हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं दिवंगत पत्रकारों को नमन :धर्मेन्द्र कु.चौधरी"पत्रकार नेता"



आज हिन्दी पत्रकारिता दिवस है।आज के दिन 30 मई 1826 को ही भारत मे हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी गयी थी। 

इसी तिथि को सबसे पहला हिंदीअखबार 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन पंडित युगल किशोर शुक्ल, द्वारा किया गया था।

तब से इस तिथि को हिंदी पत्रकारिता दिवस, के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर सभी पत्रकार बन्धुओं- स्नेहिल स्वजनों को हार्दिक शुभकामनाएं।

आज हिंदी पत्रकारिता दिवस के शुभ अवसर पर हम उन अजीज मित्रों को दिल की गहराइयों से श्रद्धान्जलि अर्पित करते हैं..., जिन्होंने इस महामारी के दौर में अपनी शहादत दी।

हम उनके परिजनों को भी दिल से साधुवाद देते हैं कि जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया।

 वे हमारे धरा के अमर सपूत.......

 वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव (लखनऊ), ताविशी श्रीवास्तव (लखनऊ), विनय प्रकाश श्रीवास्तव (लखनऊ), पीपी सिन्हा (लखनऊ), केशव पाण्डेय (लखनऊ), मदन बहादुर सिंह (लखनऊ), प्रशांत सक्सेना (बरेली), पवन मिश्रा (लखनऊ), राशिद मास्टर साहब, हिमांशु जोशी (लखनऊ), अमृत मोहन (लखनऊ), निलांशु शुक्ला (लखनऊ), सच्चिदानंद गुप्ता सच्चे (लखनऊ), दुर्गा प्रसाद शुक्ला (लखनऊ), मोह मद वसीम (लखनऊ), हमजा रहमान (लखनऊ), रफीक (लखनऊ),अंकित शुक्ला (लखनऊ), चंदन प्रताप सिंह (लखनऊ), सलाउद्दीन शेख, मो कलाम (लखनऊ), मोह मद वसीम (लखनऊ), रीता सिन्हा (लखनऊ), कैलाश नाथ विश्वकर्मा (लखनऊ), अजय शंकर तिवारी (गोरखपुर), मनोहर अंधारे, राशिद, डा. राम नरेश त्रिपाठी (वाराणसी), अरूण पाण्डेय, लोकेन्द्र सिंह, प्रशांत सक्सेना, गोपाल मिश्र (औरैया), रामेन्द्र सिंह (वाराणसी), रत्नाकर दीक्षित (वाराणसी), बद्री विशाल (वाराणसी), शंभूनाथ उपाध्याय (वाराणसी), विजय सिंह (वाराणसी), ओम प्रकाश जायसवाल, जुनैद अहमद, सतीश मिश्रा (कासगंज) दुष्यंत कुमार (मेरठ), मधुसूदन त्रिपाठी (लखनऊ), शेष नारायण सिंह (सुल्तानपुर), सुभाष मिश्र (लखनऊ), राशिद खान (मुज्जफरनगर), गोपी उर्फ जसविंदर (मुज्जफरनगर), दिनेश पाठक (अलीगढ़), प्रशांत सक्सेना (बरेली), गोविंद भारद्वाज (बदायूं) पकंज कुलश्रेष्ठï (आगरा), बृजेन्द्र पटेल (आगरा), अमित भारद्वाज (आगरा), विजय शर्मा (आगरा), अमी आधार (आगरा) ,अम्बरीश गौड़ (आगरा), सन्त कु अवस्थी, लखनऊ, एवं मदन अग्रवाल ,आगरा एवं अजय शर्मा,आगरा आदि हैं।

देश-प्रदेश के सैकड़ों पत्रकारों के नाम भी ज्ञात नहीं हैं ,हम उन्हें भी बारम्बार श्रद्धान्जलि अर्पित करते हैं। 

अन्त में हम दिवंगत पत्रकारों के लिए यही कहेंगे......कि..


"यदि हमसे कोई पूँछे, कि वो क्या प्राणों से हाथ धो गये।

यही कहूँगा मरे नहीं वो..,अन्त काल तक अमर हो गये।।


जय हिन्दी पत्रकारिता । 👍

जय हिन्द👍


धर्मेन्द्र कु.चौधरी " प्रदेश सचिव "

उ. प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन