जीवन में सफलता के लिए डिजिटल पेशेवर ज्ञान का होना आवश्यक


हिंदुस्तान वार्ता, नोएडा।अनिल दूबे।

एमिटी विश्वविद्यालय में छात्रों हेतु पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम का शुभारंभ

छात्रों को कोविड के दौर में और कोविड के उपरांत रोजगार या व्यवसाय में सफलता हासिल करने के लिए सक्षम डिजिटल प्रतियोगी पेशवर बनने की दिशा में जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा 14 से 18 जून तक ‘‘ भविष्य के अभिविन्यास के साथ डिजिटल रूप में सक्षम पेशेवरों का निर्माण’’ विषय पर आॅनलाइन पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम का आयोजन किया गया। इस पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम का शुभारंभ आस्ट्रेलिया के डेलाॅइट के पीपल एनालिस्टीक के निदेशक श्री ग्रेग न्यूमैन, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल द्वारा किया गया। इस पाठयक्रम में सैकड़ों प्रबंधन के छात्रों ने हिस्सा लिया।

इस पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम का शुभारंभ आस्ट्रेलिया के डेलाॅइट के पीपल एनालिस्टीक के निदेशक श्री ग्रेग न्यूमैन ने संबोधित करते हुए कहा कि महामारी ने डिजिटल कार्य के महत्व को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। लगभग हर क्षेत्र में व्यक्ति को डिजिटल जानकारी होना आवश्यक है तभी कार्य बेहतरीन तरीक से हो पायेगा। उन्होनें छात्रो ंसे कहा कि अगर जीवन में सफल होना है तो आधुनिक तकनीकी को समस्या निवारण के लिए उपयोग करना आना चाहिए। उन्होनें अपने जीवन अनुभवो ंको साझा करते हुए कहा कि उन्होनंे कई देशों की यात्रायें की है, संस्कृतियों, समाजिक, राजनितीक विविधता के बावजूद हम सभी एक आपस मे जुड़े है और अपने परिवार से प्रेम करते है जो ऐसे अस्थितरता के दौर में भी हमें उर्जावान बनाये रखता है। इस कार्यक्रम का विषय आपको भविष्य उन्मुख बनायेगा। मानव संसाधन और मानव संसाधन तकनीक किसी भी संस्थान में सकारात्मक परिवर्तन लाते है और उत्पादकता को बढ़ाते है। कार्यस्थल विश्लेषण एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है।




एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी के इस अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट समय ने कई व्यापार, अतिथिसत्कार, पर्यटन आदि उद्योगों को प्रभावित किया है वही दूसरी ओर फार्मा, बीमा जैसे उद्योगो ने विकास भी किया है। उन्होनें कहा कि कोविड से पूर्व जिन संस्थानो ने डिजिटल क्षेत्र में निवेश किया उन्हें कार्य बहुत कम मात्रा या बिलकूल प्रभावित नही हुए। कार्य के नये नव समान्य विकसित हुए और उन्हे आत्मसात कर कार्य करने वाले सफल रहे।। उन्होनें कहा कि भविष्य में सफलता के लिए हमें स्वंय के अंदर रचनात्मकता और नवाचार को विकसित करना होगा और डिजिटल मंच को समझ कर डाटा विश्लेषक जैसे कौशल भी विकसित करने होगें। आपको अपने क्षेत्र में डिजिटल कौशल को समझ कर अभ्यास में लाना होगा। यह पांच दिवसीय पाठयक्रम आपके लिए अवश्य लाभप्रद होगा।


एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले 18 माह में व्यवसाय, समाज, उद्यम, कार्य, शिक्षण में व्यापक बदलाव हुए है। नव समान्य, नव तकनीको आदि का उपयोग आवश्यक है। वर्तमान और आने वाले समय में जो व्यक्ति डिजिटाइजेशन मे बेहतरीन होगें अवश्य सफल होगें। इस पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम में लगभग 30 घंटे विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल पेशेवर जानकार बनने के महत्व की जानकारी और भविष्य में सफलता के लिए स्वंय के अदंर कौन से कौशल विकसित करें की जानकारी प्रदान की जायेगी।


इस आॅनलाइन पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम के अंर्तगत ‘‘कोविड के उपरांत विश्व का अनावरण’’ पर प्रथम सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में एचएसबीसी की इंडिया एचआर एडवाइजरी की एस्सीटेंट वाइस प्रेसीडेंट सुश्री शालीनी शर्मा ने ‘‘ संकट के समय कार्य करना - एक अनुकूली मानसिकता’’ पर व्याख्यान देते हुए संकटकाल से उभरने के विभिन्न स्तर जैसे लोगों का साथ रखों, उस तरह के स्पेस का डिजाइन करो जो कार्य करते हो, चरणों मे समस्या का निवारण करें, लचीले लागत संरचना के प्रतिबद्ध रहे और भविष्य के लिए तैयार रहे। सुपरडेली के पीपल और कल्चर हेड श्री नागा सिद्धार्था ने ‘‘ लोगों के माध्यम से व्यापार में बदलाव’’ पर व्याख्यान देते हुए स्टार्टअप परिपेक्ष्य में कहा कि समय में बदलाव आ रहा है, यह वक्त कोरपोरेट व्यक्गित का है। सत्य प्रभाव को समझना होगा, भविष्य के स्वंय को तैयार करने के लिए विकास की मानसिकता अपनायें, सक्रिय रहें, असली प्रभाव को समझें, नेतृत्वता की कोचिंग, इलाज की बजाय देखभाल को तहरीज, परिवर्तनशील बनें। इफोगेन के ईवीपी एडं चीफ पीपल आॅफिसर श्री राजीव नथानी ने ‘‘ मानव और मानवतावादी बनें - भविष्य के संगठन का निर्माण’’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए वर्तमान समय में मानव संसाधन विभाग की बदलती भूमिका, तकनीक या घर से कार्य करने के दौरान उनके सम्मुख आ रही चुनौतीयों की जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त नितिन कौल कंसलटिंग के प्रिसिंपल कंसलटेंट के श्री नितिन कौल ने ‘‘ नव समान्य में नेतृत्व की चुनौतियां’’, एमिटी बिजनेस स्कूल की प्रोफेसर डा जया यादव ने ‘‘ अपने आस पास के विश्व को देखें’’ और एमिटी बिजनेस स्कूल की एस्सीटेंट प्रोफेसर और प्रशिक्षण प्रमुख डा पूजा सरीन ने ‘‘चलें और आगे का मार्ग’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।


इस अवसर पर छात्रों और शिक्षको ंने विशेषज्ञों से कई प्रश्न किये जिनके उन्हे जवाब प्राप्त हुए।

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