एमएलसी अपने पूरे कार्यकाल का वेतन और विकासनिधि देने की पेशकश वित्तविहीन स्कूलों और शिक्षकों को आर्थिक मदद दे सरकार: डा. आकाश

 



प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

डा.आकाश अग्रवाल,विधायक (आगरा शिक्षक खंड) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष,भारतीय शैक्षणिक संगठन ने उत्तर प्रदेश के 450000 (लाख) शिक्षकों और यूपी बोर्ड के लगभग 20000 वित्तविहीन विघालयों की कोरोना संक्रमण काल के चलते बिगड़ी आर्थिक स्थितियों का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार से वित्त विहीन स्कूलों और उनके शिक्षकों को आर्थिक सहयोग देने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार चाहे तो उनके छह वर्ष के कार्यकाल का समस्त वेतन और विकास निधि प्रदेश सरकार से वित्त विहीन स्कूलों और उनके शिक्षकों के आर्थिक सहयोग में देने में शामिल कर लें। 

श्री अग्रवाल ने कहाँ कि यूपी बोर्ड में हाईस्कूल व इंटर के प्रत्येक छात्र से परीक्षा शुल्क के रूप में क्रमश रु 500.75 और रुपए 600.75 लिए थे ।  इस लिहाज से हाई स्कूल के 2994312 और इंटर के 2609501 छात्र-छात्राओं से क्रमश 149 करोड़ और 156 करोड़ रुपए परीक्षा शुल्क के नाम पर लिए गए हैं ।  जिनका योग लगभग 305 करोड रुपए है । कोरोना महामारी के कारण हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा निरस्त कर दी गई है । इस कारण यह धनराशि प्रयोग नहीं हो पायी हैं । लगभग 305 करोड रुपए परीक्षा शुल्क के सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश के पास सुरक्षित रखे हैं । सरकार तत्काल 305 करोड रुपए की धनराशि को वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहयोग (कोरोना महामारी) के रूप में प्रदान करें। स्थानीय होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डा. आकाश अग्रवाल, विधायक (आगरा शिक्षक खंड) ने बताया कि अप्रैल 2021 से कोरोना महामारी की वजह से स्कूल पुनः बंद कर दिए गए है। ऐसी स्थिति में विघालय में फीस ना आने के कारण वित्तविहीन  शिक्षकों को वेतन  नहीं मिल पा रहा है। यह संकट प्रदेश के 20 हजार वित्तविहीन स्कूल एवं साढ़े चार लाख वित्तविहीन शिक्षक झेल रहे हैं। आर्थिक कठिनाइयों के कारण मई 2021 में एक शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मैने इस मामले में फरवरी 2021 में विधान परिषद् के सत्र के दौरान सदन में वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेयध् कोरोना काल में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए मांग रखी थी। जिसके जबाब में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फंड उपलब्ध न होने का कहा गया। जबकि सरकार के पास इस समय बोर्ड परीक्षा निरस्त होने से परीक्षा शुल्क का 305 करोड़ रुपए उपलब्ध है। इसलिए इस धन का प्रयोग सरकार शिक्षकों को आर्थिक सहयोग देने में प्रयोग करे।



संगठन की सरकार के समक्ष मांगे

(1) बोर्ड परीक्षा निरस्त होने से परीक्षा शुल्क का 305 करोड़ की प्रयोग शिक्षकों को आर्थिक सहयोग देने में प्रयोग करे ।

(2) जिस तरह सरकारी अध्यापको को आर्थिक सहयोग  (तीस लाख) दिया जा रहा है, वही सहयोग वित्तविहीन शिक्षकों के परिवारजनों को दिया जाए।

(3) कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को स्कूलों में आने की अनुमति दी जाए और विधिवत शिक्षा शुरू कराई जाए ।

(4) जितनी अवधि के लिए स्कूल बंद हुए हैं, उस अवधि का बिजली बिल केवल यूनिट के आधार पर लिया जाए।

(5) स्कूल वाहन का प्रयोग न होने की दशा में फिटनेस, बीमा, परमिट की अवधि को उतने ही समय के लिए बढ़ाया जाए।

(6) स्कूल वाहन पर लिए गए लोन पर बंदी समय का ब्याज माफ किया जाए एवं लोन की अवधि बड़ाई जाए।

(7) शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है इस पर सरकार द्वारा व्यय किया जाता है इसलिए तत्काल शिक्षकों को मानदेय दिया जाए।


भाजपा सरकार चुनाव घोषणा पत्र के वायदें पूरे करे


1  युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर बिना जाति और धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटॉप दिया जाएगा । 

2 युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर  एक जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा ।

3 सभी लड़कियों को ग्रेजुएट स्तर तक निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी ।

4 कक्षा 12 तक तथा कक्षा 12 में 50 प्रतिशत से अधिक पाने वाले लड़कों को ग्रेजुएट स्तर तक निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी ।

5 गरीब परिवारों से आए छात्रों की शिक्षा के लिए 500 करोड़ के लिए बाबासाहेब अंबेडकर छात्रवृत्ति कोष की स्थापना की जाएगी  ।

6 कक्षा १२ तक गरीब परिवारों से आए छात्रों को सभी पुस्तकें, स्कूल, यूनिफार्म, जूते तथा स्कूल बैग मुफ्त दिए जाएंगे ।

7 सभी कॉलेजों विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ।