं हैं। साथ ही अपने घरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं। कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है। भारत में कोरोना वायरस महामारी कि रफ्तार रोकने के लिए 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू हुआ था। देश में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ लेकिन इस बीच प्रधानमंत्री ने एक नई उम्मीद जगाने के लिए लोकल फॉर वोकल का नया नारा दिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय को भी भारत के लिए एक मौके की तरह देखा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में पहली बार 'लोकल पर वोकल' का नारा दिया,साथ ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाने पर ज़ोर दिया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की मुहिम भारतीय प्रोडक्ट्स के मार्केटिंग का शानदार तरीका हैं। अब 'समय की मांग है कि भारत हर प्रतिस्पर्धा में जीते, सरकार जो आर्थिक पैकेज घोषित कर रही है उसमें अनेक प्रावधान किये गये हैं, इससे क्षमता बढ़ेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी। स्थानीय उत्पाद के मामले में स्वदेशी,खादी और हथकरघा का उदाहरण देते हुये कहा, 'आपसे मैंने इन उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया तो इन उत्पादों की बिक्री रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई। इसका काफी अच्छा परिणाम मिला। संकट के इस दौर में ‘लोकल’ ने ही हमें बचाया है। स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों ने ही आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है, हमें इसे ही अपने आत्मनिर्भर बनने का मंत्र बनाना चाहिये। ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाना है।यह सब आत्मनिर्भरता, आत्मबल से ही संभव होगा।