एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए मटर प्रक्षेत्र दिवस और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन।

 


नोयडा।हि वार्ता

एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र, एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा कानपुर के भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के सहयोग से दलहन फसलों का प्रदर्शन गांव बुलंदखेड़ा, ईसीपुर और बिलासपुर, ब्लाक दनकौर में कराया गया। इस अवसर पर गांव बुलंदखेड़ा में किसानों के लिए मटर प्रक्षेत्र दिवस और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 45 पुरूष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र प्रभारी डा नीतूू सिंह, वरिष्ठ शोध अधिकारी श्री रोशन लाल, गौतमबुद्ध नगर के तकनीक सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री रामानुज पाल, तकनीक सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री मनोहर लाल सहित श्री जगत सिंह ने किसानों को जानकारी प्रदान की।


एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र प्रभारी डा नीतूू सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि मृदा स्वास्थय सुधारने के लिए किसान मित्र एवं मूल्य प्रभावी तकनीकी पैकेज के महत्व को समझना आवश्यक है। उन्होनें मृदा सौर्यकरण के द्वारा जड़गाठ एव कवकीय रोग से बचाव की जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त मृदा की उर्वरता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की तैलीय खली, वनस्पतिक पौधे, जैव उर्वरकों और कवक की जानकारी प्रदान की।

गौतमबुद्ध नगर के तकनीक सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री मनोहर लाल ने मटर की उन्नतशील प्रजातियों एवं खेती की तकनीकी जानकारी पर प्रकाश डाला। किसानों को जैविक खाद जैसे एफवाईएम, वर्मी कम्पोस्ट, नीम की खली एवं हरि खाद के प्रयोग पर बल दिया जिससे मृदा में कार्बनिक प्रदार्थ की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है।

  गौतमबुद्ध नगर के तकनीक सहायक कृषि विकास अधिकारी श्री रामानुज पाल ने किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि बुवाई से पूर्व अपने मृदा की जांच कराकर संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होनें किसानों को मृदा का नमूना लेने की जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर वरिष्ठ शोध अधिकारी श्री रोशन लाल और श्री जगत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।