देवों के देव महादेव का वह पवित्र स्थान जहाँ पर आधुनिक विज्ञान और वैज्ञानिक फेल।संकलन:धर्मेन्द्र कु.चौधरी







हि. वार्ता (धर्मेन्द्र कु.चौधरी )

कैलाश पर्वत जहाँ पर निवास स्थान है देवो के देव महादेव का – जहाँ पर आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुँच सका....।

वैसे तो विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट है और जिस पर 7000 हजार लोग अभी तक पहुँच चुके हैं...।

पर क्या कारण है कि उससे छोटे कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुँच सका...।

ऐसा नहीं है कि वहाँ पर पहुँचने की कोशिश नहीं की गई...

वहाँ पर पहुँचने के लिए अनेक प्रयास किये गये....।

परंतु सभी असफल रहे क्योंकि वहाँ पर चढ़ाई करने गए लोगों के साथ कुछ ऐसी घटनाएं हुई जिससे उनके होश उड़ गये...।

वहाँ पर चढ़ाई करने गए लोगों का कहना है कि वहाँ पर चढ़ाई करने के बाद वहाँ पर समय बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगता है और अचानक हाथ के नाखून और बाल बहुत बड़े हो जाते हैं... इसके अलावा वहाँ पर हमारे कोई यन्त्र काम नहीं करते और दिशा भ्रम होता है और अगर ज्यादा कोशिश करते हैं तो हमें कोई आभास कराता है कि अब मृत्यु निकट है जिस कारण लोग वापिस आ जातें हैं...।

बहुत से वैज्ञानिक और नासा ने अपनी खोज से ये निष्कर्ष निकाला है कि यह वह स्थान है जहाँ पर विज्ञान फेल है और उन्होंने इस स्थान को धरती का केन्द्र माना है...।

वह कहते हैं कि निश्चय ही यहाँ पर कोई ऐसी शक्ति है जो बहुत अधिक शक्तिशाली है और जिस के सामने विज्ञान कुछ भी नहीं...।

उनका कहना है कि यह पर्वत प्राकृतिक नहीं है...।

इस का निर्माण किसी शक्ति ने किया है और इस पर्वत के चार मुख हैं जो चारों दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं...

हमारे वेदों, रामायण, महाभारत में कैलाश का वर्णन है हम आज भी मानसरोवर की यात्रा करते हैं कैलाश पर्वत पर दो झीलें है एक ब्रह्मा द्वारा रचित सूर्य के आकार की पवित्र झील जिसे हम मानसरोवर कहते हैं और दूसरी राक्षस झील जो कि चन्द्र के आकार की है..।


वैज्ञानिको ने यह भी माना है कि इन झीलो का निर्माण किया गया है....

जब हम मानसरोवर से दक्षिण दिशा की ओर देखते हैं तो एक स्वस्तिक का निर्माण हमें दिखाई देता है जिस का वैज्ञानिक पता लगाने मे नाकाम रहे हैं तथा वह यह पता भी नहीं लगा सके हैं कि मानसरोवर पर जब बर्फ पिघलती है तो डमरू और ओम की ध्वनि कैसे और कहाँ से उत्पन्न होती है जिसे हम साफ सुन सकते हैं....


कैलाश पर्वत वह स्थान है जहाँ पर काल और समय का प्रवेश वर्जित है...

कैलाश पर्वत के चार मुख हैं...

पूर्व मे अश्व मुख जो कि क्रिस्टल से निर्मित है...

पश्चिम में हाथी के समान जो कि रूबी से... उत्तर मे सिंह जो कि स्वर्ण से... और दक्षिण मे मोर जो कि नीलम से निर्मित है...


कैलाश पर्वत पर हमेशा बिजली चमकती रहती है और जिस के ऊपर से भी कोई जहाज या पक्षी नहीं निकल सकता – ऐसा पवित्र स्थान है देवों के देव महादेव का...


जहाँ पर आधुनिक विज्ञान फेल है और जिसका वर्णन हमारे वेदों मे विस्तार से है...


🚩🔱 हर हर महादेव 🔱🚩🙏 🙏