नियामक आयोग के अधिकत्तर सदस्यों का कोविड टेरिफ प्रस्ताव में उपभोक्ता परिषद को समर्थन उपभोक्ता परिषद ने निगम में रिक्त पदों और आपरेशन क्लीन की उठायी मांग प्रबन्धन का किया समर्थन

 



प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

प्रदेश की बिजली कम्पनियों की तरफ से दाखिल एआरआर वर्ष 2021-22 व स्लैब परिवर्तन सहित रेग्यूलेटरी सरचार्ज बढाने के लिये दाखिल प्रस्ताव पर आज ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक राज्य सलाहकार समिति की विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन  आर पी सिंह एवं सदस्यगण कौशल किशोर शर्मा एवं विनोद कुमार श्रीवास्तव की उपस्थित में वीडियों कान्फे्रसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुयी। नियामक आयोग चेयरमैन श्री आर पी सिंह द्वारा सभी एजेन्डा बिन्दुओं पर समिति के सदस्यों के बीच प्रस्तुतीकरण किया गया इसके बाद बिन्दुवार हर एजेंडा पर सभी सदस्यों ने अपनी राय रखी। नियामक आयोग अध्यक्ष द्वारा सर्वप्रथम बिजली कम्पनियों द्वारा दाखिल एआरआर ट्रू-अप के आॅंकडों पर प्रकाश डालते हुये विस्तार से एक प्रस्तुतीकरण की स्लाइड दिखाते हुये सबकी राय मांगी। इसके बाद स्लैब परिवर्तन व बिजली कम्पनियों द्वारा निकाले गये रेग्यूलेटरी असेट लगभग 49827 करोड पर प्रस्तुतीकरण भी किया गया। नोयडा पावर कम्पनी, पावर ट्रांसमीशन कम्पनी के एआरआर पर भी प्रकाश डाला गया। आयोग चेयरमैन ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद कहा विद्युत नियामक आयोग सभी पहलुओं पर विचार विमर्श के बाद फैसला जल्द सुनायेगा।

प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के एआरआर पर सवाल उठाते हुये कहा कि बिजली कम्पनियों के  ऊपर उपभोक्ताओं का लगभग 19537 करोड रू. निकल रहा है इसलिये बिजली दरों में कमी करने के लिये उपभोक्ता परिषद के कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव को लागू कराया जाये ओर उसके संबंध में अनेकों विधिक तथ्य रखा और आगे कहा वितरण हानियाॅं 16.64 प्रतिशत प्रस्तावित करना गलत है क्योंकि 11.08 बिजनेस प्लान में पहले से अनुमोदित है। सब मिलाकर गैप को बढाने के लिये ऐसा किया जा रहा है। राज्य सेक्टर के उत्पादन गृह से पहले 3.60 रूपये प्रति यूनिट औसत में बिजली खरीद हो रही थी अब रू.4.10 प्रति यूनिट यानि 50 पैसा प्रति यूनिट अधिक पूरी तरह गलत है। इसी प्रकार निजी घरानों से भी मंहगी बिजली खारिज करने योग्य है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने स्लैब परिवर्तन पर अनेकों विधिक सवाल उठाते हुये कहा जब तक रेट शेडयूल के साथ स्लैब परिवर्तन न दाखिल हो उसे खारिज किया जाना चाहिये। जिस पर पावर कारपोरेशन केा छोडकर समिति के दूसरे सदस्यों सीआईआई वेस्टर्न रीजन के चेयरमैन श्री सी पी गुप्ता, डी जी आफ स्कूल मैनेजमेंट के डा0 भरत राज सिंह ने भी उपभोक्ता परिषद की बात का समर्थन किया। सी पी गुप्ता द्वारा उद्योंगों की दरों में कमी करने का भी सुझाव देते हुये ओपेन एक्सेस का भी मुददा उठाया गया। सभी सदस्यों ने स्लैब परिवर्तन को खारिज करने की मांग करते हुये कहा जब तक रेट शेडयूल के आधार पर आम जनता के बीच में व्यापक चर्चा न करा ली जाये उसे लागू करना उचित न होगा। इसलिये स्लैब परिवर्तन खारिज होना जरूरी है।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने रेग्यूलेटरी असेट के मुददे पर बिजली कम्पनियों पर सवाल उठाते हुये कहा भारत सरकार, उ.प्र.सरकार व पावर कारपोरेशन के बीच उदय का अनुबंध हुआ और अब 6 साल बाद शासन के एक पत्र का हवाला देते हुये रेग्यूलेटरी असेट का गलत आंकलन किया जाना पूरी तरह फोरजरी की श्रेणी में आता है। ऐसे में आयोग को सख्त कदम उठाना चाहियेे। उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्रियों के गुजरात में हुये सम्मेलन की भारत सरकार का निर्णय दिखाते हुये कहा कि इस मीटिंग में जब यह तय हो गया कि प्रदेश नियामक आयोग ने उदय का लाभ उपभोक्ताओं को दे दिया फिर अब 6 साल बाद उपभोक्ता परिषद के कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव रोकने के लिये रेग्यूलेटरी असेट की बात करना गलत है जिस पर बिजली कम्पनियों को छोडकर सभी अन्य सदस्यों ने उपभोक्ता परिषद की बात का समर्थन किया।परिषद ने  ऊर्जा विभाग के प्रतिनिधियों का बैठक में न शामिल होन पर सवाल उठाते हुये कहा कि ऊर्जा विभाग विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत आयेाग को चलाना चाहता है जो असंवैधानिक है। इसके अलावा नोयडा पावर कम्पनी पर अनाप शानाप खर्च आरोप लगाया। एनपीसीएल का एम डी 55 लाख तनख्वाह लेकर उपभोक्ताओं से मिलता तक नही है उसका लाइसेंस 2023 में खत्म हो रहा है उसे पश्चिमाॅंचल विद्युत वितरण निगम के अधीन पुनः किया जाये। पावर ट्रांसमीशन कम्पनी की तारीफ करते हुये उपभोक्ता परिषद ने एसएलडीसी को स्वतंत्र दर्जा दिये जाने की मांग उठायी।उपभोक्ता परिषद ने उपभोक्ताओं की सॅंख्या के अनुपात में रिक्त पदों पर भर्ती अविलम्ब शुरू किये जाने की आवश्यकता बताते हुये कहा बिजली कम्पनियों में उपभोक्ता सेवा में सुधार तभी होगा। बिजली कम्पनियाॅॅं आज तक एसओपी नही लागू कर पायी जो  चिन्ता का विषय है। उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन प्रबन्धन से आपरेशन क्लीन चलाने की मांग उठायी। आज की बैठक में जहाॅं अनेको उच्चाधिकारियों ने भाग लिया वहीं पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेश सहित मध्याॅंचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक ने भाग लेकर आयोग से विचारोपरान्त निर्णय लेने की मांग उठायी। स्मार्ट ग्रिड फोरम के चेयरमैन श्री रजई पिल्लई ने भी करोना संकट में जनता को राहत देने की वकालत करते हुये नयी तकनीकि को बढावा देने का उठाया मुददा। मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक ने भी मेट्रो की दरें कम करने का मुददा उठाते हुये क्रास सब्सिडी कम करने की उठायी मांग।