वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम में चल रहे श्रीमद्भागवत के प्रकाण्ड विद्वान डॉ. शिवकरण पांडेय के सप्त दिवसीय तिरोभाव महोत्सव में सन्त-विद्वत सम्मेलन सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए हरदेव पीठाधीश्वर जगतगुरु त्रिदंडी स्वामी देवनारायणाचार्य जी महाराज ने कहा कि स्व. डॉ. शिवकरण पांडेय श्रीमद्भागवत के प्रख्यात विद्वान थे। उन्होंने आजीवन भागवतमय जीवन जीया। उनके द्वारा शिक्षित असंख्य व्यक्ति समूचे विश्व में श्रीमद्भागवत का प्रचार-प्रसार कर उनकी ध्वजा को फहरा रहे हैं।
जगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि स्व. डॉ. शिवकरण पांडेय श्रीधाम वृन्दावन के इतिहास पुरूष थे। साथ ही श्रीधाम वृन्दावन के पर्याय भी। उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन काल में असंख्य विद्यार्थियों को श्रीमद्भागवत की निःशुल्क शिक्षा प्रदान की। वर्तमान में इस परंपरा का निर्वाह उनके प्रमुख शिष्य आचार्य नेत्रपाल शास्त्री जी महाराज अत्यधिक लगन से कर रहे हैं।
ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि स्व. शिवकरण पाण्डेय जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त होता जा रहा है। वह अनेकानेक सद्गुणों की खान थे। लालच,स्वार्थ व धन लिप्तता से कोसों दूर थे। इसलिए उन्होंने आजीवन संघर्षमय व अभावमय जीवन व्यतीत किया। परन्तु उन्होंने कभी भी किसी से याचना नही की।
श्रीमद्भागवत के शिक्षागुरु आचार्य नेत्रपाल शास्त्री महाराज ने कहा कि स्व. डॉ. शिवकरण पाण्डेय हमारे दीक्षा गुरु थे। उनके निर्देशानुसार मैंने भी श्रीमद्भागवत की शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया हुआ है।जिससे भारतीय वैदिक,सनातन संस्कृति व अध्यात्म का प्रसार-प्रसार समूचे विश्व में हो सके।
इस अवसर पर रँगलक्ष्मी संस्कृति महाविद्यालय के पूर्वप्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्रा, राजाराम मिश्र, युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा, भागवताचार्य तनयकृष्ण महाराज, शिव प्रसाद उपाध्याय, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, स्वामी सुबोधानंद, सेवानंद ब्रह्मचारी, ईश्वर चंद रावत एवं अखिलेश शास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन व धन्यवाद ज्ञापन आचार्य नेत्रपाल शास्त्री ने किया।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी