संस्कार भारती की प्रथम संगीत सभा में गायन-वादन और नृत्य की बही त्रिवेणी।

 



 - स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शुभमंगल वेंकट हॉल, कमला नगर में गूँजे राष्ट्रीय चेतना के सांगीतिक स्वर।

- समाजसेवी स्वर्गीय राजेंद्र नाथ शर्मा का किया गया भावपूर्ण स्मरण।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कार भारती, आगरा द्वारा मंगलवार शाम कमला नगर स्थित शुभ मंगल वेंकट हॉल में राष्ट्रीय चेतना के सांगीतिक स्वर शीर्षक से प्रथम संगीत सभा आयोजित की गई। समारोह में एक ओर समाजसेवी स्वर्गीय श्री राजेंद्र नाथ शर्मा जी का भावपूर्ण स्मरण किया गया, वहीं दूसरी ओर ताजनगरी के नए प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ साथ मँझे हुए स्थापित कलाकारों और संगीतज्ञों ने गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी बहाकर सभी को भाव- विभोर कर दिया।

 यूँ हुआ शुभारंभ..।

समारोह के मुख्य अतिथि आयकर आयुक्त अपील एसके वाजपेई, समारोह के अध्यक्ष डॉ. पंकज नगायच और विशिष्ट अतिथि डॉ. एमपीएस ग्रुप के चेयरमैन रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह और इंजीनियर पवन कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर संगीत सभा का विधिवत शुभारंभ किया।

      दयालबाग शिक्षण संस्थान की प्रोफेसर और कार्यक्रम संयोजिका डॉ. नीलू शर्मा के नृत्य निर्देशन में उनकी शिष्या आकृति अग्रवाल और अनन्या ने संस्कार भारती ध्येय गीत, गणेश वंदना और राग मालकौश एवं तीन ताल में निबद्ध तराना पर कथक शैली पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

महफिल यूँ चढ़ी परवान..।

प्रोफेसर डॉ. नीलू शर्मा के शिष्य मोहित प्रभाकर के स्वतंत्र तबला वादन, हारमोनियम पर सुभाष सक्सेना की संगत में आन्श्वना सक्सेना के भजन "रहना नहीं देस बिराना है" की सुमधुर प्रस्तुति और शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में गौतम तिवारी की राग पूरिया घनाश्री की तीन ताल में निबद्ध बंदिश "आना वे मिल जाना वे" और ठुमरी "हम परदेसी लोग" ने संगीत सभा को ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। कला और संगीत प्रेमी सुध बुध भूलते से नजर आने लगे।

ताल एवं तंत्र वाद्य संगम रहा मुख्य आकर्षण.।

  एसडी श्रीवास्तव ने वायलिन, अरविंद मसीह ने सितार, प्रोफेसर नीलू शर्मा ने तबला और पंडित गिरधारी लाल ने जब पखावज का संयुक्त वादन कर वाद्ययंत्रों का संगम प्रस्तुत किया तो सामूहिक अति द्रुत लय में शामिल थाप, आलाप, सुरों, स्वरों,  झंकार, टंकार, थिरकती उँगलियों और मोहक भाव भंगिमाओं के साथ श्रोताओं की कर तल ध्वनियों और आह वाह से समूचा सभागार रस के महासागर में डूब गया।

इनकी भी रही भूमिका..।

संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख राज बहादुर सिंह "राज" ने समारोह का संचालन किया और स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ सांस्कृतिक पत्रकार डॉ. महेश धाकड़ कार्यक्रम के समन्वयक रहे। संस्कार भारती कमला नगर शाखा के अध्यक्ष एसके मिश्रा, कार्यक्रम संयोजिका डॉ. नीलू शर्मा, श्रीमती उमा देवी शर्मा, साधना शर्मा, अंजू शर्मा, अंकिता शर्मा, इंजीनियर अभिनव एवं शिवानी ने सभी अतिथियों और कलाकारों का हार्दिक स्वागत-सत्कार किया।

     इस दौरान साहित्य सेवी आदर्श नंदन गुप्त, आगरा आकाशवाणी के श्री कृष्ण शर्मा, आलोक आर्य, दीपक गोयल, कल्पना शर्मा और योगी सूर्यनाथ भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।