गर्मी में रखें अपना ख्याल,हीट स्ट्रोक की समस्या से बचें :डॉ.अजीत सिंह चाहर

 



-जनपद में 40 डिग्री से अधिक हो रहा तापमान

-तरल पदार्थ का करते रहें सेवन, बाहर का खाना खाने से बचें

आगरा, 7 जुलाई 2021(हिन्दुस्तान वार्ता )

जनपद में बीते दिनों से गर्मी बढ़ती जा रही है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह रहा है। इस गर्मी से हर कोई बेहाल है। ऐसे में सभी लोगों को बचाव करने की जरूरत है, क्योंकि ज्यादा देर तक धूप या गर्मी में रहने से हीट स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। 

सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के  डॉ. अजीत सिंह चाहर ने बताया कि तेज धूप या गर्मी में अधिक समय तक रहने से हीट स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। ऐसे में शरीर से पसीने के रूप में गर्मी निकलती रहती है लेकिन इस समस्या में शरीर का नेचुरल कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है, जिससे तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक हो सकता है। ऐसे में अगर शरीर का तापमान 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा होने लगते तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।

डॉ. अजीत ने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पीएं। अगर एल्कोहॉल लेते हों तो इसे तुरंत बंद करें और तरबूज, नींबू पानी, नारियल पानी, लीची, कीवी, खरबूजा, अंगूर, छाछ आदि का सेवन करें। मरीज को कच्चे आम का पना और इलेक्ट्रॉल का घोल दें। चाय-कॉफी भूलकर भी न दें। मरीज को ठंडे पानी से स्नान कराएं।

इन बातों का रखें ध्यान 

- गर्मियों के दौरान ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पीने से शरीर में नमक की कमी नहीं होगी।

- तला-भुना और भारी भोजन करने से बचें। इसके अलावा गर्मियों में बाहर के खाने से परहेज करें। हीट स्ट्रोक के मरीजों को हल्का भोजन देना चाहिए।

- तेज धूप में बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना ही हो तो अपने साथ पानी की बॉटल, नींबू, छाता, ग्लूकोज़, सनग्लॉसेज जरूर रखें।

- गर्मी के मौसम में ठंडे पानी में नींबू और चीनी-नमक मिलाकर पीने से हीट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

- दही का सेवन जरूर करें। प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें और हीट स्ट्रोक के मरीज को हर दो-तीन घंटे पर छाछ देते रहें। इससे हीट का प्रभाव कम होगा और मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।

ये लक्षण होने पर डॉक्टर से करें संपर्क

1. सिरदर्द होना

2. चक्कर आना

3. त्वचा व नाक का खुश्क हो जाना

4. ज्यादा पसीना आना

5. मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी

6. उल्टी आना

7. ब्लड प्रेशर बढ़ना

8. बेहोशी आना

9. व्यवहार में बदलाव आना या चिड़चिड़ापन।