आगरा के गणपति स्मार्ट सिटी में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ,चार दिवसीय महापर्व छठ,संपन्न, भोर से ही घाट पर उमड़ा आस्था का सैलाब।

 


हिन्दुस्तान वार्ता,आगरा। रवीन्द्र दूबे।

उग हो सूरज देव, भइल अरघ के बेर...।

 गीत के साथ गुरुवार को छठ व्रतियों ने गाय के दूध से उदीयमान भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। हवन के बाद चार दिवसीय आस्था व प्रकृति पूजा का महापर्व छठ संपन्न हो गया। इसके पूर्व बुधवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पण किया। दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर जाने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। गणपति स्मार्ट सिटी के क्लब हाउस के घाट पर श्रद्धालुओं ने छठ व्रत कर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।



कइली बरतिया तोहार हे छठी मईया...।


छठ महाव्रत के तीसरे दिन बुधवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने के लिए सिर पर दउरा लिए लोगों का हुजूम छठ घाट की ओर चल पड़ा। टोलियों में व्रती सामूहिक रूप से छठी मईया की गीत गा रही थीं। वहीं कई व्रती जमीन पर दंडवत करते छठ घाट की तरफ जा रहे थे। इन व्रतियों से कई लोगों ने आशीर्वाद भी लिया। छठ घाट को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। दउरा पर जल रहे मिट्टी के दीये व पारंपरिक छठ गीतों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।  अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने के बाद भी व्रती देर तक घाट पर भगवान सूर्यदेव का स्मरण करते रहे। 



दर्शन दिहीं हे आदित्यदेव...।


गीत के साथ गुरूवार को भोर होने से पहले ही छठ घाटों की तरफ व्रतियों के जाने का सिलसिला आरंभ हो गया। उषाकाल में व्रती सूप में पूजन सामग्री के साथ क्लब हाउस के जलाशय में गाय के दूध से भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इसके पूर्व वे काफी देर तक जलाशय में स्नान के बाद हाथ जोड़े खड़े रहे और भगवान भास्कर के उदयीमान होने की प्रतीक्षा करते रहे। घाट पर सोसाइटी के समाजसेवी सर्वश्री अनिल पांडे, श्री माहेश्वरी जी,नीरज अग्रवाल,देवेन्द्र तिवारी,डी एन त्रिपाठी,रंजीत ठाकुर,संतोष अग्रवाल,सुधीर शर्मा इत्यादि व्यवस्था संभाले रहे। व्रतियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए समाजसेवियों ने  तत्पर रहे। घाट पर आम का दातून, गाय का दूध अर्घ्य देने के लिए व व्रत संपन्न होने पर व्रतियों के लिए गर्म पानी तथा चाय की भी व्यवस्था की गई थी। तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री अशनित मेहता, एम एस खान एवं अखिलेश मिश्रा का सराहनीय योगदान रहा।