विश्व पर्यावरण दिवस पर नेशनल चैम्बर की ज़ूम बैठक में पर्यावरण संस्थाओं ने किया मंथन ।




देश में  बने रिवर पॉलिसी (नदी नीति) 

राष्ट्रीय  नदी प्राधिकरण का हो  गठन ।

आगरा में  इको ब्रिक्स परियोजना  बढ़े  आगे।

इको ब्रिक्स  गार्डन की हो स्थापना ।

चैम्बर हर माह करेगा पर्यावरण विदों के साथ बैठक।


आगरा।हि.वार्ता (धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

आज 5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक  समन्वयक  पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता जी के  सहयोग से पर्यावरण पर एक जूम बैठक का आयोजन किया गया।  इस बैठक में  ब्रज  मंडल फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं रिवर कनेक्टिंग कैंपेन  के जन्मदाता  ब्रज खंडेलवाल, इंडिया राइजिंग  से अध्यक्ष आर पी  सक्सैना,  पूर्व अध्यक्ष - नितिन जोहरी, कामिनी शर्मा,  जीवन आधार वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्षा  डॉ मंजू गुप्ता,  पर्यावरणविद  कवि साहित्यकार सुशील सरित,  दीपिका का प्रवीण गुप्ता आदि पर्यावरण विदों ने अपने विचार प्रकट किए और पर्यावरण पर चिंता व्यक्त की गई। 

ब्रज मंडल  फाउंडेशन के अध्यक्ष  एवं  रिवर कनेक्टिंग कैंपेन  के जन्मदाता  ब्रज खंडेलवाल जी ने बताया कि यमुना नदी को के अस्तित्व को बचाने के लिए  उनके संस्था द्वारा लगातार काम किया जा रहा है  केवल यमुना नदी ही नहीं आगरा में यमुना के अलावा पांच और नदी हैं  सबकी  हालत एक जैसी है  गंगाजल पाइपलाइन डालने के बाद यह कहना कि आगरा की पानी की समस्या का समाधान हो गया है यह नितांत गलत है इसका अर्थ यह नहीं कि हम यमुना नदी को मर दें यदि हमारी यमुना नदी अपनी सही हालात में होती तो हमें  गंगा जल परियोजना की आवश्यकता ही नहीं पड़ती पूरे देश में नदियों को लेकर विवाद है यमुना में बैराज क्यों नहीं बन रहा है  इसमें क्या समस्या है यमुना नदी में डिसिल्टिंग क्यों नहीं की जा रही है  इसमें क्या समस्या है  हमें इन सब पर आवाज जोरदार इसे उठानी चाहिए  देश में नदी नहीं जी  बननी चाहिए और राष्ट्रीय नदी प्राधिकरण का गठन होना चाहिए ।

 इस अवसर पर  इंडिया राइजिंग के पूर्व अध्यक्ष श्री नितिन जौहरी ने बताया कि इंडिया राइजिंग गत 7 वर्ष से( 2014 से) पर्यावरण पर कार्य कर रही है।  शहर को सुंदर बनाने व स्वच्छ  बनाने पर इंडिया राइजिंग के द्वारा बहुत कार्य किया जा रहा है।  पूरे शहर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए हर रविवार को  वॉल पेंटिंग का  काम कराया जाता है।  इससे छात्रों एवं छात्राओं में और शहर के  लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो  हो रही है।  हर मानसून में 300-400 पौधे लगाए  जाते हैं।  हमारा प्रयास है कि जो आगरा आए वह अच्छा संदेश लेकर जाए।  उन्होंने आह्वान किया कि जनप्रतिनिधि उनके इस कार्य में सहयोग करें।  हम सबको मिलकर आगरा की पर्यावरण को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। यथासंभव इ वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।

चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने नितिन जौहरी  की बात का समर्थन करते हुए कहा कि इंडिया राइजिंग द्वारा यह बहुत ही अच्छा कदम है।  चैम्बर अपना पूरा सहयोग प्रदान करेगा।  चैम्बर  द्वारा हफ्ते में एक दिन (शनिवार के दिन)  कार फ्री डे की मुहिम चालू की गई है इससे पर्यावरण में काफी सुधार होगा। 

 इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि आगरा में प्रदूषण के लिए उद्योगों को जिम्मेदार बताया जाता है यह नितांत गलत है।  लॉकडाउन से पूर्व आगरा में पोलूशन का इंडेक्स 300 था और आज जब लॉक डाउन में फैक्ट्री आगरा में बराबर चल रही है किन्तु भारी वहां बंद रहे हैं तो पोलूशन का इंडेक्स काफी घट है।  इसका अर्थ यह है कि आगरा में प्रदूषण के लिए उद्योग उत्तरदायी नहीं है बल्कि आगरा में प्रदूषण अन्य कारणों  से होता है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। 

जीवन आधार वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्षा  एवं संस्थापक डॉ. मंजू गुप्ता  ने बताया कि पर्यावरण में सुधार हेतु उनके द्वारा इको ब्रिक्स परियोजना पर  कार्य किया जा रहा है।  इससे  घरों और परिवारों से पॉलीथिन  का कचरा बहकर नाली  व नालों  द्वारा बहकर  यमुना नदी में ना जाए।  इसको रोकने की बहुत ही आवश्यकता है। यमुना की तलहटी में  6 से 8 फुट तक पॉलीथिन का कचरा फंसा हुआ है।  पॉलीथिन के कचरे को नदी में रोकने के लिए  इको ब्रिक परियोजना  अत्यंत कारगर है।  इससे पॉलीथिन के प्रदूषण को  रोका जा सकेगा जिससे पॉलीथिन नदियों एवं समुद्र में जाने से रुकेंगे। एक ब्रिक्स से  सुंदर सुंदर गार्डन बनाई जा सकती हैं।  खेतों में सुन्दर क्यारियां बनाई जा सकती हैं तहत सुन्दर दीवारों का निर्माण किया जा सकता है। पॉलीथिन को जलाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पोलिथी कितने ही माइक्रोन की क्यों न हो वह हजारों साल तक गलती नहीं हैं i अतः प्लास्टिक के कचरे की समस्या के समाधान हेतु एक-ब्रिक्स परियोजना को चालू रखना आवश्यक है।  इस हेतु १ लीटर की बोतल में ४०० ग्राम पॉलीथिन ठूंस कर भरी जाती है जिसे उनकी संस्था एकत्रित कर किया जाता है।  उन्होंने बताया कि असम  में एक-ब्रिक्स से एक दीवार बनाई जा रही है।  इस हेतु आगरा के किसी क्षेत्र को इको गार्डन के लिए विकसित कर सकते हैं।  प्रत्येक घर में लगभग 3 किलो प्लास्टिक हर माह  निकलती है।  इस परियोजना को बड़े स्तर पर भी लिया जा सकता है। इसके द्वारा इको ब्रिक्स गार्डन का विकास किया जा सकता है।   

कवि साहित्यकार सुशील गुप्ता जी ने  कहा  की पिछले कुछ महीनों में इस कोरोना ने हमें कुछ सीख दी है और हमें इस कोरोना को धन्यवाद देना चाहिए।   इस  कोरोना ने हमें सिखाया है कि अगर हम प्रकृति के करीब रहेंगे, अगर हम पेड़ पौधों को अपने जीवन और घर में स्थान देंगे तो हमारा ऑक्सीजन लेवल ठीक रहेगा और साथ ही  हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी और इसके बढ़ने पर एक कोरोना क्या सभी रोगों से हम मुकाबला कर सकेंगे दिन पर दिन पर्यावरण की स्थिति खराब होती जा रही है इस पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए एक कविता पाठ किया जो इस प्रकार है। 

धरती व्याकुल ।

अंबर व्याकुल।

 नभचर व्याकुल ।

जलचर व्याकुल ।

नोच रही है इनको हर पल रोज़ प्रदूषण की बाघिन

 ऐसे चलेगा कितने दिन ।

यही रहा तो एक सांस लेना हो जाएगा कठिन।

 ऐसे ही चलेगा कितने दिन?

