शासनादेश का आगरा जिला प्रशासन द्वारा खुला उल्लंघन : "गौसेवक" खोजी बाबा।



 आगरा। हि. वार्ता

आगरा में एडीए ने कुछ धार्मिक स्थलों को हटाया है। खोजी बाबा ,जो स्थल हटाये गये हैं,उस सम्बंध में उन्होंने शासनादेश का हवाला दिया है। वे इस मामले को लेकर आहत हैं।

सुधी पाठक ..पढ़ें ..उनका निम्न लिखित प्रेस नोट ।


 माननीय श्री योगी बाबा के आदेश हैं कोई भी धार्मिक स्थल 2010 के बाद के अवैध हैं। उन्हें अतिक्रमण द्वारा हटाया जाए। 

        इस संदर्भ में मैं प्रशासन को विगत दिनों ज्ञापन भी दे चुका हूं। इसके उपरांत भी अभी तीन दिन पहले दहतोरा, बोदला , आगरा में प्राचीन श्रीहनुमंत लाल जी महाराज के मंदिर पर एडीए का बुल्डोजर चला। और मंदिर हटा दिया गया।

        मैं विगत कई महीनों से जयपुर हाउस आगरा स्थित मजार का लगातार विरोध कर रहा हूं। जो कि एडीए की नाक पर है। वो 2011 तक 8 से 10 फुट की हुआ करती थी। अब 50 वर्ग गज के चबूतरे में बदल गई है। वहाँ प्रशासन क्यों मौन है , क्या कारण है।

    मैंने उपरोक्त मजार के समीप सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रशासन से आनुमति मांगी। लेकिन नहीं दी गई। और मुझे निवास पर धोखे से नजरबंद कर दिया गया।

     ये मेरी तीसरी और आखिरी चेतावनी प्रशासन को दे रहा हूं कि उक्त मजार को अतिक्रमण में लेकर हटायें। 

       अन्यथा मुझे कानून अपने हाथ में लेने के लिए बाध्य होना पडेगा।

नोट : मेरे व मेरे परिवार को एक विशेष समुदाय द्वारा कोई भी जानमाल का खतरा होता है। उसका जिम्मेदार स्वंय आगरा जिला प्रशासन होगा।


                                   "गौसेवक"

                             पं. मदन मोहन रावत

                                   "खोजी बाबा"