वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय को ‘‘पेटेंट और व्यावसायीकरण के लिए शीर्ष भारतीय शैक्षणिक संस्थान अवार्ड’’ से किया सम्मानित।

 




नोयडा।हि. वार्ता

भारत एक ज्ञान की महाशक्ति के रूप में उभरा है जिसमें एमिटी द्वारा नये ज्ञान को उत्पन्न करके, आईपीआर के माध्यम से उस ज्ञान को सुरक्षित करके और उन्हे एप्लीकेशन में परिवर्तीत करके उद्योग और व्यवसायीकरण के माध्यम से समाज में लागू किया जाता है। एमिटी विश्वविद्यालय की इन्ही उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करते हुए भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय द्वारा आयोजित नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी अवार्ड 2020 कार्यक्रम में  ‘‘ पेटेंट और व्यावसायीकरण के लिए शीर्ष भारतीय संस्थान अवार्ड’’ के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवार्ड को केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा प्रदान किया गया जिसे एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान द्वारा प्राप्त किया गया।

केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह अवार्ड केवल व्यक्तियों या संस्थानों के नवीन विचारों को मान्यता ही नही देगा बल्कि अनुसंधान और विकास, अविष्कार और नवाचार की दिशा में कार्य कर रहे कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होनें जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र में समावेशी प्रगति के लिए, आईपी क्रांति लाने और आईपी कानूनों को मजबूत करने सहित उपयुक्त आईपी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर जोर दिया। उन्होनें घोषणा की पहले केवल सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को आईपीआर दाखिल करने के दौरान शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट थी किंतु उन्हे लगा कि यह छूट मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों को प्राप्त होनी चाहिए चाहे वो संस्थान देश में हो या देश के बाहर।

माननीय मंत्री ने कहा कि हमने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सुधार लाकर उसे स्न 2020 में 48 वें स्थान पर पहुंचाया है जो 2015 - 16 में 81वें स्थान पर था। उन्होनें कहा कि हम सभी को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के शीर्ष 25 देशों में होनें के महत्वकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मिशन मोड में कार्य करना चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सभी शिक्षाविदों से एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और युवाओं को आईपीआर, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और पेटेंट के बारे में बेहतर समझ के लिए प्रशिक्षित करने के लिए ऑनलाइन और संभवतः एक हाइब्रिड ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यक्रमों को देखने के लिए आह्वान किया। उन्होनें कहा किहमने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अगले 12 माह या 52 सप्ताह में भारत के विश्वविद्यालय मे दस लाख छात्रों में जागरूकता और बुनियादी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। माननीय मंत्री ने आईपीआर कानूनों में छात्रों को 75 छात्रवृत्ति की घोषणा की और संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आईपीआर कानूनों में छात्रों को 75 अन्य छात्रवृत्ति देने पर विचार करने के लिए कहा।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि संगठन के अनुसंधान और नवाचार के योगदान को मान्यता देने के लिए आयोजित यह कार्यक्रम, भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में कदम है जो कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री का मिशन है। उन्होनें कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और नवाचार एक महत्वपूर्ण उपकरण है और उन्होनें जोर देकर कहा कि उन्हें भारतीय युवाओं की रचनात्मकता, नवीनता और प्रतिभा में बहुत विश्वास है और यह भी विश्वास है कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं, मेधावी छात्रों, शोधार्थियों के साथ हम निश्चित रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में सबसे अग्रणी बन सकते है। उन्होनें एमिटी विश्वविद्यालय को पुरस्कार प्रदान करने के लिए माननीय मंत्री का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया की एमिटी राष्ट्र निर्माण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मिशन में सदैव योगदान देगी।

इस अवसर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री गिरिधर अरामाने, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के संयुक्त सचिव और पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क के कंट्रोलर जनरल श्री राजेन्द्र रत्नू और सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बैनर्जी उपस्थित थे।