कल तक तो पानी बिकता था आज हवा भी बिकती है

 धूप बिकेगी कल शायद ।

 अब यही कहानी दिखती है ।पनघट व्याकुल।

 गागर व्याकुल ।

नदियां व्याकुल ।

सागर व्याकुल ।

पर्यावरण की देह पे कीलें ठोंक रहे हैं हम हर दिन ।

ऐसे चलेगा कितने दिन।

 यही रहा तो एक सांस भी लेना हो जाएगा कठिन।

ऐसे चलेगा कितने दिन?

 हरियाली को रोज सुनाती कंक्रीट फांसी का हुकुम ।

ताल तलैया धीरे-धीरे ।

जाने कहां हो रहे गुम ।

पर्वत व्याकुल ।

घाटी व्याकुल ।

पगडंडियों की 

माटी व्याकुल ।

दरक रहे हैं पर्वत के दिल उन पर लगे वृक्ष के बिन।

 ऐसे चलेगा कितने दिन,

 यही रहा तो एक सांस लेना हो जाएगा कठिन।

 ऐसे चलेगा कितने दिन?

 पिघल रहे हर रोज ग्लेशियर सूखा कहीं तो बाढ़ कहीं 

अबसादित हो रहे भगीरथ दिखते अब है कहीं नहीं ।

पंछी व्याकुल ।

बादल व्याकुल।

 फूल हैं व्याकुल ।

मादल व्याकुल।

 चैन किसी को नहीं कर रहे रोज हमीं सबको ही मलिन।

 ऐसे चलेगा कितने दिन ।

यही रहा तो एक सांस भी लेना हो जाएगा कठिन।

 ऐसे चलेगा कितने दिन?

इस अवसर पर  दीपिका प्रवीण गुप्ता ने अवगत कराया कि उनके द्वारा विद्युत शवदाह गृह में 10 सालों से कार्य किया जा रहा है वह जगह जगह थैले बांटकर लोगों में जागरूकता उत्पन्न कर रही हैं।  इको ब्रिक्स  पर भी उनके द्वारा काम किया जा रहा है।  फरवरी माह में इको ब्रिक बाउंड्री माथुर वैश्य भवन के पीछे बनाई गई है।  विद्युत शवदाह गृह के संबंध में उन्होंने अवगत कराया कि उनके द्वारा रैली निकालकर लोगों में जागरूकता उत्पन्न की थी।  अब उनका प्रयास चल रहा है कि विद्युत शवदाह गृह के संबंध में पूरे भारत में जागरूकता उत्पन्न किया की जाए।  पूर्व में जो विद्युत शवदाह गृह  में केवल लावारिस शवों को ही अंतिम संस्कार के लिए लाया जाता था।  अब इसकी जागरूकता होने के पश्चात सभी लोग द्वारा विद्युत शवदाह  गृह में अंतिम संस्कार के लिए शवों को लाया जा रहा है।  इससे काफी संख्या में पेड़ काटने से बच रहे हैं। 

 इंडिया राइजिंग के अध्यक्ष आरपी सक्सेना ने बताया कि उनकी संस्था गत 7 वर्षों से आगरा में लगातार शहर को स्वच्छ बनाने में प्रयास कर रही है उनका सपना है कि शहर  को स्वच्छ बनाया जाये।  इसे  प्रदूषण मुक्त रखें।  उन्होंने अवगत कराया कि शहर में उन्होंने कोई जगह ऐसी नहीं छोड़ी है जहां पर कार्य नहीं किया है।  अब उन्हें नगर निगम द्वारा सहयोग मिलना प्रारंभ हो गया है।  इंडिया राइजिंग के कार्य की जिलाधिकारी महोदय द्वारा भी कई जगह सराहना की गई है।  इंडिया राइजिंग द्वारा वृक्षारोपण में उसी क्षेत्र के सदस्य को पेड़ों को  जिंदा रखने की जिम्मेदारी दी जाती है।  यमुना नदी की पीड़ा पूरे आगरे की पीड़ा है।  इस पर कारगर कार्य करने की जरूरत है। 

