नए आयकर पोर्टल से एवाई 2021-22 के लिए आयकर अधिनियम के तहत विभिन्न अनुपालनों में आ रही हैं भारी समस्याएं। नेशनल चैम्बर

 



- पोर्टल में कमियों को दूर कराने के लिए माननीय वित्त मंत्री महोदया को चेंबर ने भेजा प्रतिवेदन। 

- चैम्बर ने मांग की कि नए पोर्टल में कमियों की वजह से अनुपालन में किसी कमी के लिए आयकरदाताओं के खिलाफ न कार्यवाही। 

- सीबीडीटी एवं वित्त मंत्रालय के अधिकारीयों के साथ विस्तृत वार्ता हेतु दिया जाये समय। 

आगरा।हि. वार्ता(धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

आज दिनांक 5 अगस्त 2021 को चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें नए आयकर पोर्टल से आयकर अधिनियम के तहत किये जाने वाले विभिन्न अनुपालनों में जो समस्याएं आ रही हैं उन पर चर्चा की गई।  चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आयकर का नया पोर्टल लांच किया किया है जिसमें कमियों के इस संबंध में माननीय वित्त मंत्री महोदया श्रीमती निर्मला सीतारमण जी को एक विस्तृत प्रतिवेदन भेजा जा रहा है जिसकी प्रतिलिपि सीबीडीटी के चेयरमैन महोदय, श्री जेवी मोहपात्रा को भी भेजी जा रही है।  प्रति संगलन।    

चेंबर के आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल  वर्मा ने बताया कि आयकर विभाग द्वारा आयकर अधिनियम 1961 के तहत विभिन्न अनुपालनों  को ऑनलाइन दाखिल करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  नए पोर्टल पर जो परेशानियां आ रही है वह इस प्रकार हैं  - पिछले और वर्तमान एवाई के आइटीआर 5 को डाउनलोड नहीं किया जा सकता।  पहले के एवाई रिटर्न की इ-सत्यापन प्रक्रिया काम नहीं कर रही है।  बैंक खाता प्रक्रिया काम नहीं कर रही है।   पिछले वर्षों के सभी पत्राचार ई-कार्यवाही अनुभाग में परिलक्षित नहीं होते हैं।

करदाताओं द्वारा उपयोग के लिए विकसित की गई की मुद्रा लिमिटेड द्वारा सशक्त नई डीएससी प्रबंधन उपयोगिता यानी *एम्-ब्रिज*नए ई फाइलिंग पोर्टल में शामिल होने के बाद से असामान्य रूप से काम कर रही है।  पिछले वर्षों की बकाया मांगे पोर्टल में प्रदर्शित नहीं हो रही है।  पासवर्ड भूल जाने का विकल्प काम नहीं कर रहा है।  रिफंड रि-इश्यू रिक्वेस्ट पोर्टल में दिखाई नहीं दे रही है और यही कारण है कि करदाताओं की रिफंड प्रक्रिया बीच में ही अटकी हुई है जिससे भारी नकदी और व्यवसाय में कार्यशील पूंजी  संकट आ रहा  है।  पोर्टल में शिकायत निवारण अनुभाग बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा है।  आइटीआर 5 के साथ पिछले एवाई से संबंधित अन्य सभी अटैचमेंट डाउनलोड नहीं किया किए जा सकते हैं।  वीएसवी के लिए विकल्प या टाइम नहीं है।  भले ही धारा 139 के तहत सभी प्रकार की रिटर्न भरने की नियत तारीख है, फिर भी नया पोर्टल स्वचालित रूप से 234f के तहत विलंब शुल्क की मांग कर रहा है।  धारा 2348 और 234c के तहत अग्रिम कर के भुगतान पर गणना गलत तरीके से पोर्टल में दिखाई दे रही है। इसके अलावा, असेसी स्वयं या प्रोफेशनलों के बार बार प्रयास के उपरांत भी असेसी का नया ई-फिलिंगपंजीकरण नए  पोर्टल में नहीं किया जा सकता। एक बार रिटर्न भरने के बाद रिटर्न की कॉपी पोर्टल में दिखाई नहीं दे रही है।  पोर्टल में धारा 154 के तहत ऑनलाइन सुधार कार्य नहीं कर रहा है। अभी भी हो पोर्टल में फॉर्म आइटीआर 3 उपलब्ध नहीं है।  फॉर्म 26AS में काटा और दर्शाया गया टीडीएस ऑनलाइन मोड में रिटर्न दाखिल करने में स्वतः नहीं भरा जाता है।

