नोएडा ,गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद ,आगरा में सीबीआई के छापे।गोमती रिवरफ्रंट घोटाले के आरोपियों पर कसा शिकंजा।


लखनऊ।हिन्दुस्तान वार्ता

नोएडा ,गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में सीबीआई की रेड, गोमती रिवरफ्रंट घोटाले के आरोपियों पर कसा शिकंजा।

सत्येंद्र त्यागी के नोएडा के सेक्टर-29 में स्थित आवास पर भी सीबीआई की टीम पहुंची है।

2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था।

समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार के दौरान गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सोमवार की सुबह गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में सीबीआई की तीन जगह छापेमारी चल रही है। सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम रिवरफ्रंट घोटाले के तत्कालीन एसई रूप सिंह यादव के ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी सत्येंद्र त्यागी के नोएडा के सेक्टर-29 में स्थित आवास पर भी सीबीआई की टीम पहुंची है। यह सभी रिवरफ्रंट घोटाले के आरोपी हैं। 

40 शहरों में छापेमारी।

सीबीआई के इस एक्शन से परियोजना में शामिल इंजीनियर, ठेकेदारों और काम कराने वाली संस्थाओं में खलबली मच गई है। अब तक समाजवादी पार्टी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आज सुबह सीबीआई की टीम ने गौतमबुद्ध नगर-गाजियाबाद से लेकर गोरखपुर तक देश भर के 40 शहरों में एक साथ छापेमारी की। तत्कालीन सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रूप सिंह यादव का शिवालिक अपार्टमेंट कौशांबी, गाजियाबाद में भी एक आवास है। इसके अलावा उन्होंने ग्रेटर नोएडा के NRI City में आवास लिया है। इन दोनों जगहों पर सीबीआई की टीम जांच-पड़ताल कर रही है। 

यूपी के कई जिलों समेत राजस्थान-पश्चिम बंगाल में रेड।

रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने आज से कार्रवाई तेज कर दी है। आज सुबह से लखनऊ, नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा के अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 जगहों पर एकसाथ छापेमारी चल रही है। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार के दौरान लखनऊ में गोमती नदी के किनारे पर रिवरफ्रंट का निर्माण किया गया था। इस प्रोजेक्ट में अरबों रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच का आदेश दिया था। बाद में यह जहां सरकार ने सीबीआई को सौंप दी थी। अब इस मामले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू की है।

गंभीर आरोप लगे हैं।..

घोटाले के एक अन्य आरोपी सत्येंद्र त्यागी पर भी जांच एजेंसी का शिकंजा कसा है। एजेंसी नोएडा के सेक्टर-29 में स्थित उनके आवास पर छापेमारी कर रही है। दरअसल, गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं। इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेश से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है। 

न्यायिक आयोग ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था। जांच में सामने आया कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया है। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था। मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग से जांच की जिनकी रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा था।सा. मनोज मिश्र