जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : भाजपा क्या निर्विरोध जीतने में होगी कामयाब ? …नकाब से पर्दा उठेगा।



अजितप्रतापसिंह लालू

कानपुर देहात ,जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये भाजपा के पक्ष में एक तरफा रजनीतिक बयार जोर सी पकड़ती जा रहीं है।भाजपा का इस पद पर ताजपोशी अभियान निर्विरोध चुनाव की ओर निरंतर बढ़ता प्रतीत होता है। बसपा और सपा के डीडीसी सदस्यों में तो अप्रत्यक्ष तौर पर भगदड़ मची है! “तू चल मैं आता हूँ, चुपड़ी रोटी खाता हूँ” की कविता गुनगुनाई जा रही है !

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा क़ा कब्जा विपरीत परिस्थितियों में भी काबिज कराने की कमर कसे हुये सत्ताधारी नेता लगातार जिला संगठन और पार्टी जन प्रतिनिधियों के साथ बैठके कर भाजपा के अलावा बसपा एवं सपा के समर्थित जिला पंचायत सदस्यों से लगातार संपर्क साधे हैं। भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों के निर्वाचित डीडीसी सदस्यों से सदर विधायक अपने कार्यालय पर उनसे देर रात तक क्रमानुसार समर्थन हासिल करने की गुफ्तगू करते है!विपक्षी सदस्यों के घरों पर भी जाकर  अपनी रणनीति को परवान चढ़ा रहे हैं

सूत्र तो यहां तक बताते हैं की बसपा  और सपा के जिला पंचायत सदस्य की भी गोपनीय वार्तायें भाजपा के नेताओ से हुई हैं, हालांकि इन दलों के वरिष्ठ जन इसे मिथ्या करार देते हैं लेकिन बसपा और सपा दोनों दलों के नेता दबे स्वर स्वीकार करते हैं की जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उनका राजनीतिक गणित फेल हो चुका हैं। उनके जिला पंचायत सदस्यों में अधिकांश बगावती तेवर अपनायें हुये हैं।

इधर भाजपा खेमे से विश्वसनीय सूत्रों के हवाले छनकर मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी के पक्ष में सदस्यों के समर्थन की संख्या 22हो गई हैं।जीत क़ा जादुई आंकड़ा 17है। राजनीतिक विश्लेषकों क़ा मानना है  की रणनीति यह हैं की विपक्षी दलों के जिला पंचायत सदस्यों से खूब सूरत सामंजस्य बैठाकर जिला पंचायत अध्यक्ष पर निर्विरोध ताजपोशी करा दें। वर्तमान में राजनीतिक परिस्थितियां भी इसी ओर इशारा करती सी दिखती हैं। तीन जुलाई को मतदान औऱ परिणाम दोनों सामने आ जायेगे। अध्यक्ष पद पर ताजपोशी पर पड़े “नकाब” क़ा पर्दा उठ जायेगा।