हिंदुस्तान कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर नवीन गुप्ता जी ने बताया कि आज पर्यावरण में जो कमी आई है इसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। हमको अपने आसपास प्रदूषण मुक्त करने के प्रयास करने चाहिए।  उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि उनके द्वारा अपने अपार्टमेंट को पूरी तरह से पॉलीथिन फ्री कर दिया है।  शहर के अंदर वे कभी भी बड़ी गाड़ी लेकर नहीं जाते हैं।  

पूर्व अध्यक्ष एवं बैठक समन्वयक राजीव गुप्ता ने व्यक्त किया कि शहर को पोलूशन फ्री करने के लिए हमें प्लास्टिक रीसायकल प्लांट भी लगाना चाहिए जिससे कि प्लास्टिक कचरे को  न फेंका जाए और  साइकिल के द्वारा उन्हें पुनः प्रयोग में लाया जा  सके। 

पर्यावरणविद कामिनी शर्मा जो इंडिया राइजिंग की एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं तथा एक प्राइमरी  विद्यालय में  प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत हैं ने बताया कि उनके द्वारा पर्यावरण के प्रति बच्चों में हर प्रकार से संवेदना उत्पन्न की जा रही है।  उनके द्वारा बच्चों को पर्यावरण के लिए फाउंडेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है।  पर्यावरण सुधार के लिए हमें एक दूसरे का हाथ पकड़ कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है। 

ट्रांसपोर्ट  वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि इंदौर की भांति आगरा को चमकाने के लिए हमें संघर्ष करना होगा। प्रशासन से लड़ना होगा।  जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी आवाज को पुरजोर उठानी पड़ेगी।  शहर में प्रदूषण को रोकने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर बनाने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाना होगा। 

चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि चैम्बर स्तर से पर्यावरण पर लगातार काम किया जा रहा है। लोगों से सप्ताह में एक दिन कार फ्री डे के रूप मानाने की अपील की जा रही हैं . यमुना नदी में डिसिल्टिंग के लिए निरंतर रूप से पत्राचार हो रहा है और आश्वासन दिया कि वे यमुना नदी में डिसिल्टिंग करा कर ही रहेंगे। 

राजीव गुप्ता जी ने सुझाव दिया कि अधिकारियों एवं मंत्रियों के साथ बैठकों में स्वागत सम्मान में फूलों के स्थान पर पौधों के गमले दिए जाएं। 

पूर्व अध्यक्ष श्री सीताराम अग्रवाल जी द्वारा बताया गया कि नेशनल चैम्बर में वह 50 वर्ष पूरे कर चुके हैं।  शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चैम्बर द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।  यमुना नदी में सफाई के लिए 10 वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं।   यमुना नदी में सफाई के साथ दोनों और वृक्षारोपण के लिए भी सरकार को लिखा जा रहा है। आगरा से अलीगढ़ रोड की हालत बहुत खराब हुआ करती थी चैम्बर  के द्वारा लगातार प्रयास किए गए और आज वह रोड राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में संचालित है जिससे आगरा में प्रदूषण कम हुआ है।  आगरा में सीएनजी वाहनों के संचालित करने की आवश्यकता है सीएनजी स्टेशनों की कमी को पूरा करने के लिए चैम्बर द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है और संभवत यह प्रयास लगभग सफलता प्राप्त कर चुका है।  शीघ्र ही शहर में पर्याप्त संख्या में सीएनजी स्टेशन होंगे।   घरों में पीएनजी कनेक्शन देने के लिए भी चैम्बर द्वारा बहुत कुछ प्रयास किए गए हैं। 

 चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आज की बैठक में उपस्थित सभी पर्यावरण विदों द्वारा जो सुझाव पेश किए गए हैं चैम्बर उन पर अग्रिम कार्यवाही करेगा और हर माह एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।  जिससे पर्यावरण में सुधार के कार्य शहर में लगातार आगे बढ़ते रहें। 

 कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल ने इस पर्यावरण दिवस पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में सभी पर्यावरण विदों को अपने समय देने अपने विचार प्रकट करने तथा  सुझाव देने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया। 

इस बैठक में उपरोक्त के आलावा चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा एवं सदय  मनोज अग्रवाल ने भी प्रतिभाग किया।