22 वर्षों से आईटी पार्क के नाम पर आगरा वासियों को दिया गया धोखा।नेशनल चैम्बर





-आईटी पार्क के नाम की कोई चीज नहीं ।

-एसटीपीआई निजी उपयोग के लिए बना रही है इसको 1 मंजिला सॉफ्टवेयर पार्क बन रहा है ।

-आम आदमी के लिए नहीं है कोई प्रावधान ।

-केवल चार कमरे एसटीपीआई चाहेगा तो दे सकता है लीज पर

चेंबर की टीम ने मौके पर मायना करके जानी सारी हकीकत 

चेंबर ने जताया गहरा रोष ।

आगरा।हिन्दुस्तान वार्ता

आज दिनांक 9 जुलाई 2021 को आखिरकार शास्त्रीपुरम डी ब्लॉक में बन रहे आईटी पार्क की हकीकत सामने आ ही गई।  एक बार फिर आगरा के साथ जबरदस्त छलावा हुआ और आगरा की जनता को जबरदस्त गुमराह किया गया। 

गौरतलब है कि 1998 में आगरा में आईटी पार्क बनाने की नींव रखी गई थी और आगरा विकास प्राधिकरण ने एसटीपीआई को ढाई एकड़ भूमि की रजिस्ट्री की थी और यह मैसेज दिया गया था कि यह आईटी पार्क प्लग एंड प्ले आधार पर तैयार  किया जाएगा।  जो 2017 में बनकर तैयार होना था।  परंतु दोबारा फिर निर्माण प्रारंभ हुआ जो आज तक चालू है और अभी तक यह प्रचारित किया जा रहा है कि यहां 6 मंजिला इमारत बन रही है जो प्लग एंड प्ले आधार पर संचालित होगा।  मार्च 2021 तक पूर्ण होने की संभावना जताई जा रही थी।  किंतु इसके पूर्ण न होने के कारण आज दिनांक 9 जुलाई 2021 को चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने चेंबर के आईटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन मयंक मित्तल एवं सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के चेयरमैन सचिन सारस्वत के साथ स्थल पर पहुंचकर मौका मायना  किया और पाया कि मात्र 1 मंजिला निर्माणाधीन इमारत पर लेंटर डाला जा चुका है और एक स्टोरी की ही यह इमारत बन रही है।  एक ही मजदूर काम करता मिला। बहुत पता करने के बाद यह पाया कि नागर बिल्डर द्वारा इस इमारत को बनाया जा रहा है।  प्रथमतः नागर बिल्डर से बात नहीं हो पाई किंतु बाद में नागर बिल्डर के एक इंजीनियर मोहम्मद शादाब से मुलाकात हो गई। तब मोहम्मद शादाब ने सारी हकीकत बयान की कि आईटी पार्क नाम की कोई चीज नहीं है।  इसे एसटीपीआई अपने निजी उपयोग के लिए ( कस्टम डाटा संकलन करने के लिए) अपना ऑफिस खोलने जा रही है।  कुल 16 कमरे प्रस्तावित है। जिसमें 4 कमरे फ्रंट ऑफिस, 4 कमरे स्टाफ ऑफिस, दो कमरे अपने आमोद प्रमोद के लिए और 4 कमरों को यदि  एसटीपीआई चाहेगी तो उन्हें लीज पर दे सकेगी।  

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया इसके बाद एसटीपीआई के अधिकारी राजीव चौहान से फोन पर वार्ता की । उन्होंने भी मोहम्मद शादाब के बयान को दोहराया और उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि यह बिल्डिंग एसटीपीआई के निजी उपयोग के लिए है।  

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने इस घटना पर गहरा दुख एवं रोष प्रकट किया है और कहा कि एक बार फिर आगरा के साथ जबरदस्त छलावा हुआ है।  फिर मायूसी हाथ लगी।  इसके बनने से एक आशा की किरण जागी थी कि आगरा का ब्रेन ड्रेन कम होगा।  मनीष अग्रवाल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय को इससे अवगत कराएंगे और ग्रेटर आगरा में आईटी सिटी के लिए 200 से 300 एकड़ भूमि की मांग करेंगे।