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि उपरोक्त के अलावा नई पोर्टल में और भी कई परेशानियां हैं जैसे वेबसाइट का बहुत धीमे चलना, डाटा की बहुत अधिक खपत करना।   उन सभी को विस्तृत रूप से प्रतिवेदन में लिखा गया है और कहा कि चैम्बर मांग करता है कि पोर्टल की मरम्मत शीघ्र करवाई जाए।  उसका पूरी क्षमता से  व सुविधाओं सहित नवीनीकरण किया जाए ताकि करदाताओं को हर अनुपालन में तेजी से कार्य हो सके और आने वाले समय में भारी और मानव रहित काम के बोझ को कम किया जा सके।  इस प्रकार प्रत्येक करदाता निर्धारित तिथियों के साथ ट्रैक करते हुए और नियत समय में काम पूरा कर सकें। 

आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बताया कि नए पोर्टल को लॉन्च करने में सरकार की मंशा तो कार्य को आसान बनाना है और हम इसके लिए सरकार की सराहना करते हैं, लेकिन कमियों के रहने का कारण यह है कि यह करदाताओं की राय को ध्यान में रखे बिना पोर्टल शुरू किया गया है।  यह भी मानते हैं  कि एक नया सॉफ्टवेयर /पोर्टल शुरू करने में हमेशा शुरुआती समस्याएं आती हैं लेकिन करदाताओं को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिन्हें शुरुआती समस्या नहीं कहा जा सकता।  नए आयकर पोर्टल में गंभीर कमियां हैं।  नए आयकर पोर्टल 2.0 में अनिवार्य रूप से इतनी आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं और कई सुविधाएँ अभी भी काम नहीं कर रही हैं। आयकर पोर्टल 7 जून, 2021 को लॉन्च किया गया था,  और इससे पहले 1 जून 2021 से पोर्टल बंद कर दिया गया था, जहां व्यावहारिक रूप से नए आयकर पोर्टल के तहत कोई काम नहीं किया जा सका। अनुपालन के लिए वैधानिक समय सीमा है और विफलता के मामले में करदाता के खिलाफ प्रतिकूल परिणाम होंगे। इसलिए नए पोर्टल को लॉन्च करने के लिए बहुत ही सावधानी के साथ  योजना बनानी जानी चाहिए थी। 

नेशनल चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स यूपी आगरा की ओर से हम आपसे अनुरोध करते हैं कि नए आयकर पोर्टल में आयकर जा ताऊ के सामने आने वाली समस्याओं को तुरंत हल किया जाए।

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने  कहा की चैम्बर की माँगा है कि माननीय वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी के अधिकारियों  के साथ नए पोर्टल के संबंध में वार्ता करने के लिए चैम्बर को समय प्रदान किया जाए साथ ही यह भी निर्देश जारी किए जाएं कि नए पोर्टल से आ रही कठिनाइयों के कारण आयकर अधिनियम के तहत किये जाने वाले विभिन्न अनुपालनों (कम्प्लाइंसेस) में कोई कमी केरहने से  आयकर दाताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए। 

बैठक में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा, को-चेयरमैन दीपक महश्वरी, प्रकोष्ठ सदस्य विष्णु भगवन अग्रवाल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।