प्रेम शर्मा,लखनऊ।
प्रदेश की बिजली कम्पनियो मध्यांचल पूर्वांचल दक्षिणांचल केस्को पक्षिमांचल बिजली दर की सुनवाई समाप्त होते ही विद्युत नियामक आयोग बिजली दर को अंतिम रूप देने में लग गया है।उपभोक्ता परिषद् द्वारा विगत दिनों सुनवाई में जो जनहित में कोविद राहत टैरिफ का शिडूल्ड दाखिल किया गया था। अनेको विधिक आपतिया सुनवाई के दौरान नियामक आयोग में सौपी थी। नियामक आयोग के निर्देश पर सचिव विद्युत नियामक आयोग श्री संजय कुमार सिंह द्वारा पावर कार्पोरेशन से 7 दिन में रिपोर्ट व उनका मत मांग गया है। परिषद का मानना है कि बिजली कम्पनियो को इस कोरोना संकट में उपभोक्ता को कोविद राहत टैरिफ प्रस्ताव को जनहित में लागू करने में पूरा सहयोग देना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प हो गया है की बिजली कम्पनिया उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर क्या रूख अपनाती है।जब उपभोक्ता परिषद् पहले ही प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से अपने कोविद राहत टैरिफ प्रस्ताव को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार का सहयोग मांग चूका है। अब बिजली कम्पनिया निश्चित ही दबाव में आ गयी है अब देखा यह है की कया जबाब आयोग में दाखिल करती है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब देखना यह है की पावर कार्पोरेशन उपभोक्ता परिषद् के जनता को राहत देने वाले प्रस्ताव पर क्या मत देता है वैसे निर्णय विद्युत नियामक आयोग को अनंता करना है लेकिन अगर उपभोक्ता हितमें पावर कार्पोरेशन पहली बार उपभोक्ता परिषद् द्वारा दाखिल प्रस्ताव का यदि सहयोग करता है तो प्रदेश के उपभोक्ताओ के बीच एक अच्छा सन्देश जाएगा हर बार बिजली कम्पनियो का रेट शिडूल्ड लागू होता है इस बार उपभोक्ता परिषद् के रेट शिडूल्ड को लागू होना चाहिए वैसे भी प्रदेश की बिजली कम्पनियो पर प्रदेश के उपभोक्ताओ जो लगभग रुपया 19534 करोड़ निकल रहा है उसके एवज में उपभोक्ता परिषद् ने काफी सोच समज कर और अध्यन कर प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर बिदूत नियामक आयोग की सुनवाई में चर्चा के दौरान किसी पक्ष द्वारा विरोध नहीं किया गया है ऐसे में सरकार का भी नैतिक कर्त्तव्य बनता है की वह उपभोक्ता परिषद् के कोविद राहत टैरिफ को लागू कराकर प्रदेश की जनता को कोरोना संकट में एक तोहफा दे ।