एमिटी विश्वविद्यालय मे आयोजित नवाचार सप्ताह 2021 का समापन




हिन्दुस्तान वार्ता, नोएडा।

एमिटी इनोवेशन एंड डिजाइन सेंटर, एमिटी विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूशनस इनोवेशन कांउसिल और शिक्षा मंत्रालय के इंस्टीटयूशन्स इनोवेशन कांउसिल के सहयोग से देश के पूर्व राष्ट्रपति डा ए पी जे अब्दुल कलाम की जयंती पर उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रकट करते हुए आयोजित ‘‘नवाचार सप्ताह 2021’’ का आज समापन हो गया। समापन समारोह में एमएसएमई टीडीसी के प्रिसिंपल डायरेक्टर श्री आर पनीरसेल्वम, मेडटेल हेल्थकेयर के सहसंस्थापक डा सौम्याकांत दास, सात्वीको के सहसंस्थापक श्री प्रसून्न गुप्ता, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी फांउडेशन फॉर सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के महानिदेशक डा राजीव शर्मा उपस्थित थे।

एमएसएमई टीडीसी के प्रिसिंपल डायरेक्टर श्री आर पनीरसेल्वम ने संबोधित करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी सेंटर आगरा मे ंहम आईपीआर पर कार्य करते है। हम सदैव शिक्षण संस्थानों को सहयोग करते रहे है। एमिटी द्वारा शोध और नवाचार के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो ने प्रभावित किया है। श्री पनीरसेल्वम ने एमएसएमई द्वारा संचालित कार्यक्रमों को बताते हुए तकनीकी विकास सेंटरों के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। 

मेडटेल हेल्थकेयर के सहसंस्थापक डा सौम्याकांत दास ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी नवाचार में अग्रणी स्थान पर है, आपके द्वारा आयोजित नवाचार सप्ताह छात्रों को प्रोत्साहित करेगा। उद्यमिता कठिन है एक मेराथन की तरह जो इस यात्रा का आनंद लेते हुए आगे बढ़ेगे वह अवश्य सफल होगें। अगर आप समस्या निवारण करने के प्रयास में लगे रहेगें तो उद्यमिता के क्षेत्र में सफल होगें। समस्या का निवारण करने से पहले विचार करें कि आप जिस समस्या का निवारण कर रहे है कितने लोग उस समस्या से ग्रस्त है। शोध, विकास, प्रस्तुती और व्यवसायिकता ये उद्यमिता के चार प्रमुख भाग है।

सात्वीको के सहसंस्थापक श्री प्रसून्न गुप्ता ने कहा कि योग की गहराई में जाये तो दिखता है योग का अर्थ जोड़ना और जुड़ना है। योग केवल आसन तक सीमीत नही है, यम नियम बुनियादी तौर पर दस सिद्धांतो पर आधारित है। योगी बनने के लिए यम नियम का पालन आवश्यक है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों में नवाचार और रचानत्मकत मस्तिष्क का प्रोत्साहन आवश्यक है इसलिए एमिटी द्वारा नवाचार सप्ताह का आयोजन किया गया। कोविड महामारी ने जहां प्रभावित किया वही दूसरी ओर नये तरीके से विचार करने, कार्य करने, व्यापारिक मॉडल विकसित करने के अवसर प्रदान भी किये। नई शिक्षा नीति भी छात्रों में नवाचार और उद्यमिता के विकास करने पर जोर दे रही है।

एमिटी फांउडेशन फॉर सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के महानिदेशक डा राजीव शर्मा ने एमिटी विश्वविद्यालय में शोध और नवाचार के पर्यावरण की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

                इस अवसर पर ‘‘अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों का सहयोग’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अशोक कुमार महापात्रा, शिव नादर विश्वविद्यालय की कुलपति डा रूपमंजीरी घोष, महराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति डा नरेन्द्र सिह राठौड़ और एमिटी विश्वविद्यालय लखनउ कैंपस के प्रो वाइस चांसलर डा सुनिल धनेश्वर ने अपने विचार रखे।

शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अशोक कुमार महापात्रा ने कहा कि शोध का उददेश्य उत्पादकता, जीवन स्तर को बढ़ाने, समाज और उद्योगों की समस्याओं के निवारण हेतु होना चाहिए। उन्होनें मास्क निर्माण, अस्पतालोें के निर्माण सहित वैक्सीन की खोज में अकादमिको, शोधार्थियों, वैज्ञानिकों, उद्योगों, सप्लाई चेन आदि के सहयोग को रेखाकिंत किया। उन्होनें कहा कि सहयोग, विपणन आदि जीवन का महत्वपूर्ण भाग है। उच्च शिक्षण संस्थानो को चाहिए कि उद्योगों को कक्षा, इनोवेशन सेंटरो और इंक्यूबेशन सेंटर में शामिल करें। शिव नादर विश्वविद्यालय की कुलपति डा रूपमंजीरी घोष ने कहा कि छात्रों को अलग तरह से विचार करने के लिए प्रेरित करें और उन्हे वैश्विक अनावरण प्रदान करें। छात्रों से जाने की उन्हे मनचाही नौकरी करनी है या मनचाही नौकरी का निर्माण करना है।  महराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति डा नरेन्द्र सिह राठौड़ ने कहा कि शिक्षा केवल जागरूकता फैलाने के लिए नही है बल्कि उसका उददेश्य मांग और आपूर्ति के मध्य सेतु बनाना है। उद्योगों से सहयोग निर्माण ही शिक्षा की संपूर्णता है। शोध के उत्पादन को व्यापार के परिणाम में बदलना आवश्यक है। एमिटी विश्वविद्यालय लखनउ कैंपस के प्रो वाइस चांसलर डा सुनिल धनेश्वर ने कहा कि उद्योग, अकादमिक और सरकार का संयुक्त सहयोग ही देश को विकास की राह पर अग्रसर करता है।

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