ईश्वर जो करता है, अच्छा ही करता है।संकलन:रोहित बंसल

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प्रेरक प्रसंग:-

एक नगर में एक राजा राज्य करता था। एक शौक जो प्राय सभी राजाओं को होता है, और वो है शिकार खेलने का। एक दिन राजा ने अपने मंत्री से कहा क्यों न शिकार खेलने जंगल में जाया जाए। राजा और मंत्री दोनों शिकार खेलने जंगल में गए। उन्हने एक हिरन दिखाई दिया। राजा ने उस पर प्रहार करने के लिए तीर निकला पर उस पर प्रहार करते समय अपने ही शस्त्र  से उसकी अपने अंगुली कट गई। मंत्री ने यह देख कर कहा ‘ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।

मंत्री के मुख से यह सुनकर राजा को बहुत बुरा लगा वह सोचने लगे मेरी तो ऊंगली कट गई और यह कहता है कि ईश्वर जो करता है वह अच्छा ही करता है। यह मेरा ही खाता है और मेरी ही हानी  चाहता है। इस प्रकार विचार करके उसने अपने मंत्री को अपने यहां से निकल जाने को कहा। चलते समय मंत्री ने फिर कहा ‘ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है। कुछ दिन बाद राजा पुनः शिकार खेलने गया एक हिरण का पीछा करते-करते एक जंगल में जा पहुंचा। हाथी घोड़े नौकर चाकर सब पीछे रह गए। जंगल में एक कबीला पूजन कर रहा था।  

उन्हें देवी के लिए नर बलि देनी थी।  तभी अचानक उनकी दृष्टि राजा पर पड़ी।  बलि के लिए उन्होंने राजा को पकड़ लिया। राजा को बलि के लिए खड़ा किया गया तो किसी की निगाह अचानक राजा के कटी हुई ऊँगली पर पडी।  राजा की अंग भंग होने के कारण उन लोगों ने राजा को छोड़ दिया। फिर भटकता हुआ राजा अपने राज्य में वापस पहुंच गया।  उसने सोचा इसी कटी हुई अंगुली ने आज मेरे प्राण बचाए हैं।  उसे मंत्री की बात का अर्थ समझ में आ गया और उस मंत्री को पुनः मंत्री पद पर रख लिया। राजा ने मंत्री से पूछा, मेरी ऊँगली कटी थी अब तो समझ में आ गया कि क्या अच्छा हुआ, क्योंकि कटी अंगुली के कारण मेरे प्राण बच सके।  

पर जब मैंने तुमको नौकरी से निकाला था तब भी तुमने यही कहा था कि ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है, उसका क्या अर्थ है। मंत्री ने उत्तर में कहा ‘महाराज यदि आपने मुझे निकाल न दिया होता तो मैं भी उस दिन शिकार के समय आपके साथ होता और मेरे अंग भंग न होने के कारण, मैं पूरी तरह योग्य समझा जाता और उस कबीले के लोग अपनी कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए मेरी बलि अवश्य चढ़ा देते। राजा की समझ आ गया कि, जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है।

शिक्षा:

हर बुराई में कोई न कोई अच्छाई छुपी होती है।

प्रसंग से, जो भी समस्या हमारे सामने आती हैं उस समय हम यही सोचते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, ऐसा मेरे साथ क्यों होता है। परंतु हर चीज जो भी हमारे सामने आती है वो कोई न कोई संदेश, शुभ संदेश, कल्याणकारी संदेश लाकर जरूर आती है। जिस समय समस्या आती है उस समय लगता है कि सब कुछ गलत हो रहा है, परंतु कुछ समय के बाद हमें समझ में आ जाता है कि हां यह चीज इस दृष्टिकोण से मेरे लिए अत्यंत लाभदायक भी है। इसीलिए किसी भी समस्या के बीच सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है।

सदैव प्रसन्न रहिये।

जय जय श्री राधे...,